मौसम में आने वाले सामान्य बदलाव का असर शरीर पर दिखने लगता है। इसके चलते चेहरे, हाथों और पैरों में सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। सूजन शरीर में किसी क्रानिक डिज़ीज़ और कोई दवा खाने के अलावा देर तक बैठने से भी बढ़ने लगती है। घुटनों और जोड़ों में बढ़ने वाली सूजन किसी गंभीर समस्या का सूचक भी हो सकती है। अगर आप हाथों और पैरों में हल्की सूजन का अनुभव कर रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स को फॉलो करके उस समस्या से राहत पा सकते हैं। जानते हैं सूजन की समस्या को दूर करने वाले कुछ घरेलू नुस्खे।
गुरुग्राम के आर्टिमिस होस्पिटल में सीनियर कन्सल्टेंट इंटरनल मेडिसिन, डॉण् पी वेंकट कृष्णन बताते हैं कि वे लोग जो एनीमिया से ग्रस्त हैं, उनके शरीर में पानी की अधिक मात्रा से स्वैलिंग की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा अगर आपका हार्ट वीक है या हार्मोनस के असंतुलन के कारण भी सूजन बढ़ने लगती है। महिलाओं को खासतौर से मेनोपॉज के दौरान पैरों में स्वैलिंग की समस्या बढ़ने लगती है।
एनआईएच के अनुसार सूजन शरीर के सेल्स और टीशूज़ में या उसके आस पास अत्यधिक मात्रा में सीरस फ्लूइड के एकत्रित होने के कारण बढ़ने लगती है। सूजन शरीर में कई कारणों से ट्रिगर करती है, जैसे किसी दवा, बीमारी या आघात के कारण होने लगती है। सूजन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। आमतौर पर ये चेहरे और पांव पर देखने को मिलती है।
शरीर में होने वाली सूजन से बचने के लिए नमक के अत्यधिक सेवन पर रोक लगाएं। नमक की अधिक मात्रा शरीर में पानी को होल्ड कर देती है। इससे वॉटर रिटेंशन की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में खाने के उपर से नमक छिड़ककर खाने से परहेज़ करें। साथ ही प्रोसेस्ड फूड, सॉस, अचार व जैम को खाने से परहेज करें। इनमें मौजूद नमक शरीर में सूजन का कारण बनने लगता है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी शरीर में सूजन की समस्या का कम करने में सहायक साबित होती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूनिम तत्व शरीर को वॉटर रिटेंशन की स्थिति से बाहर निकालने में मदद करता है। चुटकी भर हल्दी को पानी में उबालकर पीने से राहत मिलती है। इसके अलावा सब्जियों को पकाने में भी हल्दी का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद है। वहीं हल्दी वाले दूध का सेवन भी मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है और सूजन से मुक्ति दिलाता है।
पैरों में बढ़ने वाली सूजन से राहत पाने के लिए आइसपैक का प्रयोग करें। इसके लिए आइसपैक को प्रभावित स्थान पर कुछ देर तक रखें। आप चाहें, तो कपड़ें में लपेटकर भी बर्फ का प्रयोग कर सकते है। इससे किसी भी स्थान पर कटने, जलने व सूजन से राहत मिल जाती है। सर्दी के मौसम में बार बार आइसपैक के प्रयोग से बचें।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर ग्रीन टी शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थों को चयापचय करने में मददगार साबित होती है। इसके सेवन से न केवल शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है बल्कि पैरों, टांगों या हाथों में होने वाली सूजन से भी राहत मिलती है। आप चाहें, तो ग्रीन टी में शहद को मिलाकर पी सकते हैं, जिससे ये और भी गुणकारी हो जाती है।
विटामिन की मदद से शरीर में होने वाली वॉटर रिटेंशन से बचा जा सकता है, जो सूजन का कारण बनता है। एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर विटामिन सी को डाइट में शामिल करे। इसके अलावा बी काम्प्लेक्स विटामिन भी शरीर को फायद पहुंचाते हैं।
दिनभर बैठना और लगातार काम में व्यस्त रहना कई बार पैरों में सूजन का कारण बनने लगता है। इससे शरीर का वज़न भी बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए फिज़िकल एक्टिविटी को रूटीन में शामिल करें। इससे शरीर में वॉटर रिटेंशन यूरिक एसिड संबधी समस्याओं से राहत मिलने लगती है।
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