इन 5 कारणों से तनाव में रहते हैं भारतीय बुजुर्ग, जानिए उनकी मदद कैसे की जा सकती है

वित्तीय तनाव से लेकर स्वतंत्रता छीनने का डर बन रहा है बुजुर्गों में तनाव का कारण, जानें कैसे करना है उनकी मदद।
bujurgon me tanav ke karan aur upay
बुजुर्गों में तनाव के सामान्य कारण और उनके समाधान के उपाय। चित्र- अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 18 Oct 2023, 10:18 am IST
  • 124

भारत में इन दिनों अधिकांश वरिष्ठ नागरिक (Senior citizens) अथवा बुजुर्ग व्यक्ति (Elderly people) शारीरिक विकलांगता, बेरोजगारी, वित्तीय समस्याओं से पीड़ित हैं। कुछ बुजुर्गों को परिवार के सदस्यों के सहयोग के अभाव में वृद्धाश्रम भेज दिया जाता है। उम्र से संबंधित चिंताओं के कारण, वरिष्ठ नागरिकों का तनाव का स्तर युवा वयस्कों की तुलना में अधिक हो सकता है। तनाव तमाम स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देता है। बुजुर्गों की शारीरिक क्षमता कम होती है और बीमारियां उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेती हैं। इसलिए वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य (Senior citizens health) के लिए उनके तनाव के कारणों को समझना और उन्हें दूर करना जरूरी है। आज वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे (World Senior citizens day) पर आइए जानते हैं बुजुर्गों में बढ़ते जा रहे तनाव (Stress in elderly people) के बारे में सब कुछ।

जानें क्या कहते हैं आकड़ें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 15 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी प्रकार का मानसिक विकार है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लगभग 3.8 प्रतिशत वृद्ध आबादी चिंता विकारों से प्रभावित हैं। तो 21 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर, बात करेंगे बुजुर्गों में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में साथ ही जानेंगे इस स्थिति में हमे क्या करना है।

bujurgon ki sehmati hai jaroori.
किसी भी बुजुर्ग की यदि आप मदद करना चाहती हैं, तो सबसे पहले उनकी अनुमति लेना सुनिश्चित करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्या हैं बुजुर्गों में तनाव के सामान्य कारण और उनके समाधान के उपाय (Stress in elderly people : causes and solutions)

1. स्वास्थ्य संबंधी चिंता (Health issues)

बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है व्यक्ति अपनी सेहत को लेकर अधिक चिंतित होता जाता है। गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में चिंता करना बुजुर्गों के लिए तनाव के प्रमुख कारणों में से एक है।

बुजुर्गों की देखभाल करें

आप अपने बुजुर्गों को स्वस्थ आहार खाने और नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करके स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। उनकी नियमित जांच करवाएं और जरुरत पड़ने पर आवश्यक इलाज करवाएं, जिससे समस्याओं के गंभीर होने से पहले ही उनका पता लगा इलाज करवाया जा सके। यदि आप अपने घर के बुजुर्गों की सेहत को लेकर सचेत रहती हैं तो उनकी चिंता कहीं न कहीं बेहद कम हो जाती है।

2. स्वतंत्रता खोने का डर

उम्र बढ़ने की चिंता, दूसरों पर निर्भर रहना और दैनिक कार्यों को स्वतंत्र रूप से न कर पाना वरिष्ठ नागरिकों के लिए तनाव का सामान्य कारण हो सकता है। कई वर्षों तक आत्मनिर्भर रहने के बाद व्यक्ति को अपनी स्वतंत्रता खोने और दूसरों पर निर्भर होने का डर लगा रहता है। वहीं कई घरों में लोगों का व्यवहार बुजुर्गों के प्रति सही नहीं होता जिसकी वजह से वे अपने भविष्य को लेकर अधिक चिंतित नजर आ सकते हैं।

