युवाओं के स्वस्थ रहने और अपने लक्ष्य को पाने के लिए अग्रसर रहने पर ही किसी भी देश का विकास निर्भर करता है। यदि युवा आबादी बीमार है और गलत जीवनशैली को फ़ॉलो कर रही है, तो वह कैसे देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा सकेगी। स्वस्थ तन और स्वस्थ मन के साथ ही किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। युवाओं को स्वस्थ रहने का संदेश (tips to stay young) देने के लिए ही हर साल विश्व में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले जानते हैं इस ख़ास दिवस के बारे में।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 12 अगस्त को इंटरनेशनल यूथ डे या अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत की। यह युवाओं को जागरूकता करने के लिए मनाया जाता है। युवाओं द्वारा हर क्षेत्र में कठिनाइयों के किये जाने वाले अनुभव, उनसे सीखने और आगे बढ़ने के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। युवाओं का सबसे जरूरी है स्वस्थ रहना, तभी वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकेंगे।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, युवाओं को प्रतिदिन 60 मिनट या उसी अधिक फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। दिन में 60 या अधिक मिनटों में से अधिकांश या तो मध्यम होनी चाहिए या तीव्रता वाली होनी चाहिए। इसमें आपकी सांसें तेज हो जाती हैं और दिल भी तेजी से धड़कता है। तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि सप्ताह में कम से कम 3 दिन करना चाहिए।
युवाओं को सप्ताह के कम से कम 2 दिन मांसपेशियों को मजबूत करने वाली जैसे चढ़ाई या पुश अप जैसी एक्टिविटी करनी चाहिए। सप्ताह के कम से कम 3 दिन हड्डियों को मजबूत करने वाली जैसे कूदना या दौड़ना जैसी गतिविधि करनी चाहिए।
स्वस्थ भोजन हेल्दी लाइफस्टाइल का एक जरूरी हिस्सा है। इसे कम उम्र में ही सिखाया जाना चाहिए। हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ दिन में 3 बार भोजन करें। आहार में फाइबर बढ़ाएं और नमक का प्रयोग कम करें। खूब पानी पीएं। ऐसे पेय पदार्थों से बचने की कोशिश करें, जिनमें चीनी की मात्रा अधिक हो। जूस की बजाय साबुत फल खाएं।
तला हुआ की बजाय बेक या भूना हुआ खाएं। बटर और मसालेदार ग्रेवी को इग्नोर करें। चिकन और मछली अधिक खाएं। रेड मीट का सेवन सीमित करें, लीन मीट का चुनाव करें। गेहूं, चावल, ओट, कॉर्न जैसे साबुत अनाज का भी चुनाव करें। विभिन्न प्रकार की सब्जियां चुनें, जिनमें गहरे हरे, लाल और नारंगी रंग की सब्जियां, बीन्स शामिल हों। ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। प्रोसेस्ड फ़ूड, सैचुरेटेड फैट, सोडियम और एडेड शुगर वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ को इग्नोर करें।
नींद मस्तिष्क के लिए भोजन है। नींद के दौरान, शरीर के महत्वपूर्ण कार्य और ब्रेन की गतिविधियां होती हैं। नींद न लेना हानिकारक हो सकता है – यहां तक कि घातक भी। नींद सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी कि सांस लेना, पानी पीना और खाना खाना। प्रत्येक रात लगभग 8 – 9 घंटे की नींद जरूरी है। पूरे सप्ताह नियमित नींद के पैटर्न को फॉलो करें। वीक एंड पर देर तक सोने की बजाय रोज एक समय पर सोयें और एक निश्चित समय पर जागें।
किसी भी समस्या पर बहुत अधिक तनाव लेने की बजाय इसे स्पष्ट सोच के साथ बेहतर ढंग से मैनेज करें। अपनी भावनात्मक जागरूकता और प्रतिक्रिया को सुधारें। खुद को नियंत्रित करना सीखें। गहरी सांस लेना, योग, ध्यान, एक्सरसाइज और प्रार्थना जैसी रेलैक्सिंग टेक्निक का अभ्यास करें।
कभी भी तनाव में आने पर शराब और नशीली दवाओं का सेवन नहीं करें।इसके सेवन से कई हेल्थ रिस्क हिंसा, सेक्सुअल एंड मेंटल डिसऑर्डर, हाई बीपी, कैंसर बढ़ जाते हैं। अधिक शराब पीने वाले लोगों में स्किल, समन्वय और सतर्कता की कमी हो जाती है।
युवा स्मार्टफोन, टैबलेट, गेमिंग कंसोल, टीवी और कंप्यूटर सहित स्क्रीन देखने में बहुत अधिक समय बिताते हैं। स्क्रीन आपका मनोरंजन कर सकती है, सिखा सकती है और व्यस्त रख सकती है, लेकिन इसके बहुत अधिक उपयोग से कई समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंबहुत अधिक स्क्रीन टाइम के कारण नींद की समस्या, लक्ष्य से भटक जाना, कम किताबें पढ़ना, परिवार और दोस्तों के साथ कम समय बिताना, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं होना, वजन बढ़ना, मूड स्विंग, सेल्फ रेस्पेक्ट घटना आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए 1-2 घंटे से अधिक स्क्रीन पर समय नहीं बिताएं। सोने के 1 घंटे पहले स्क्रीन से कटऑफ़ हो जाएं।
यह भी पढ़ें :- क्रॉनिक बैक पेन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 4 कारण, जानिए इनसे कैसे निपटना है