योग करने के लिए शरीर लचीला होना चाहिए-ऐसा कहा जाता है। पर नियमित योग अभ्यास से शरीर को लचीला बनाया जा सकता है। शरीर के लचीला रहने से एक्टिविटी अधिक हो पाती है। चोट का जोखिम भी कम होता है। रोजमर्रा की जिंदगी में खराब पोस्चर, लंबे समय तक बैठे रहने और अनहेल्दी खाने की आदतों के कारण लोगों में वजन बढ़ रहा है। योग से शरीर फ्लेक्सिबल और मसल्स मजबूत हो सकते हैं। भले ही इसे दिन भर में सिर्फ 5 मिनट ही क्यों न किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर योग प्रशिक्षक स्वाति कैन शरीर और मसल्स के लचीलेपन में सुधार के लिए 7 योगासन (yoga asanas for flexibility) अपनाने के लिए कहती हैं।
कैट पोज़ स्पाइन को स्ट्रेच करता है। यह गर्दन, पीठ और कंधों में लचीलापन बढ़ाता है। यह संपूर्ण रीढ़ की वार्म-अप को बढ़ावा देता है।यह मुद्रा वर्टीब्रल कालम (vertebral column) में फ्लेक्सिबिलिटी और मोबिलिटी लाती है।
कैसे करें मार्जरी आसन
अपने हाथों और घुटनों एक साथ रखें ।
हाथों को कंधों के नीचे और घुटनों को कूल्हों के नीचे रखें।
टेलबोन को उठाने पर सांस लें। पेट नीचे करें।
पीठ के निचले हिस्से (Cow Pose) की तरह आवृति बनाते हुए ऊपर देखें।
रीढ़ को गोल करते हुए सांस छोड़ें। टेलबोन को टक करें।
अपना सिर नीचे करें। रीढ़, गर्दन, पीठ और कंधों में लचीलापन बढ़ाने के लिए कुछ राउंड इन दोनों पोज़ के बीच करें। सांस के साथ गति को समन्वयित करें।
यह मुद्रा कंधों और गर्दन में लचीलापन बढ़ाती है। इससे पोश्चर और गति की सीमा में सुधार होता है।
कैसे करें शशंकासन
फर्श पर घुटनों के बल बैठें। हिप्स को एड़ी पर रहने दें।
सांस छोड़ते हुए आगे झुकें। माथे को फर्श की ओर नीचे करें।
बाहों को शरीर के साथ फैलाएं। स्पाइन को आगे की ओर करें।
पीठ की मांसपेशियों को फैलाने पर रीढ़, कंधों और गर्दन में खिंचाव महसूस करती हैं।
यह हैमस्ट्रिंग, काफ और पीठ की मांसपेशियों पर प्रभाव डालते हुए पूरे शरीर को फैलाता है। यह मुद्रा तनाव दूर करने में मदद करती है। पैरों में लचीलापन बढ़ाती है।
कैसे करें अधो मुख श्वानासन
टेबलटॉप स्थिति बनाएं।कूल्हों को ऊपर उठाएं और पैरों को सीधा करें।
शरीर के साथ उलटा वी आकार बनाएं। हथेलियों को चटाई पर दबाएं।
उंगलियां फैली हुई हों। फर्श पर ओपोजिट फोर्स लगायें।
कोर को एंगेज करें, गर्दन को आराम दें।
एड़ी को जमीन की ओर आने दें।
हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें।
रीढ़ को स्ट्रेट करने और खिंचाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुछ देर के लिए इस मुद्रा में रहें।
अर्ध राजकपोतासन कूल्हों और ग्रोइन क्षेत्र में तनाव मुक्त करती है। यह मुद्रा हिप फ्लेक्सर्स, बाहरी जांघों और ग्लूट्स में लचीलेपन को बढ़ाती है। बेहतर गतिशीलता प्रदान करती है।
कैसे करें अर्ध राजकपोतासन
हाई प्लैंक पोजिशन (high plank position) मानकर शुरुआत करें।
दाहिने घुटने को आगे लायें। इसे दाहिनी कलाई के पीछे रखें।
बाएं पैर को सीधे पीछे की ओर बढायें। हिप्स चौकोर अवस्था में रहें।
ऊपरी शरीर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे करें।
फोरआर्म के लिए एक ब्लॉक पर आराम करें।
हिप फ्लेक्सर्स, बाहरी जांघ और ग्लूट्स में गहरा खिंचाव महसूस करें।
इसमें हैमस्ट्रिंग, काफ और पीठ के निचले हिस्से को फैलता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंकैसे करें परिवृत्ता जानू शीर्षासन
पैरों को सामने फैलाकर बैठने की स्थिति में आयें।
दाहिने घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर के तलवे को बाईं जांघ के अंदर तक ले आएं।
सांस लें और भुजाओं को ऊपर की ओर उठाएं।
सांस छोड़ते हुए धड़ को बाईं ओर मोड़ें।
बाएं हाथ को दाहिने पैर की ओर और दाहिने हाथ को अपने पीछे रखें।
रीढ़ को लंबा करें और हैमस्ट्रिंग, काफ और पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव महसूस करें।
दोहराने के लिए दूसरी तरफ जाने से पहले कुछ सांसों के लिए इसी मुद्रा में रहें।
सीटेड ट्विस्ट मुद्रा रीढ़, कूल्हों और कंधों पर प्रभाव डालता है। यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन (yoga asanas for flexibility) को बढ़ाती है। तनाव मुक्त करती है और पाचन में सुधार करती है। यह आंतरिक अंगों को भी उत्तेजित करता है, समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है।
कैसे करें अर्ध मत्स्येन्द्रासन
पैरों को सामने फैलाकर बैठने की स्थिति में आयें।
दाहिने घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर को बाईं जांघ के बाहर की तरफ रखें।
सांस लें और रीढ़ को खींचें। सांस छोड़ते हुए धड़ को दाहिनी ओर मोड़ें।
बायीं कोहनी को अपने दाहिने घुटने के बाहर रखें।
रीढ़, कूल्हों और कंधों में खिंचाव महसूस करें।
करवटें बदलने से पहले इस अवस्था में कुछ देर तक रहें।
शवासन अंतिम विश्राम मुद्रा है। अपने आप को पूरी तरह से रिलैक्स कर लें।
इससे शरीर को आराम मिलता है और मन को शान्ति।
कैसे करें शवासन
पीठ के बल लेट जाएं, जिससे शरीर पूरी तरह से आराम कर सके।
पैरों और बाहों को शरीर के साथ फैलाएं। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। आंखें बंद करें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इससे तनाव दूर हो जाता है। कुछ मिनटों के लिए इस मुद्रा में रहें। पूरी तरह से रिलैक्स करें और पिछली मुद्राओं के लाभों को एकीकृत करें।
इन सभी मुद्रा को नियमित रूप से करने पर मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर फ्लेक्सिबल होता है। शरीर पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएं। धीमी शुरुआत करें।
यह भी पढ़ें :- Yoga for Stress : डे टू डे लाइफ में होने वाले तनाव की छुट्टी कर सकते हैं योग के ये 4 आसन, जानिए करने का सही तरीका