कभी-कभार खाना सामने होने पर भी भूख नहीं लगती या खाना खाने की इच्छा नहीं होती है। भोजन के स्वाद, कलर या गंध आकर्षित नहीं करते हैं। दूसरों को खाते हुए देखकर भी भोजन करने की इच्छा न होना एपेटाइट में कमी है। सर्जरी के बाद शुरुआत में भूख नहीं लग सकती है। आहार सेवन और एपेटाइट में कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, मूड में बदलाव, भूख कम लगना, चबाने-निगलने में कठिनाई और स्वाद में बदलाव के कारण भी यह हो सकता है।
अपर्याप्त पोषक तत्वों के सेवन और मोबिलिटी में कमी से वजन और मांसपेशियों की हानि हो सकती है। इसके कारण कमजोरी, थकान महसूस हो सकती है। रोजमर्रा के काम करने का मन नहीं कर सकता है। इसलिए भूख की कमी की समस्या को समझना और उसे दूर करना (causes of poor appetite) जरूरी है।
भूख न लगने के कई कारण हो सकते हैं। भूख न लगने यानी एपेटाईट खाने के विकार एनोरेक्सिया नर्वोसा से अलग है। भूख न लगने के कारण की पहचान करने और उसका इलाज करने से बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है।
थकान या लो एनर्जी, उलटी, मांसपेशियों में कमजोरी, कब्ज या दस्त, त्वचा- बाल या नाखूनों में परिवर्तन के कारण भूख नहीं लग सकती है। भूख में कमी अगर एक सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहे, तो यह चिंता का विषय है। किसी डॉक्टर से मिलकर बात करना सबसे अधिक जरूरी है।
यदि स्ट्रेस के कारण भूख नहीं लग रही है, तो खाना खाते समय हल्का संगीत बजाएं। शांत वातावरण में भोजन करें। हर 2-3 घंटे में थोड़ा-थोड़ा भोजन और नाश्ता करें। फलों और सब्जियों जैसे कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से पहले स्टार्च जैसे ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। भोजन से एक घंटा पहले या बाद में तरल पदार्थ पियें। भूख बढ़ाने के लिए भोजन में स्पाइसेज़ का प्रयोग बढायें।
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