क्रॉनिक बैक पेन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 4 कारण, जानिए इनसे कैसे निपटना है

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कुछ छोटी-मोटी गतिविधियां कमर दर्द को काफी तेजी से ट्रिगर करती है। चित्र: एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Oct 2023, 10:16 am IST
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अगर आप लंबे वक्त तक बैठ कर काम करती हैं, कम आराम करती है और वज़नदार चीजें उठाती हैं तो उससे कमर का दर्द होना स्वाभाविक है। इससे कमर में ऐंठन (stiffness) और लोअर बैक में अक्सर पेन रहने लगता है। इससे आपको चलने फिरने में भी तकलीफ उठानी पड़ती है। दरअसल, गलत पोस्चर (wrong posture) में बैठने से न केवल दर्द बढ़ने लगता है बल्कि आपका शरीर भी उसी प्रकार से ढ़ल जाता है। ऐसे में आप कुछ आसान उपायों की मदद से इस समस्या को हल कर सकती है। जानते हैं क्रानिक बैक पेन (Chronic back pain) के कारण और उससे बचने के उपाय भी।

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोलॉजिकल सर्जंस के अनुसार अमेरिका में सालाना 75 से 85 प्रतिशत लोग बैक पेन की शिकायत करते हैं। इनमें से 90 फीसदी लोगों को होने वाली बैक पेन की शिकायत बिना किसी सर्जरी के ही ठीक हो जाती है।

जानें आर्थोपैडिक सर्जन एंव कंसलटेंट डॉ सचिन भोसलें से बैक पेन होने के कुछ खास कारण

1. विटामिन्स की कमी

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। सूरज की किरणों के संपर्क में आने से हमारे शरीर को विटामिन डी 1 मिल पाता है। जो लीवर (liver) और किडनी (kidney) में पहुंचकर विटामिन डी 3 में कनवर्ट हो जाता है। इसके माध्यम से हमारी हड्डियों को कैल्शियम की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस पोषक तत्व की कमी के चलते हमारे शरीर को कैल्शियम की प्राप्ति नहीं होती है। इससे बैक पेन होने की संभावना बढ़ने लगती है।

Vitamin D supplements apko arthritis and osteoporosis ke risk se bacha sakte hain
विटामिन डी सप्लीमेंट्स आपको आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम से बचा सकते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक

2. गलत पोस्चर में बैठना

अगर आप 8 से 10 घंटों तक काम करने के दौरान गलत पोस्चर में बैठ रही हैं, तो इसका असर आपकी कमर, कंधों और गर्दन पर पड़ने लगता है। ये दर्द धीरे धीरे सिर तक भी पहुंच जाता है। ऐसे में पूरा शरीर दर्द होने लगता है। गलत पोस्चर में बैठना हमारे शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है। इससे हमारा शरीर उसी शेप में मोल्ड होने लगता है। इससे बैक मसल्स स्टरैच हो जाते है। साथ ही डिस्क की समस्या बढ़ने का खतरा बना रहता है।

3. फिज़िकल एक्टिविटी की कमी

वे लोग जो अपना सारा वक्त ऑफिस वर्क को डिवोट करते हैं। उन्हें फिज़िकल एक्टिविटी और खुद के लिए टाइम नहीं मिल पाता है। इसके चलते बैक पेन की समस्या बढ़ने लगती है, जो कई और समस्याओं का भी कारण बन जाती है। ऐसे में बॉडी को फिट रख्रने और बैक बोन को हेल्दी रखने के लिए दिनभर में 30 मिनट फिज़िकल एक्टिविटी के लिए अवश्य निकालें।

4. पुरानी चोट बनती है कारण

कई बार कोई पुरानी चोट भी क्रानिक बैक पेन का कारण बनने लगती है। इससे दवा या किसी थैरेपी के कारण दबा हुआ दर्द बार बार उठने लगता है। दुर्घटना के बाद पूर्ण रूप से इलाज न हो पाने के कारण वो समस्या बनी रहती है। इससे शरीर में ऐंठन, मांसपेशियों में दर्द और बैक पेन की समस्या उभरने लगती है।

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कुछ छोटी-मोटी गतिविधियां कमर दर्द को काफी तेजी से ट्रिगर करती है। चित्र शटरस्टॉक।

इन उपायों से करें क्रानिक बैक पेन को डील

1. स्टैण्डिंग वर्क स्टेशन

लगातार बैठना आपकी बैक की मसल्स को स्टिफ बना देता है। ऐसे में आप स्टैण्डिंग वर्क स्टेशन की मदद ले सकते हैं। इसमें आपको लगातार खड़े होकर काम करना होता है। इससे कमर दर्द की समस्या दूर होने लगती है। इसके अलावा मसल्स में होने वाली स्टिफनेस भी दूर होने लगती है। अगर आप सिटिंग वर्क स्टेशन को ही अपनाना चाहती हैं, तो उसके लिए आपको आइज़ और एल्बो के लेवल का ख्याल रखना चाहिए।

2. फिज़िकल एक्टिविटी़ है ज़रूरी

खुद को क्रानिक पेन से दूर रखने के लिए फिज़िकल एक्टिविटी को जीवन का हिस्सा बनाएं। इसमें एक्सरसाइज, योग और डांस को शामिल करें। यदि आप किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में खुद को एगेंज करती हैं, तो उससे आपकी बॉडी हेल्दी और फिट बनी रहती है। साथ ही शरीर के अंगों में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है।

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इससे शरीर में मज़बूती आती है और आप एक्टिव फील करने लगते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. रेगुलर ब्रेक्स लें

अगर आप लगातार 3 से 4 घंटे बैठकर काम कर रहे हैं, तो इससे आपकी कमर में दर्द बढ़ने लगता है। हर 1 घंटे में अवश्य उठें और कुछ देर तक टहलें। इससे ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगेगा। साथ ही अंगों में आने वाली ऐंठन भी दूर होने लगती है। इसके अलावा आप मेंटली तौर पर भी मज़बूत होने लगेंगी।

4 जरूरी पोषक तत्वों का ध्यान रखें

शरीर को मज़बूती प्रदान करने के लिए पोषण का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके लिए अपनी डाइट में कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन्स औ मिनरल्स समेत सभी पोषक तत्वों को अवश्य सम्मिलित करें। इससे हड्डियों को मज़बूती मिलती है। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ होने वाले अर्थराइटिस और ओस्टियोपिरोसिस की समस्या को भी काबू में किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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