दिनभर काम और इधर उधर की बातों से दिमाग तनावग्रस्त हो जाता है। ऐसे में मन थक कर सुकून की तलाश में निकल पड़ता है। खुद को तनाव मुक्त रखने के लिए आराम आवश्यक है। मगर उससे मेंटल हेल्थ ज्यों की त्यों ही बनी रहती है। ऐसे में मन को तनावमुक्त रखने के लिए कई प्रकार की थैरेपी और मेडीटेशन फायदेमंद साबित होती है। स्ट्रेस लेवल को कम करने के लिए कभी न खत्म होने वाले काम से ब्रेक लेकर कुछ देर खुद के लिए वक्त निकालना ज़रूरी है। जानते हैं वो टिप्स जिनकी मदद से दिनभर तनाव में रहने वाले मन को आसानी से रिलैक्स किया जा सकता है।
इस बारे में हेल्थ एंड फिटनेस एक्सपर्ट वनीता रंधाना का कहना है कि व्यस्त दिनचर्या के बाद शरीर को रिफ्रेश करने से तन और मन को हेल्दी रखा जा सकता है। इसके लिए दिनभर की थकान को दूर करने के लिए कुछ वक्त योग और व्यायाम के लिए निकालें। इससे मेंटल हेल्थ मज़बूत बनी रहती है। शरीर में होने वाली स्टिफनेस से भी बचा जा सकता है, जो शारीरिक अंगों में ऐंठन का कारण साबित होती है।
रिलैक्सेशन तकनीकों में डीप ब्रीदिंग एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी मदद से मानसिक तनाव से लेकर शारीरिक थकान तक सभी चीजों से मुक्ति मिल जाती है। इसकी खास बात ये है कि आप घर हो या बाहर कहीं भी समय निकालकर कुछ देर इसका अभ्यास कर सकते हैं। इससे सांस पर नियंत्रण बनने लगता है और शरीर का इम्यून सिस्टम भी मज़बूत होता है। आंखें बंद करके गहरी सांस लेने और छोड़ने के इस अभ्यास के दौरान कई प्रकार के विचार मन में आते और जाते हैं। उन्हें रिलीज करने से मन शांत और शरीर एक्टिव बना रहता है।
मांइड को रिलैक्स रखने के लिए कुछ वक्त किताबें या अखबार पढ़ने के लिए अवश्य निकालें। इससे न केवल आपका ज्ञान बढ़ता है बल्कि इससे थकान भी दूर होती है। साथ ही मूड सि्ंवग की समस्या से भी बचा जा सकता है। दिमाग को एक्टिव रखने के लिए मी टाइम में किताबों को अवश्य पढ़ें। देर तक काम करने के बाद बेड टाइम रीडिंग आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
एक तनावपूर्ण दिन के बाद दिमाग को शांत रखने और सुकून पहुंचाने के लिए कुछ वक्त अपने दोस्तों के साथ बिताएं। फ्रैंड सर्कल बनाएं और दोस्तों के साथ बातचीत करें। किसी मित्र से बात करके आप दिनभर की थकान से मुक्ति पा सकते है। इससे आप अपने मन की बात अपने दोस्त से साझा कर सकते है, जिससे तनाव रिलीज़ होने लगता है।
व्यस्त दिनचर्या के बाद कुछ वक्त सुकून के बिताने के लिए आर्ट थेरेपी का रूख कर सकते है। एक्सपर्ट के अनुसार ड्राइंग और पेंटिंग से पास्ट ट्रामा से बाहर आने में मदद मिलती है। इसके अलावा विचारों में सकारात्मकता बढ़ने लगती हैं। रंगों की इस दुनिया में कुछ वक्त बिताने से आत्म नियंत्रिण बढ़ने लगता है। साथ ही हालात के अनुसार तालमेल बैठाने की समझ भी बढ़ने लगती है। आर्ट एक्टिविटीज करने से सेल्फ कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है, जिससे आप खुद को दूसरों के समक्ष व्यस्त कर पाते हैं।
अरोमा थैरेपी की मदद से तनावग्रस्त माहौल से बाहर आने में मदद मिलती है। इससे माइंड रिलैक्स और शरीर एनर्जी से भरपूर बना रहता है। सुगंधित तेज, मोमबत्तियों और डिफ्यूज़रस्ट्रेस की मदद से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन नियंत्रित होने लगता है, जिससे आप खुद को ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं। तेल की मसाज मांसपेशियों को रिलैक्स कर देती है। इससे तनाव के साथ साथ नींद न आने की समस्या भी हल हो जाती है।
काम के बोझ के चलते थकान का अनुभव कम करने के लिए म्यूजिक का सहारा लिया जा सकता है। इसकी मदद से तन और मन शांत होने लगते हैं। फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी जर्नल के शोध के अनुसार म्यूजिक की मदद से तनाव और डिप्रेशन के लक्षणों से बचने में मदद मिलती है। साथ ही म्यूजिक थैरेपी से कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है और किसी भी चीज़ पर आसानी से फोकस भी किया जा सकता है।
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