ब्यूटी से लेकर फिटनेस तक महिलाएं अपनी बॉडी को लेकर बेहद कॉशियस रहती हैं। मगर फिर भी उम्र के साथ महिलाओं की ब्रेस्ट में आने वाला ढीलापन उनकी ओवरऑल पर्सनेलिटी को खराब करने का काम करती है। उम्र बढ़ने से लेकर गलत ब्रा पहनने तक यूं तो सैगी ब्रेस्ट होने के कई कारण साबित हो सकते है। अगर आप समय रहते अपनी ब्रेस्ट के आकार को नॉर्मल करने का प्रयास नहीं करती हैं, तो इससे आपके स्तन लटके हुए नज़र आते हैं। जानते हैं सैगी ब्रेस्ट के कारण और इससे बचने के उपाय भी।
इस बारे में एमडीए डीएनबी, एफएनबी, जे के हास्पिटल, जनकपुरी, कंस्लटेंट, डॉ शिवानी सिंह कपूर का कहना है कि डिलीवरी के बाद महिलाएं बॉडी चेंजिज को लेकर कभी कभार तनाव में रहने लगती हैं। साथ ही अपने आप को अच्छी फिगर देने के लिए वे ब्रेस्ट सर्जरी की ओर बढ़ती है। आमतौर पर महिलाओं को शेपर्स इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, ब्रैस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट सर्जरी के कारण लेक्टेशन में परेशानी से होकर गुज़रना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि सैगी ब्रेस्ट मोटापा या एक्सरसाइज़ की कमी के कारण होने का भय बना रहता है। दरअसल, हमारे शरीर में मौजूद कूपर लिगामेंट जब अपनी फर्मनैस खोने लगता है और वो ढ़ीला होने लगता है, तो उसका प्रभाव हमारे स्तनों पर नज़र आता है। नतीजन हमारे स्तन ढ़ीले होने लगते है।
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान स्तनों में ढीलापन आना स्वाभाविक है। दरअसल इस दौरान स्तनों में मौजूद कोशिकाएं शरिंक होने लगती है। इससे स्तन के साइज़ में फर्क बढ़ने लगता है। साथ ही वो लिगामेंट जो स्तनों में खिंचाव लेकर आते हैं, वे एक उम्र के दौरान अपनी लोच खोने लगता है।
वो लोग जो दिनभर स्मोकिंग करते हैं, तो इससे उनके शरीर में कोलेजन कम होने लगता है। जब हमारे शरीर में कोलेजन की मात्रा घट जाती हैं, तो उससे हमारे चेहरे समेत अंगों पर झुर्रियां आने लगती हैं। इसका प्रभाव ब्रेस्ट पर भी देखने को मिलता है।
जब आप एक तरफ झुककर बैठती है, तो उसका असर हमारे शरीर पर दिखने लगता है। डॉ शिवानी के मुताबिक गलत तरीके से बैठने से स्तन के लिगामेंट लूज होने लगते है। इसका असर ब्रेस्ट पर दिखने लगता है।
जैसे जैसे उम्र बढ़ती है। हमारे शरीर में बदलाव आने लगते है। डॉ शिवानी के मुताबिक मेनोपॉज के बाद यानि 45 की उम्र के बाद. हमारी बॉडी पहले की तुलना में कम एस्ट्रोजन बनाता है। इससे स्तन सिकुड़ जाते हैं और वो पहले के मुकाबले साइज़ में कम लगते है।
रोज़ाना एक्सरसाइज़ से दिन की शुरूआत अगर की जाती है, तो आप दिनभर एक्टिव और फिट नज़र आने लगते है। ब्रेस्ट मसल्स को टाइट करने के लिए स्क्वाट्स, पलैक्ंस और हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ करने की आवश्यकता है। दरअसल, एक्सरसाइज़ करने से हमारी अपर बॉडी मज़बूत होने लगती है और अतिरिक्त फैट हटकर शरीर गठीला होने लगता है और इसका प्रभाव अपर बॉडी पर भी दिखने लगता है। इसके लिए चेस्ट प्रेस और वॉल पुशअप्स को अपनी दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें।
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान अक्सर महिलाएं बच्चों को दूध पिलाने के दौरान अपनी ब्रेसट का ख्याल नहीं रख पाती है। दरअसल, उनका पूरा ध्यान बच्चे के लालन पालन पर ही आकर्षित रहता है। अगर उस वक्त आप अपने वेट से लेकर ब्रेसट में आ रहे ढीलेपन को दूर करने के लिए नियमित ब्रा पहनकर रखें और ब्रा खरीदते वक्त सही ब्रा का चयन करे। इस बात का ख्याल रखें के ब्रा के कप ज्यादा बड़े या छोटे नहीं होने चाहिए। इसके अलावा ब्रा पहनकर अगर आपके शरीर पर निशान आने लगते है, तो ये इस बात की ओर इशारा है कि ब्रा खरीदते वक्त कुछ बेसिक बातों का ख्याल ज़रूर रखें।
अगर आप घर पर स्तनों की मसाज के लिए नारियल, सरसों और एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करती हैं, तो दिनभर में से कुछ वक्त स्तनों की कसाज करना ज़रूरी है। इससे शरीर में उर्जा का संचार होने लगता है। एक बार स्तनों में आने वाले बदलाव को लेकर विशेषज्ञ की राय लेना बेहद ज़रूरी है। जैतून का तेल लेकर दोनों हाथों से 10 से 15 मिनट तक मसाज करें। इससे स्तन गठीले होने लगते हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंअपने स्तनों को टाइट रखने के लिए मेथी पाउडर में एक चौथाई पानी मिलाएं। अब उसे स्तनों पर लगाएं। इसे 10 से 15 मिनट तक अप्लाई करके रखें। इससे स्तन गठीले होने लगते हैं।
ये भी पढ़ें- अगर रिश्ते में दोबारा बनाना चाहती हैं विश्वास, तो आप दोनों को देना होगा इन जरूरी बातों पर ध्यान