इस तरह मैनेज कर सकती है बुजुर्गों का तनाव

अपने प्रियजन को स्वतंत्रता खोने के डर का सामना करने में मदद करने का एक तरीका भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करना है, जिसमें घरेलू देखभाल भी शामिल है। उन्हें भरसो दिलाएं की आप पूर्ण रूप से उनकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे उन्होंने आपकी जिम्मेदारी संभाली है। अपने प्रियजन को आश्वस्त करें कि आप उनकी स्वतंत्रता को कभी नहीं छीनना चाहती और आप उनकी घबराहट और निराशा को समझते हैं जो वह महसूस कर रहे हैं।

boodhe logon men depression
बुजुर्गों में अवसाद अधिक आम है। चित्र : शटरस्टॉक

3. वित्तीय असुरक्षा का डर

एक उम्र के बाद व्यक्ति नौकरी नहीं कर पाते, जिसकी वजह से उन्हें वित्तीय रूप से अपने परिजनों पर निर्भर होना पड़ता है। बुजुर्गों में अपनी नियमित वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की चिंता तनाव का एक बड़ा कारण हो सकती है। वहीं यदि परिवार के सदस्य बुजुर्गों के प्रति सपोर्टिव नहीं रहते हैं, तो वे अधिक चिंतित और तनावग्रस्त रहने लगते हैं।

यह भी पढ़ें : लेट नाइट एंग्जाइटी है आपकी परेशानी की वजह, तो इन टिप्स को करें फाॅलो

जानें इस स्थिति में क्या करना चाहिए

वित्त के बारे में अपने माता-पिता के तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका एक साथ बैठना और बजट पर विचार करना है। अपने माता पिता को भी इस नई टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन शॉपिंग करवाएं ताकि वे भी ऑफर्स का आनंद ले सकें। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण है उन्हें यह विश्वास दिलाना कि स्थिति बिगड़ने पर आप उनके साथ हैं, आप उन्हें वित्तीय रूप से अकेला नहीं छोड़ेंगे।

4. अकेलापन

घर के युवा काम-काज, पढ़ाई और अपने जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं। उनके पास घर के बुजुर्गों के साथ कुछ देर बैठने तक का समय नहीं होता। हालांकि, यह पूरी तरह से गलत है। इस स्थिति में बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। ज्यादातर ऐसा तब होता है जब बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति अपना पार्टनर और दोस्त खो देता है। इसके अलावा शारीरिक परेशानियां बढ़ने के कारण कई बुजुर्ग बिना किसी व्यक्ति के सहारे के घर के बाहर भी नहीं जा पाते। एक कमरे में बैठे हुए भी वे अकेलापन महसूस करते हैं और इसकी वजह से तनाव के शिकार हो जाते हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

अपने घर के बुजुर्गों के लिए समय निकालें

यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि आपके प्रियजन को परिवार के सदस्यों और अन्य वरिष्ठ लोगों के साथ समय बिताने का अवसर मिले। अपने प्रियजन के साथ हफ्ते में एक बार स्थानीय वरिष्ठ केंद्र ले जाएं या दूर रहने वाले दोस्तों के साथ वीडियो चैट करना सिखाएं। प्राइवेसी जरुरी है, परंतु घर के बुजुर्गों की इच्छा जानना भी महत्वपूर्ण है इसलिए कहीं बाहर जाएं या किसी पार्टी फंक्शन में जाएं तो उन्हें भी इसका हिस्सा बनाएं। बच्चों को बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाएं साथ ही उन्हें बचपन से ही बुजुर्गों के साथ कुछ वक्त बिताने की आदत बनाएं।

loneliness-in-elderly
बुजुर्गों में अकेलेपन को कैसे करें दूर. चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. प्रियजनों को खोना

जैसे जैसे किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, उनके आसपास के लोगों की उम्र भी बढ़ती है, इस दौरान लोग अपने कई प्रियजन खो देते हैं। खासकर यह अधिक घातक तब हो जाता है जब किसी वक्ती का पार्टनर उन्हें अलविदा कहता है। अपने प्रिय लोगों को खोने का दुःख और अकेलेपन का डर बुजुर्गों को तनाव का शिकार बना देता है।

खुलकर बात करें

यदि आपके घर के बुजुर्ग ने अपना प्रिय मित्र, पार्टनर या किसी परिजन को खो दिया है, तो ऐसे में उन्हें अकेला न छोड़ें उन्हें दुःख जाहिर करने के लिए अपना कंधा जरूर दें। इसके अलावा उनकी भावनाओं के बारे में उनसे खुलकर बात करें और उन्हें बेहतर महसूस करवाने की कोशिश करें।

यह भी पढ़ें : कुछ भी याद नहीं रख पाती हैं, तो मॉर्निग स्टडी को बनाएं रुटीन का हिस्सा, मेंटल हेल्थ के लिए है फायदेमंद

  • 124
लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख