इन दिनों ज्यादातर लोग एनिमल बेस्ड मिल्क की जगह प्लांट बेस्ड मिल्क को आहार में शामिल कर रहे हैं। यह बढ़ते हुए वीगन ट्रेंड का एक हिस्सा है। इन्हीं प्लांट बेस्ड मिल्क में से एक है सोया मिल्क। लेग्यूम्स से तैयार होने वाले इस मिल्क से शरीर को प्रोटीन की प्रचुर मात्रा में प्राप्ति होती है। इन दिनों यह खूब पॉपुलर हो रहा है। अगर आप भी अपनी डाइट में सोया मिल्क शामिल करना चाहती हैं, तो जरूरी नहीं कि उसे हर रोज़ खरीदा जाए। आप इसे घर पर भी तैयार कर सकती हैं। चलिए जानते हैं सोया मिल्क बनाने (How to make soy milk at home) की रेसिपी और इसके फायदे (Soy milk benefits)।
सोया मिल्क के बारे में बात करते हुए डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं, “सोया मिल्क में पोटेशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है। इस लो फैट मिल्क से शरीर को विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, कैल्शियम और पोटेशियम की प्रचुर मात्रा मिलती है। इस प्लांट बेस्ड मिल्क से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। साथ ही मसल्स को भी मज़बूती मिलती है। इसके अलावा सोया मिल्क में पाई जाने वाली सेपोनिन की मात्रा शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से दूर रखने में मदद करती है। इससे शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर नियमित बना रहता है।”
शरीर में हाई कोलेस्ट्रोल की मात्रा हृदय संबधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो नियमित रूप से 4 से 8 सप्ताह तक 1 से 4 कप सोया मिल्क का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोगों को खतास कम हो जाता है। सोया मिल्क में प्रोटीन और आइसोफलेवोन्स की मात्रा शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ाता है। साथ ही ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
बार बार बढ़ने वाले ब्ल्ड प्रेशर से हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। एनआईएच की रिसर्च के अनुसार सोया मिल्क में मौजूद आइसोफ्लेवोन की मात्रा से शरीर में ब्ल्ड प्रेशर को लो रखने में मदद मिलती है। दरअसल, आइसोफ्लेवोन की मदद से ब्लड वेसल्स के कार्य को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
इसमें मौजूद प्रोटीन की मात्रा से मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है। साथ ही एपिटाइट को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे शरीर में जमा होने वाली कैलोरीज को कम करके हेल्दी वेटगेन में मदद मिलती है। सोया मिल्क में पाए जाने वाले आइसोफ्लेवोन बॉडी वेट को रेगुलेट करने में मदद करते हैं।
सोया मिल्क का सेवन करने से हार्मोन में बढ़ने वाले असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाली थकान, डिप्रेशन, हॉट फ्लशिज़ और मांसपेशियों में ऐंठन से बचा जा सकता
सोया मिल्क बनाने के लिए सबसे पहले एक कप सोया बीन्स को लेकर धो लें और ओवरनाइट सोक होने के लिए बड़े बर्तन में डालकर रखें।
अब 8 से 10 घंटे तक सोक होने के बाद सोया बीन्स का छिलका मुलायम होने लगता है। पानी को गिराकर उसे 3 से 4 बार धोएं।
छिलके को उतारकर दोबारा से अच्छी तरह धोएं और उसे ब्लैण्डर में डालें। साथ में दो कप पानी भी एड कर दें।
कुछ देर ब्लैंण्ड करने के बाद तैयार तरल पदार्थ को कपड़े से छानकर अलग कर लें। वहीं पैन को गैस पर धीमी ओच पर रखें।
तैयार तरल पदार्थ को पैन में डालकर 4 से 5 मिनट तक पकाएं और बीच बीच में हिलाते भी रहें।
पकने के बार प्लांट बेस्ड सोया मिल्क को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर गिलास में डालकर सर्व करें।
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