आप सभी ने आसपास या अपने घर में या खुद के पैरों में कभी न कभी सूजन महसूस जरूर की होही। यदि नहीं कि है तो यह बहुत अच्छी बात है, और यदि आप सूजन महसूस कर रही हैं तो फौरन इस पर ध्यान दें। आम तौर पर हम सभी इसके पीछे थकान, अधिक चलने, चोट लगने, भारी कार्य करने आदि जैसी स्थितियों को जिम्मेदार ठहरा देते हैं। हालांकि, इसके लिए कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। यह सुनने और देखने में एक आम समस्या लगता है, परंतु यह आपके शरीर के अंदरूनी अंगों की बीमारी का संकेत हो सकता है।
हमने इस विषय पर आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल, पुणे के जनरल फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रंजीत कुमार यादव से बात की। डॉक्टर ने पैरों के सूजन को कई बीमारियों का संकेत बताया है। सबसे महत्वपूर्ण यह है की आपके सूजे हुए पैर आपकी किडनी की सेहत की ओर इशारा करते हैं। इन चीजों को लेकर जितना हो सके उतना सचेत रहे और इस गंभीर संकेत को भूलकर भी नजरअंदाज न करें (swelling feet causes)।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने से पैरों में सूजन आ सकता है। यदि आप स्वस्थ व संतुलित आहार नहीं ले रही हैं, तो जाहिर सी बात है, कि शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाएगा, जिसकी वजह से इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों (एडेड साल्ट) के अधिक सेवन से शरीर के कई हिस्सों में पानी जमा हो जाता है, खासकर फ्लूइड पैरों में जल्दी जमा होते हैं, जिसकी वजह से स्वेलिंग का सामना करना पड़ता है।
किडनी फेलियर होने पर ब्लड से यूरिन फिल्टर नहीं हो पाता, ऐसे में खून में प्रोटीन एल्बुमिन का स्तर कम हो जाता है और यूरिन का स्तर बढ़ जाता है। जिसकी वजह से पैरों में सूजन का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में किडनी फ्लूइड फिल्टर नहीं कर पाती जिसकी वजह से शरीर में अत्यधिक पानी जमा हो जाता है। यदि आपके भी पैरों में सूजन रहता है, कमर में दर्द रहता है और पाचन संबंधी परेशानियां हो रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें।
लिवर डैमेज की स्थिति में लीवर का नियमित ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से ब्लड को लिवर तक पहुंचाने वाले वेन्स पर अधिक प्रेशर पड़ता है। पोर्टल वेन्स पर प्रेशर बढ़ने की वजह से पैरों में फ्लूइड जमा हो जाते हैं, जिसे हम एडिमा का नाम देते हैं। इसके अलावा इस स्थिति में पेट में भी फ्लूइड जमा हो जाता है। इस प्रकार के लक्षण को कभी भी नजरअंदाज न करें।
कुछ ऐसी दवाइयां हैं जिनके साइड इफेक्ट के तौर पर पैरों में सूजन का सामना करना पड़ सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार ब्लड प्रेशर और पेन मैनेजमेंट मेडिकेशंस इस स्थिति के लिए जिम्मेदार होती हैं। यदि इन दवाइयों का सेवन कर रही हैं और पैरों में सूजन आ जाता है, तो अपने डॉक्टर से मिले और उनसे इस विषय पर सलाह लें।
हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में थाइरोइड हार्मोन और उनके प्रोटीन की अधिक मात्रा ब्लड वेसल्स में प्रोड्यूस होना शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, इसके साथ ही यह स्थिति मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है। साथ ही साथ किडनी का ब्लड फ्लो भी धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से वॉटर रिटेंशन की समस्या होती है और यह पैरों में सूजन का कारण बन सकती है।
पैरों में सूजन का कारण बनने वाले यह सभी हेल्थ कंडीशंस को अलग-अलग तरीके से ट्रीट किया जाता है। इसलिए पैरों में सूजन आने के बाद शरीर के अन्य लक्षणों को पहचाने और डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर सलाह लें। इसके अलावा आप इस समस्या से बचने के लिए खाने में सीमित मात्रा में नमक लें, साथ ही साथ अपनी बॉडी में एक्स्ट्रा फ्लूइड जमा होने के कारणों का पता करें। वॉटर रिटेंशन पैरों में सूजन का एक सबसे सामान्य कारण है, जिसके पीछे कई स्वास्थ्य स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें : Fibromyalgia : लगातार थकान और दर्द हो सकता है फाइब्रोमायल्जिया का संकेत, जानिए इस समस्या के बारे में सब कुछ
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें