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Neck Pain : आपके मूड और प्रोडक्टिविटी को भी प्रभावित करता है गर्दन का दर्द, जानिए इसके कारण और उपचार

खराब पोश्चर के साथ साथ कई अन्य कारणों से भी गर्दन का दर्द हो सकता है। जानते हैं उन कारणों और उनके उपचार कि विधि। कुछ उपाय अपनाकर गर्दन के दर्द से बचाव भी किया जा सकता है ।
Updated On: 23 Oct 2023, 09:32 am IST
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ye neck pain ka bhi karan ho sakta hai
हेडफोन या ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल गर्दन में दर्द का कारण भी बन सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

गर्दन का दर्द (Neck Pain) सिर के नीचे रीढ़ की हड्डी में या उसके आसपास दर्द होता है। इसे सर्वाइकलगिया (cervicalgia) भी कहा जाता है। गर्दन सरवाइकल स्पाइन (Cervical Spine) के रूप में भी जाना जाता है। गर्दन का दर्द कई अलग-अलग चोटों और मेडिकल कंडीशन के कारण भी हो सकता है। यदि इसका इलाज नहीं किया गया, तो गर्दन का दर्द या नेक पेन दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकता है। इससे लाइफ क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है। हालांकि गर्दन के दर्द के ज्यादातर कारण गंभीर नहीं होते हैं। दर्द की दवा, एक्सरसाइज और तनाव प्रबंधन (Stress Management) से इसे (Neck Pain) ठीक किया जा सकता है।

क्या हो सकते हैं गर्दन में दर्द के कारण (Neck Pain Causes)

दिल्ली के वेलनेस सेंटर के फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट राजेश कुमार के अनुसार, खराब पोश्चर के अलावा, उम्र बढ़ने, शारीरिक तनाव, मानसिक तनाव, चोट लगने पर भी गर्दन का दर्द हो सकता है। ओस्टीओपोरोसिस, बोन का द्रव्यमां घटने, ट्यूमर, सिस्ट के साथ-साथ गर्दन के नसों पर दबाव बढ़ने पर भी गर्दन में दर्द हो सकता है। कुछ गंभीर स्वास्थ्य कारणों जैसे कि मेनिनजाइटिस, रुमेटीइड अर्थराइटिस और कैंसर के कारण भी गर्दन का दर्द हो सकता है।

गर्दन का दर्द से राहत पाने के उपाय (Treatment of Neck Pain)

1 हॉट थेरेपी (Hot Therapy)

नेक पेन होने पर गर्म स्नान करें। गर्दन दर्द वाली जगह पर हर कुछ घंटों में 15 मिनट के लिए गर्म तौलिया या हीटिंग पैड रखें। पैड को सबसे कम सेटिंग पर रखें। हीट मसल्स को ढीला करती है। यह ब्लड फ्लो को बढ़ावा देती है।

2 कोल्ड थेरेपी (Cold Therapy) 

हर कुछ घंटों में 15 मिनट के लिए कोल्ड पैक गर्दन पर रखें। तौलिये में लपेटा हुआ आइस क्यूब भी रखा जा सकता है। ठंड ब्लड वेसल्स को संकीर्ण कर देती है। इससे जलन और सूजन कम हो जाती है। चोट लगने के तुरंत बाद गर्मी की बजाय ठंडक का प्रयोग करें।

3 एक्सरसाइज(Exercise) 

हेल्थकेयर प्रोवाइडर की सलाह पर नेक एक्सरसाइज करें। यदि गर्दन में गंभीर चोट है या नस दब गई है, तो व्यायाम करने का प्रयास न करें।

4 तनाव कम करें (Reduce Stress) 

माइंडफुलनेस, ध्यान, सांस लेने के व्यायाम और योग शरीर में तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ये गर्दन दर्द से भी राहत दिला सकते हैं।

5 दर्द निवारक दवाएं (Medication) 

दिल्ली के वेलनेस सेंटर के फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट राजेश कुमार के अनुसार, डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाएं भी ली जा सकती हैं। गर्दन के दर्द और सूजन को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ली जा सकती हैं। गर्दन की मांसपेशियों को ठीक करने में मदद करने वाली दवाएं, मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं गर्दन के दर्द के लिए सही हो सकती हैं।

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पीगर्दन के दर्द और सूजन को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ली जा सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

6 फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy)

व्यायाम और गतिविधियों को सीखने के लिए फिजिकल थेरेपिस्ट या फिटनेस ट्रेनर कि मदद ली जा सकती है। इससे गर्दन की मांसपेशियों और टेंडन मजबूत होते हैं और लचीलेपन में सुधार होता है। पीठ की एक्सटेंसर मांसपेशियों का व्यायाम करें।

गर्दन के दर्द से कैसे बचाव किया जा सकता है (Prevention of Neck Pain)

अच्छी मुद्रा का अभ्यास करें (Good Posture) : कंप्यूटर और फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सही स्थिति में रखें। उनका उपयोग करते समय गर्दन को झुकाना या तनाव न उठाना पड़े। बैठते समय कंधे एक सीध में और पीठ सीधी रखें, ताकि गर्दन पर दबाव न पड़े। यात्रा के दौरान भी पोश्चर का ध्यान रखें।

1 नींद में पोश्चर का ख्याल (Sleeping Posture)

दिल्ली के वेलनेस सेंटर के फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट राजेश कुमार के अनुसार, अच्छी मुद्रा के साथ नींद लें। यदि पीठ या बाजू के बल सोती हैं, तो सिर को सहारा देने के लिए तकिये का उपयोग करें, ताकि सिर और गर्दन शरीर के बाकी हिस्सों के साथ एक सीध में रहे। यदि पीठ के बल सोती हैं, तो पीठ के निचले हिस्से से अतिरिक्त दबाव हटाने के लिए घुटनों के नीचे एक तकिया रखें

2 सक्रिय रहें (Be Active)

लंबे समय तक बैठने पर कभी-कभी ब्रेक भी लें। घूमें-फिरें और गर्दन की मांसपेशियों सहित पूरे शरीर को फैलाएं। कंधों पर भारी वजन न उठाएं। किताबों के बैग या सूटकेस जैसी भारी वस्तुएं कंधे पर ले जाने से बचें। इसके बजाय पहियों वाले सामान या बैग का उपयोग करने पर विचार करें

लंबे समय तक बैठने पर कभी-कभी ब्रेक भी लें। घूमें-फिरें और गर्दन की मांसपेशियों सहित पूरे शरीर को फैलाएं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 बढ़ती उम्र की समस्याओं काे समझें

उम्र बढ़ने के साथ पीठ के ऊपरी हिस्से की ताकत कम होना सामान्य है। परिणामस्वरूप कंधे आगे की ओर झुकते हैं। आपका सिर रीढ़ की हड्डी के सामने की स्थिति में आगे की ओर झुका होता है। यह स्थिति गर्दन और पीठ के ऊपरी हिस्से पर अतिरिक्त दबाव डालती है। व्यायाम इसमें मदद कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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