बालों को खूबसूरत बनाने के लिए तरह तरह के कलर अप्लाई किए जाते हैं। इससे आपके चेहरे की ब्यूटी भी बढ़ने लगती है। अब बालों को कलर करवाने के लिए कई तरह के कैमिकल युक्त प्रोडक्टस को इस्तेमाल किया जाता है। कलर्ड हेयर को सही देखभाल न मिल पाने के कारण बालों में फ्रिजीनेस और वॉल्यूम में कमी आने लगती है। इससे बालों को टूटना और झड़ना भी लगातार बढ़ने लगता है। ऐसे में अगर आप बालों की सही देखभाल करेंगी, तो बालों के रंग में भी निखार आएगा और बाल भी हेल्दी बने रहेंगे। जानते हैं कलर्ड हेयर की कैसे करें केयर (tips for coloured hair)।
इस बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ चित्रा का कहना है कि बालों पर कलर करने से स्कैल्प कई कैमिकल्स की चपेट में आ जाता है। कलर में मौजूद अमोनिया बालों की सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे बालों के टैक्सचर से लेकर नेंचुरल कलर तक हर चीज़ प्रभावित होती है। बालों को कलर करने के लिए क्यूटिकल्स को ओपन करके कलर उन्हें फिल किया जाता है। इससे बालों को बेहद नुकसान पहुंचता है।
बालों में मौजूद रंग की लॉगिविटी के लिए तीन दिन तक बालों को धोन से बचें। इससे बालों की चमक बरकरार रहती है। इसके अलावा हेयर क्यूटिकल्स डैमेज होने से बच जाते हैं। अगर आप किन्ही कारणों से बालों को धो लेती हैं, तो बालों की अनइवन टोन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मौजूद कैमिकल्स भी निकलने लगते हैं।
कलर प्रोटेक्टेंट शैम्पू का इस्तेमाल बालों के रंग को बरकरार रखता है। इससे स्कैल्प का नेचुरल पीएच लेवल बरकरार रहता है। अल्कोहल और सल्फेट जैसे हार्श कैमिकल से भरपूर शैम्पू बालों के टैक्सचर को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। ऐसे में बालों की रंगत को रिस्टोर करने के लिए उचित शैम्पू सही मात्रा में बालों पर लगाएं।
बालों को धोने के लिए बिल्कुल सामान्य पानी ही प्रयोग करें। गर्म पानी से बाल रूखे और जड़ों से कमज़ोर होने लगते हैं। इसके अलावा हेयर क्यूटिकल्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो बालों के रंग को नुकसान पहुंचा सकता है। सर्दी के मौसम में बालों को धोने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
बालों को धोन के बाद उनपर कंडीशनर ज़रूर लगाएं। इससे बाल मुलायम और स्मूद बने रहते हैं। इससे क्यूटिकल्स में माइश्चर लॉक हो जाता है। जो बालों को टूटने से बचाता है। हेयरवॉश के बाद बाल ग्लॉसी और हेल्दी बन जाते हैं। इससे बालों को पोषण मिलता है। जो रूखेपन से बचाता है।
बालों को कलर करवाने के बाद प्रेसिंग और करलिंग टूल्स को अवॉइड करें। इससे बालों के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। बालों पर मौजूद कैमिकल्स हीट के साथ मिलकर बालों की जड़ों को कमज़ोर बनाते हैं। अगर आप फ्रिजीनेस से परेशान हैं से बालों पर हीटिंग टूल्स की जगह सीरम या माइल्ड स्प्रे का इस्तेमाल करें।
घर के बाहर निकलने से पहले बालों को स्कार्फ या कैप से ढ़क लें। इससे बालों में डस्ट पार्टिकल्स के चिपकने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा सूरज की तेज़ किरणों से भी बालों को नुकसान पहुंच सकता है। बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए हेयर कवर करना ज़रूरी है। वहीं स्वीमिंग से पहले भी बालों को ढ़कना आवश्यक है।
हेयर कलर में मौजूद सिलिकॉन और सल्फेट बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। एनसीबीआई के अनुसार बालों को धोने के लिए सिलिकॉन और सल्फेट रिच प्रोडक्टस का प्रयोग करने से बालों में सीबम कम होने लगता है। इससे बालों की प्राकृतिक नमी खो जाती है, जिससे हेयर फ्रिजीनेस बढ़ने लगती है।
अगर आप बार बार बालों में कलरिंग करवाती हैं, तो इससे बालों की जड़े कमज़ोर होने लगती है। इसके चलते बाल अत्यधिक ड्राई होकर टूटने और झड़ने लगते हैं। बालों पर बार बार ब्लीच या टचअप करवाने से भी बालों का टैक्सचर खराब होने लगता है।
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कस्टमाइज़ करेंबालों पर होने वाला रंग का असर बालों के असल रंग पर भी दिखने लगता है। दरअसल, बालों पर अलग अलग प्रकार के रंग करने से उनका नेचुरल कलर खो जाता है। इससे स्कैल्प का पीएच लेवल गड़बड़ा जाता है। जो बालों के जल्दी सफेद होने का कारण साबित होता है।
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