कुछ लोग रात में सोते वक्त एक दम घबराकर उठ जाते हैं। उनके जहन कोई न कोई ऐसी बात कैद होती है, जो उन्हें बार बार याद आती है। आस पास बढ़ने वाला तनाव इसका एक मुख्य कारण है। जो हमारे जीवन का एक हिस्सा है। दरअसल, एंग्जाइटी यानि घ्सबराहट का मतलब उस रिजल्ट से डरना है, जो हो भी सकता है और नहीं भी। जहां बच्चे एग्ज़ाम एग्जाइटी का शिकार होते हैं, तो वहीं बड़े जीवन के कई फैसलों में एंग्जाइटी का सामना करते हैं। जानते हैं वो कारण जिसके चलते एंग्जाइटी (late night anxiety) बार बार ट्रिगर करती है। साथ ही जानते हैं इससे बचने के कुछ उपाय भी।
बात बात पर घबरा जाना और टेंशन में आ जाना कुछ लोगों की आदत भी होती है। एनसीबीआई के मुताबिक वक्त पर न सोना और नींद का पूरा न हो पाना चिंता का कारण बनने लगता है। जो किसी व्यक्ति में घबराहत को जन्म देती है। रिसर्च की मानें तो वे लोग जो मानसिक तौर पर परेशान रहते हैं। उनमें खराब नींद का जोखिम बढ़ने लगता है। जो घबराहट का रूप लेकर रात को ट्रिगर सकती है। इसके चलते लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
एकाग्रता की कमी
रात में पूरी नींद न ले पाना
हर वक्त नर्वस रहना और बेवजह थकान का अनुभव करना
एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या से परेशान रहना
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि अगर आप नाइट एंग्ज़ाइटी का शिकार हो जाते हैं। तो इसके लिए खुद को कुछ चीजों से दूर रखने की आवश्यकता होती है। अपने मन को शांत रखने के लिए ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें, जो आपकी परेशानी का कारण हैं। पूरी नींद लेना भी ज़रूरी है। इसके लिए रात में सोते वक्त कोई भी ऐसा विडियो या ऐसी चीज़ जो आपको परेशान करती है, तो उसे याद न करें। इसके अलावा अपने पैरों को गुनगुने पानी में कुछ देर डालकर रख सकते हैं। इससे आपको अच्छी नींद आने में आसानी होगी।
अगर आप हर सिचुएशन में घबरा जाते हैं और उसे फेस करने से डरने लगते हैं, तो इस बात को स्वीकार लें। वे लोगा जो किसी मानसिक परेशानी का शिकार है या जीवन में कई उतार चढ़ावों से होकर गुज़रें हैं। वे अक्सर किसी भी समस्या का सामना करने से डरने लगते हैं। जब आप किसी समस्या का एक्सेप्ट कर लेते हैं, तो उसका सुलझाना आसान होने लगता है।
किसी परेशानी को एक्सेप्ट करने के बाद उस पर विचार करना शुरू करें। उस सिचुएशन को समझने का प्रयास करें कि आप इस परिस्थिति से कैसे बाहर आ सकती है। अगर आप डरकर किसी समस्या से भागने लगेंगे, तो वो समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में उसका सामना करें और उससे बाहर आनने का रास्ता खोजें। इसका अलावा मनोवैज्ञानिक से भी सलाह लें।
जब आप अपने लिए कुछ वक्त निकालने लगते हैं, तो उससे आपका तन और मन दोनों ही शांत हो जाते हैं। इसके चलते आपके शरीर में हैप्पी होर्मोंस रिलीज़ होने लगते हैं। जो आपको सभी चिंताओं से मुक्त रखते है। सुबह कुछ वक्त एक्सरसाइज़ करने के अलावा कुछ देर रात में भी योग या वॉक करें। इससे आप खुद को हल्का और सुकून से भरपूर महसूस कर पाएंगी।
रात को सोते से पहले अगर आप मोबाइल या लेपटॉप का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे भी आपकी नींद में विलंभ होने लगता है। पूरी नींद नहीं ले पाती है और एग्ज़ाइटी का शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है। सोने से कुछ घंटे पहले गैजेटस के प्रयोग से बचना ज़रूरी है।
कैफीन का सेवन रात को सोने से पहले करने से आप भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं। इसमें मौजूद तत्व माइंड को एलर्ट कर देता है। इसके चलते आपको दूर तक नींद नहीं आती है। सुबह उठकर आप खुद को स्लीपलेस महसूस करते हैं। नींद पूरी न होना तनाव का कारण बन जाता है। ऐसे में रात को कैफीन का सेवन करने से बचना चाहिए।
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