हर बच्चे की अपनी शारीरिक क्षमता होती है, लेकिन एक सामान्य स्तर की ऊर्जा तो सभी बच्चों के लिए अनिवार्य है। आपने अनुभव किया होगा की आम बच्चों की तुलना में आपका बच्चा जल्दी थक जाता है और अक्सर उन्हें ऊर्जा की कमी महसूस होती रहती है। यह एक सामान्य स्थिति है, अक्सर बच्चों में ऊर्जा की कमी हो जाती है, परन्तु यदि ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो उनकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
यदि आपके बच्चे में भी ऊर्जा की कमी देखने को मिलती है तो फ़ौरन इस स्थिति पर ध्यान दें, क्युकी बच्चे खुद अपनी शरीर की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं। सबसे जरुरी है यह समझना की आखिर बच्चों में ऊर्जा की कमी क्यों हो रही है, फिर जानेंगे इस स्थति से किस तरह डील करना है।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बच्चों में ऊर्जा शक्ति की कमी के कारणों पर बात करने के साथ ही इसे मेंटेन रखने के कुछ जरुरी उपाय सुझाये हैं (how to deal with low energy in children)। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर क्या कह रही हैं एक्सपर्ट।
बच्चों में ऊर्जा की कमी के कई कारण हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है शरीर में पोषक तत्वों की कमी। विटामिन डी, कैल्शियम, मैंग्नीशियम और आयरन बच्चों के शरीर के लिए अति आवश्यक हैं, इनकी कमी बच्चों में ऊर्जा शक्ति की कमी कारण बन सकती है। यह बेहद जरुरी है की पैरेंट्स अपने बच्चों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषण दें।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार शारीरिक गतिविधियों की कमी और अधिकता दोनों ही बच्चों में ऊर्जा की कमी का कारण बनती हैं। इसलिए शरीरिक गतिविधियों के बिच एक उचित संतुलन होना अनिवार्य है।
कई बार घर का नकारात्मक माहौल भी बच्चों में ऊर्जा शक्ति की कमी का कारण बन सकता है। ऐसे में बच्चों के मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है जिससे की उन्हें ऊर्जा की कमी का एहसास होता है।
बच्चे अक्सर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं वहीं शरीरिक रूप से अधिक सक्रीय रहने के कारण उन्हें डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन ऊर्जा की कमी का एक आम कारण है। क्या आप जानते हैं कि वास्तव में बच्चों को वयस्कों की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता होती है? शारीरिक गतिविधि या गर्म मौसम के दौरान यह आवश्यकता बढ़ जाती है। हालांकि, केवल पानी बच्चे की ऊर्जा बढ़ाने वाली सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है, परन्तु यह एनर्जी बूस्ट करने में एक अहम भूमिका निभाता है।
अपने बच्चों के वॉटर इंटेक का खास ध्यान रखें, बच्चे खुदसे पानी नहीं पीते हैं तो यह आपकी जिम्मेदारी है की उनके शरीर में पानी की कमी न हो। इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस मेंटेन रखना अनिवार्य है।
अंजलि मुखर्जी के अनुसार बच्चों के शरीरी को ऊर्जा शक्ति को बनाये रखने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दूध दही और ग्रिल्ड चीज़ सैंडविच सर्व करें।
साथ ही यदि बच्चा दूध से बने खाद्य पदार्थ नहीं खता तो उनकी डाइट में प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, चना, बादाम, तिल, सोयाबीन अनाज गाजर के जूस को शामिल कर सकती हैं। इसके साथ ही विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, मैंग्नीशियम, और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी बेहद महत्वपूर्ण है।
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कस्टमाइज़ करेंअमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने हर उम्र के लिए औसत नींद की जरूरतों पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। जितना अच्छे से आप अपने बच्चों की जरूरतों को समझ सकती हैं उतना बेहतर और कोई नहीं जान सकता! यदि आपका बच्चा पहले की तुलना में कम एनर्जेटिक रहने लगा है, तो देखें की क्या उनके शारीरिक गतिविधियों में बदलाव आया है। यदि हां, तो उनके फिजिकल एक्टिविटी को सामान्य रखने की कोशिश करें न अधिक और न ही कम।
जब बॉडी फंक्शन्स बैलेंस्ड रहता है तो एक उचित नींद प्राप्त करना बेहद आसान हो जाता है। इसलिए हमेशा बच्चों के कमरे का माहौल रिलैक्सिंग और स्लीप फ्रेंडली रखें साथ ही उनके सोने का एक उचित समय निर्धारित करना भी अनिवार्य है। रूटीन होने से बच्चों को सही समय पर खुद नींद आने लगेगी और आपको हर रोज उन्हें सुलाने में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
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मार्केट में मौजूद एनर्जी ड्रिंक में प्रेज़रवेटिव, शुगर और आर्टिफीसियल फ्लेवर उपलब्ध होता है। ऐसे में आप अपने बच्चों के लिए घर पर एनर्जी ड्रिंक तैयार कर सकती हैं। ये ड्रिंक्स बिना किसी नुक्सान के आपके बच्चों में ऊर्जा शक्ति को बनाये रखने में मदद कर सकती हैं।
एनर्जी ड्रिंक की सबसे बड़ी बात यह है कि पानी की तरह यह प्यास बुझाने के साथ ही बॉडी को कई आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करता है। शरीर में इनकी एक उचित मात्रा होना अनिवार्य है क्युकी बच्चें अक्सर शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते हैं जिसकी वजह से उन्हें अधिक पसीना आता है और शरीर से मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं ऐसे में होम मेड एनर्जी ड्रिंक इन्हे रिफिल करने में आपकी मदद करेंगे।
कोकोनट वॉटर, नींबू, गाजर, पालक, शहद और नमक (प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत और इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई) जैसे पदार्थों से आप आसानी से होममेड एनर्जी ड्रिंक तैयार कर सकती हैं। तो देर किस बात की इन्हे नियमित रूप से अपने बच्चों की डाइट में शामिल करें।
पेपरमिंट ऑयल एक प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर है जो आपके बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। घर या कार में डिफ्यूजर में इस्तेमाल करें। बच्चे जब बहार खेलने जा रहे हों तो उनमे ऊर्जा शक्ति को बढ़ाने के लिए उनकी कलाई या कपड़े पर पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें डालें। इसकी खुशबू मूड फ्रेश रखने के साथ ही आपको एक्टिव रहने में भी मदद कर सकती है।
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