गांव में बाजरे की रोटी को धीमी आंच पर चूल्हे पर तैयार किया जाता है, जिससे थाल में रोटी के रूप में पोषण का उचित डोज़ परोसा जाता है। गर्म तासीर वाला बाजरा सर्दी में शरीर को गर्माहट प्रदान करता है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और आलस्य से मुक्ति मिल जाती है। क्या आपने कभी बाजरे की रोटी का स्वाद चखा है। अगर अब तक आपने इस ज़ायके का लुत्फ नहीं उठाया, तो चलिए रसोईघर में और जल्दी से तैयार करें बाज़रे की गर्मागर्म रोटी। जानते हैं इस पौष्टिक रोटी के फायदे और इसे तैयार करने (How to make bajra roti) की विधि भी।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार बाजरे में एंटीऑक्सीडेंटस, पॉलिफेनोल्स और फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। इससे शरीर में मौसमी संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा प्रोटीन, फाइबर और कार्ब्स से भरपूर बाजरा डायबिटीज़, हार्ट डिजीज़ और कई प्रकार के कैंसर के खतरे से बचाता है। इसका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है।
फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और कैल्शियम से भरपूर बाजरे की रोटी शरीर के पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान करती है। इसके नियमित सेवन से कब्ज, ब्लोटिंग, गैस और अपच की समस्या से राहत मिलती है। पोषण से भरपूर बाजरे का सेवन करने से देर तक भूख नहीं लगती है और इसे पचाना भी आसान होता है। इसे रोटी के अलावा खिचड़ी के तौर पर भी खाया जा सकता है।
बाजरे में पाई जाने वाली आयरन और पोटेशियम की उच्च मात्रा शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करते है। इससे अनियमित पीरियड साइकिल की समस्या हल होने लगती है। दरअसल, हार्मोन इंबैलेंस के चलते महिलाओं को अनियमित पीरियड साइकल, हैवी ब्लीडिंग और क्रैम्प की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में बाजरे के सेवन से शरीर में एण्ड्रोजन के स्तर में सुधार आने लगता है, जो शरीर में पीसीओएस के खतरे को कम करने में मदद करता है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रीएंट के मुताबिक पोषण से भरपूर बाजरा ग्लूटेन.फ्री है, जो व्हीट और राइज़ की तुलना में शरीर को पोषण प्रदान करता है। इसके सेवन में शरीर में ग्लूकोज़ का लेवल उचित बना रहता है। इससे इंसुलिन स्पाइक का जोखिम कम हो जाता है। इसके सेवन से ब्लड में शुगर धीमी मात्रा में रिलीज होने लगती है, जिससे डायबिटीज़ बढ़ने का खतरा कम रहता है।
बैली फैट को कम करने में बाज़रा फायदेमंद साबित होता है। इसमें पाया जाने वाले फाइबर और लो कैलोरीज़ से बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है। इससे आप ओवरइटिंग से बचे रहते हैं और शरीर में कैलोरीज़ का इनटेक कम हो जाता है।
एक बड़ा बर्तन लेकर उसमें दो कप आटा डालकर उसे हल्के गर्म पानी से गूंथ लें। आप इसमें 1 चम्मच अजवाइन और एक छोटा चम्मच नमक मिलाएं।
आटा गूंथने के बाद अब उसे 10 मिनट के लिए सेट होने के लिए रख दें। ध्यान रखें कि आटे को नर्म रखें और ज्यादा सख्त न गूंथे।
अब आटे की एक लोई बना लें और उसे दोबारा से 1 से 2 मिनट के लिए हाथ से दोबारा मलें। किसी भी मोटे अनाज की रोटी बनाते समय उसे नर्म करने के लिए यह एक्स्ट्रा प्रोसेस जरूरी है। आटा मुलायम होने के बाद लोई बनाकर हाथ में लें।
इसे रोलिंग पिन से बेलने की बजाए हाथों में लोई लेकर उसे हथेलियों से थपथपाते हुए धीरे-धीरे फैलाएं और गोलाकर में बढ़ाएं। रोटी को थोड़ा थिक रखें और हाथ से थपथपाएं। अगर आटा चिपकने लगे तो बीच-बीच में थोड़ा सा पानी भी लगा सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंतवे को पूरी तरह से गर्म कर लें और रोटी को तवे पर डालें और धीमी आंच पर पकाएं। चाहें, तो तवे पर थोड़ा सा घी लगा लें। इससे रोटी चिपकने से बच जाती है।
रोटी को पकाने में जल्दबाज़ी से न करें। एक तरफ से पकने के बाद उसे धीरे से दूसरी ओर पलटें। मक्की की रोटी के समान ही बाजरे की रोटी के भी टूटने का खतरा रहता है।
आराम से रोटी को धीमी आचं पर पकाते रहें। अगर आप पहली बार बाजरे की रोटी बना रहीं हैं, तो बेहतर होगा कि उसे घी से सेकें। जिससे कि वह कच्ची न रह जाए। दोनों तरफ से यही प्रोसेस दोहराएं।
लीजिए आपके हाथ की बनी बाजरे की रोटी तैयार है। इसे अपने पसंदीदा हरे साग, कढ़ी या उड़द की दाल के साथ परोसें। यह क्योंकि मोटे अनाज से बनी रोटी है इसलिए इसके साथ छाछ और घी सर्व करना न भूलें।
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