कार्बोहाइड्रेट को खाने को लेकर हम लोग हमेशा डरते रहते हैं। यह वजन बढ़ा देगा। यह शरीर को सुस्त कर देगा। यह ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देगा। ऐसे ही न जाने कितने दोष हम जानकारी के अभाव में कार्बोहाइड्रेट के मत्थे मढ़ देते हैं। सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि बैड कार्ब्स के साथ-साथ गुड कार्ब्स भी होते हैं। कई शारीरिक क्रियाओं के लिए ये बेहद जरूरी हैं। विशेषज्ञ की मदद से जानते हैं कि गुड कार्ब्स को बैड कार्ब्स से अलग (Good Carbs vs Bad Carbs) कैसे किया जाए।
कार्बोहाइड्रेट प्राकृतिक रूप से प्लांट बेस्ड फूड्स में पाए जाते हैं। ये आमतौर पर गुड कार्ब्स (Good Carbs) होते हैं। इस प्रकार के कार्ब को कॉम्प्लेक्स कार्ब भी कहा जाता है, जो स्वस्थ पाचन तंत्र और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है।
खराब कार्ब्स को प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में स्टार्च और शर्करा के रूप में मिलाया जाता है। इन्हें सिम्पल कार्ब्स (Simple Carbs) कहा जाता है। ये ब्लड स्ट्रीम में अवशोषित हो जाते हैं और ब्लड शुगर बन जाते हैं।
कार्बोहाइड्रेट को सरल और जटिल कार्ब्स के रूप में बांटा जा सकता है। सिंपल या बैड कार्ब्स ऐसे कार्बोहाइड्रेट हैं, जिनके कई आवश्यक पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं। सिंपल कार्ब्स जल्दी पच जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर में वृद्धि होती है। जल्दी भूख भी लग जाती है। थोड़े समय के लिए भरे पेट के कारण अधिक खाना, वजन बढ़ना और डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियां पैदा होती हैं। वाइट डबलरोटी, प्रोसेस्ड पास्ता, प्रोसेस्ड आटा, पेस्ट्री, सफेद चावल भी इसमें आते हैं।
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स गुड कार्ब्स होते हैं। वे अक्सर चोकर और फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरे होते हैं। ये उन्हें धीमी गति से पचाने में मदद करते हैं। तेजी से न पचने से ग्लूकोज का धीरे-धीरे लेकिन लगातार स्राव होता है, जिससे ब्लड शुगर में बढ़ोतरी नहीं होती है। प्लांट बेस्ड फ़ूड में मौजूद कार्ब्स गुड कार्ब्स हैं ।
कार्बोहाइड्रेट को फाइबर, स्टार्च और शुगर में भी बांटा जाता है। फाइबर पौधे आधारित खाद्य पदार्थों से आता है। फाइबर काम्प्लेक्स कार्ब है, जो पाचन के दौरान पूरी तरह से टूटता नहीं है। यह आंतों से गुजर कर अन्य पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता (Good Carbs vs Bad Carbs) है। यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है। बीन्स, छिलके या बीज वाले फल और सब्जियां, साबुत अनाज जैसे क्विनोआ और ओटमील, ब्राउन चावल भी इसके अंतर्गत आते हैं।
स्टार्च काम्प्लेक्स कार्ब्स हैं। स्टार्च फाइबर के समान कार्य करता है। बीन्स मुख्य रूप से सेम और मटर, फल, साबुत अनाज, मक्का और आलू में पाया जाता है।
शुगर दो रूपों में आती है- प्राकृतिक और एडेड। प्राकृतिक और एडेड शुगर सिम्पल कार्ब्स हैं।
शरीर प्राकृतिक या अतिरिक्त चीनी के बीच अंतर नहीं बता सकता। लेकिन फल खाने से चीनी के साथ-साथ फाइबर और स्टार्च भी मिलता है।
कार्ब्स शरीर के लिए ईंधन हैं। दिमाग, किडनी, हार्ट मसल्स, सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र को फयूल देते हैं कार्ब्स।मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्थितियों से बचाव होता है। एडेड कार्ब्स मांसपेशियों और लीवर में जमा हो जाते हैं। बाद में पर्याप्त कार्ब्स नहीं मिलने पर इसका उपयोग किया जाता है। कार्ब्स की कमी से सिरदर्द, थकान, कमजोरी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, उल्टी, कब्ज़ की समस्या हो सकती है।
अच्छी सेहत के लिए गुड कार्ब्स बहुत जरूरी हैं। क्विनोआ एक पौष्टिक सीड्स है, जो शरीर के मसल्स और मेंटल हेल्थ को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा, ओटमील, केले, स्वीट पोटैटो, बीट रूट, ओरेंजऔर ब्लू बैरीज भी गुड कार्ब भी हैं। ध्यान दें कि ज्यादातर प्लांट बेस्ड फ़ूड गुड कार्ब (Good Carbs vs Bad Carbs) के स्रोत हैं।
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