बालों का थोड़ी मात्रा में झड़ना सामान्य बात है। हम सभी के हर रोज़ कितने ही बाल टूटकर गिर जाते हैं और उनकी जगह नए बाल उग आते हैं। लेकिन अगर बाल बहुत अधिक मात्रा में झड़ते हैं और उनकी जगह नए बाल कम उगते हैं या नहीं उग पाते, तो यह एक समस्या हाे सकती है। हालांकि बरसात के मौसम में लोग सबसे ज्यादा हेयर फॉल का सामना करते हैं। पर इसके अलावा कुछ पोषक तत्व और जीवनशैली संबंधी कारक भी हैं, जो बालों को कमजोर बना देते हैं। जिससे आपके बाल टूटकर झड़ने लगते हैं। ऐसे में आपको बालों की उचित देखभाल के साथ कुछ पोषक तत्वों पर भी ध्यान देना होगा।
हेयर फॉल या हेयर लॉस से उबरने के लिए लोग बालों में बहुत सारे ट्रीटमेंट करवाते हैं। इसके बावजूद उनकी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाता। वास्तव में सिर्फ सैलून में ट्रीटमेंट करवाकर आपके बाल अच्छे नहीं हो सकते। बालों का झड़ना विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें आनुवंशिकी, हार्मोनल परिवर्तन, चिकित्सीय स्थितियां, दवाएं और पोषण संबंधी कमियां हो सकती है। बालों के झड़ने से जुड़े पोषण संबंधी कारकों में कुछ विटामिन और खनिजों की कमी भी हो सकती है।
डॉ. आंचल पंथ एक एमबीबीएस डर्मेटोलॉजिस्ट हैं, ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि बालों को झड़ने से बचाने के लिए जरूरी है कि आप अपने शरीर में विटामिन डी के स्तर का ध्यान रखें। विटामिन डी बालों के रोम चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इस विटामिन के निम्न स्तर को बालों के झड़ने से जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त, अन्य विटामिन, जैसे बी-विटामिन (जैसे बायोटिन), आयरन और जिंक की कमी भी बालों के झड़ने में योगदान कर सकती है।
विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करना और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना शामिल है।
वास्तव में विटामिन डी हेयर फॉलिकल साइकल में एक भूमिका निभाने के लिए माना जाता है। यह बालों के एनाजेन, कैटाजेन, और टेलोजेन के चरणों से गुजरते हैं। हेयर फॉलिकल में विटामिन डी रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं, और ऐसा माना जाता है कि बालों के फॉलिकल के समुचित कार्य के लिए विटामिन डी का पर्याप्त स्तर आवश्यक है।
विटामिन डी को अक्सर “सनशाइन विटामिन” के रूप में जाना जाता है क्योंकि जब त्वचा सूरज की रोशनी के संपर्क में आती है तो शरीर इसका उत्पादन कर सकता है। बाहर सीधी धूप में कुछ समय बिताने से आपके शरीर को विटामिन डी को बनाने करने में मदद मिल सकती है।
सिर्फ आहार से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। विटामिन डी के अच्छे आहार स्रोतों में वसायुक्त मछली (सैल्मन, मैकेरल, टूना), फोर्टिफाइड डेयरी उत्पाद (दूध, दही, पनीर), फोर्टिफाइड संतरे का रस और अंडे की जर्दी का सेवन कर सकते है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से भी विटामिन डी के बेहतर अवशोषण में योगदान मिल सकता है। संतुलित आहार बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना विटामिन डी के स्तर सहित समग्र स्वास्थ्य का समर्थन कर सकता है।
यदि आपमें विटामिन डी की कमी है, तो बढ़ाने के लिए अपने डॉक्टर से मिलकर इस पर बबात करना जरूरी है। वे आपके विटामिन डी के स्तर का आकलन करने और उसके अनुसार आपकी उपचार योजना को समायोजित करने के लिए सलाह दे सकते हैं। आप इसके लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करके सप्लीमेंट भी ले सकते है।
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