पीयर प्रेशर या साथियों का दवाब केवल किशोरावस्था तक ही सीमित नहीं होता है। यह एडल्ट ऐज में भी अपना प्रभाव बनाए रख सकता है। वयस्क के रूप में कोई भी व्यक्ति खुद को ऐसी स्थिति में पा सकता है, जहां वह अपने आस-पास के लोगों की अपेक्षाओं और विकल्पों के अनुरूप होने के लिए दबाव महसूस करता हो। एडल्ट ऐज में यदि कोई पीयर प्रेशर महसूस (Adult peer pressure) कर रहा है, तो उसके लिए इससे निपटना जरूरी है।
मेंटल हेल्थ जर्नल के अनुसार, जब कोई व्यक्ति या समूह किसी अन्य व्यक्ति द्वारा लिए जाने वाले निर्णय पर अपने प्रभाव का उपयोग करता है, यही एडल्ट पीयर प्रेशर है। यह दवाब अक्सर बच्चों और किशोरों द्वारा महसूस किया जाता है। पीयर प्रेशर वयस्कों में भी महसूस किया जा सकता है। किसी भी आयु वर्ग में साथियों का दबाव सही नहीं हो सकता है। इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। ऐसे कुछ उदाहरण हैं, जहां साथियों का दबाव किसी व्यक्ति के लिए सकारात्मक परिणाम दे सकता है।
मेंटल हेल्थ जर्नल के अनुसार, जब कोई व्यक्ति वयस्क होता है, तब वह परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों का एक समूह बना लेता है। ये सभी लोग किसी न किसी तरह से किसी एक व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। उस पर अपना निर्णय थोप सकते हैं। इसके कारण व्यक्ति का मेंटल और इमोशनल हेल्थ भी प्रभावित हो सकता है।
जर्नल ऑफ़ मेन्टल हेल्थ एन्ड ह्यूमन बिहेवियर के अनुसार, मित्रों और परिचितों का एक हेल्पिंग नेटवर्क बनाने से एडल्ट पीयर प्रेशर से निपटने में काफी मदद मिल सकती है। हमारे चारों ओर समान विचारधारा वाले व्यक्ति जो हमारे मूल्यों और आकांक्षाओं को साझा करते हैं, वे एक मजबूत हेल्पिंग नेटवर्क डेवलप कर सकते हैं। मित्रों और परिचितों को हेल्पिंग नेटवर्क बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे नकारात्मक लोगों के दबाव का विरोध करना आसान हो जाता है।
समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की कम्युनिटी का हिस्सा होने से व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ावा मिलता है और स्वीकृति की भावना को बढ़ावा मिलता है। ऐसे नेटवर्क हमारे अपने मूल्यों और विश्वासों को मजबूत करते हुए प्रेरणा और समझ प्रदान करते हैं।
इस तरह के दबाव का विरोध करने और स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान विकसित करना जरूरी है।
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपनी शक्तियों को पहचानना और अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाना जरूरी है। इसमें सेल्फ केयर को अपनाना भी शामिल है। ऐसी गतिविधियों में शामिल हों, जो आपको चुनौती देते हों। प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करना और सकारात्मक सेल्फ टॉक का अभ्यास करना आत्मविश्वास बढ़ाने की प्रभावी तकनीक हैं। आत्म-स्वीकृति विकसित करना, मूल्य को स्वीकार करना और सेल्फ केयर को प्राथमिकता देने से पीयर प्रेशर घट सकता है।
जब हम अपने बनाये मूल्यों और योग्यता में विश्वास करते हैं, तो बाहरी मान्यता प्राप्त करने या दूसरों को खुश करने के लिए अपने मूल्यों से समझौता करने की संभावना कम होती है। हमें अपनी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने और ऐसे विकल्प चुनने का अधिकार देता है, जो हम जैसे हैं और उसके अनुरूप हैं।
जीवन में नकारात्मक प्रभावों की पहचान करना और उन्हें चुनौती देने और प्रबंधित करने के लिए रणनीति विकसित करना चाहिए। इससे पीयर प्रेशर का विरोध करने में मदद मिलती है।
कई बार पीयर प्रेशर के कारण सही गलत का फर्क करना हम भूल जाते हैं। यदि आप दवाबमुक्त होना चाहती हैं, तो अपनी बात रखने का साहस विकसित करें। सही गलत का निर्णय लेने में आगे आएं।
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