अफ्रीकी देश नाइजीरिया दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने मेनिनजाइटिस (meningitis) के खिलाफ नया Men5CV टीका पेश किया है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा रिकमेंड किया गया है। यह टीका लोगों को मेनिंगोकोकस बैक्टीरिया के पांच प्रकारों से बचाता है। नाइजीरिया अफ़्रीका के महादेश के उन 26 देशों में शामिल है, जहां मेनिनजाइटिस का प्रकोप बहुत अधिक है। हालांकि भारत में भी बच्चों में मेनिनजाइटिस के मामले मिलते रहते हैं। इसलिए भारत में मेनिनजाइटिस की वैक्सीन दी जाती रही है। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी (Meningitis) और इससे बचाव (How to prevent Meningitis) कैसे किया जाता है।
मेनिनजाइटिस का नया टीका (Men5CV) एक ही बार में मेनिंगोकोकल बैक्टीरिया के 5 प्रकार (ए, सी, डब्ल्यू, वाई और एक्स) से मुकाबला करता है। सभी पांच प्रकार मेनिनजाइटिस और ब्लड पॉइज़निंग का कारण बनते हैं।
नए टीके में मेनिनजाइटिस के मामलों को कम करने और मेनिनजाइटिस को सक्षम तरीके से खत्म करने के गुण हैं। नया टीका मेनिनजाइटिस ए कॉन्जुगेट वैक्सीन के समान तकनीक का उपयोग करता है। इस नए मल्टीवेलेंट कंजुगेट वैक्सीन को बनाने में 13 साल लग गए। इस वैक्सीन को बनाने में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी मदद की।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, भारत में मेनिंगोकोकल रोग का प्रसार कम है। विशेष रूप से उत्तरी भारत में कभी-कभार यह रोग दिखाई देता है। उत्तर भारत में 2.7% मामले मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस के देखे गए।
एपिडेमिक केस में मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस के 12.1% मामले और एंडेमिक केस में 0.76% मामले दर्ज किये गए हैं। मएपिडेमिक केस में मृत्यु दर 12.8% पाई गई है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, मेनिनजाइटिस एक गंभीर संक्रमण है। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरने और उसकी रक्षा करने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस) में सूजन का कारण बनता है। मेनिनजाइटिस के कई कारण हो सकते हैं। इनमें वायरल, बैक्टीरियल, फंगल और पैरासाइट पैथोजेंस भी शामिल हो सकते हैं।
लक्षणों में अक्सर सिरदर्द, बुखार और गर्दन में अकड़न शामिल है। बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) सबसे गंभीर है। इसके कारण सेप्टिसीमिया ((blood poisoning) भी हो सकता है। जो लोग इसके संपर्क में आते हैं, वे 24 घंटों के भीतर गंभीर रूप से अक्षम हो सकते हैं या मर सकते हैं।
मेनिनजाइटिस बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और पैरासाइट की कई प्रजातियों के कारण हो सकता है। अधिकांश संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। बहुत कम संख्या में चोटें, कैंसर और दवाएं भी इसका कारण बनती हैं। बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस मैनिंजाइटिस का सबसे खतरनाक और आम प्रकार है। यह 24 घंटों के भीतर घातक हो सकता है।
इसके कारण शरीर में कई लक्षण दिख सकते हैं।
• बुखार और ठंड लगना।
• भयंकर सरदर्द।
• जी मिचलाना और उल्टी।
• गर्दन में अकड़न।
• लाइट के प्रति संवेदनशीलता.
• मानसिक स्थिति में परिवर्तन
• उभरे हुए फॉन्टानेल। बच्चे के स्कल में नरम धब्बे उभरे हुए हो सकते हैं
• बच्चों में खराब खान-पान या चिड़चिड़ापन।
वायरल मैनिंजाइटिस (Viral meningitis) से पीड़ित अधिकांश बच्चे 7-10 दिनों में बेहतर महसूस करते हैं। यदि वे बहुत अधिक बीमार न हों, तो आमतौर पर घर पर ही ठीक हो सकते हैं। उपचार के लिए आराम, तरल पदार्थ और ओवर-द-काउंटर दर्द की दवा दी जाती है। कुछ लोगों को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता हो सकती है। बैक्टीरियल मेनिंजाइटिस का उपचार अस्पताल में जरूरी दवाओं के साथ किया जाता है।
मेनिनजाइटिस के लिए पारंपरिक उपचार टाइलेनॉल लक्षणों से राहत दिला सकता है। हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस के साथ वायरल मेनिंजाइटिस के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है।
भारत में मेनिनजाइटिस वैक्सीन (meningitis) 11 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी बच्चों और टीन्स को रिकमेंड की जाती है। कुछ प्रकार के MenACWY छोटे बच्चों (8 सप्ताह की उम्र से) को दिए जाते हैं। उनमें मेनिंगोकोकल रोग होने का खतरा अधिक होता है। मेनिंगोकोकल बी वैक्सीन पांचवें प्रकार के मेनिंगोकोकल बैक्टीरिया जिसे टाइप बी कहा जाता है, से बचाता है।
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