सहजन या मोरिंगा की पत्तियां पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। गाजर, संतरे और यहां तक कि दूध से भी अधिक सहजन या मोरिंगा अधिक पौष्टिक है। सहजन की पत्तियों का भारतीय व्यंजनों में खूब उपयोग होता है। यह हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। इन्हें कई तरीकों से आहार में शामिल किया जा सकता है। सब्जी के रूप में इसका सबसे अधिक उपयोग किया जा सकता है। हार्ट हेल्थ के लिए मोरिंगा जूस और मोरिंगा सूप (Moringa Juice and Moriga soup for heart health) भी सबसे अधिक लिया जाता है।
मोरिंगा की पत्तियां विटामिन ए, सी, बी1 (थियामिन), बी2 (राइबोफ्लेविन), बी3 (नियासिन), बी6 और फोलेट से भरपूर होती हैं। ये मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक से भी समृद्ध होती हैं। मोरिंगा की पत्तियां अमीनो एसिड से भरपूर होती हैं, जो प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक हैं। इनमें 18 प्रकार के अमीनो एसिड पाए जाते हैं। उनमें से प्रत्येक वेलनेस में योगदान देता है।
मोरिंगा की पत्तियों में क्वेरसेटिन जैसे कई एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं। क्वेरसेटिन लिपिड गठन और सूजन को रोकने में मदद कर सकता है, जो दोनों हृदय रोग में योगदान कर सकते हैं। मोरिंगा में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण भी हो सकते हैं। मोरिंगा ओलीफेरा आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, जिससे संभावित रूप से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
आइसोथियोसाइनेट्स की उपस्थिति के कारण मोरिंगा की पत्तियां प्रकृति में सूजन-रोधी होती हैं। उनमें नियाज़िमिसिन होता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास में प्रभावी माना जाता है। सूजन कई बीमारियों जैसे कैंसर, अर्थराइटिस और कई ऑटोइम्यून बीमारियों का मूल कारण है। जब हमें कोई चोट लगती है या संक्रमण होता है, तो शरीर में सूजन बढ़ जाती है।
मोरिंगा की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं। यह पर्यावरण में मौजूद फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स से होने वाली क्षति टाइप 2 डायबिटीज, हृदय की समस्याओं और अल्जाइमर जैसी कई क्रोनिक डिजीज के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हाई ब्लड शुगर हृदय की समस्याओं और शरीर में अंग क्षति का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना जरूरी है। मोरिंगा की पत्तियां आइसोथियोसाइनेट्स की उपस्थिति के कारण ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करती हैं।
मोरिंगा की पत्तियां हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित करती हैं। कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों से पीड़ित होने का प्रमुख कारण है। मोरिंगा की पत्तियां खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल में काफी सुधार देखा जाता है। मोरिंगा कॉलेस्टेरोल लेवल को कम कर सकता है और हृदय रोग के खतरे से बचा सकता है। गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल का अनुभव होता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
प्रतिदिन मोरिंगा का सेवन करने से रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आ सकती है। मोरिंगा की पत्तियां अत्यधिक पौष्टिक होती हैं और इनका प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है। उन लोगों के लिए यह अत्यधिक फायदेमंद साबित होता है, जिनमें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है।
मोरिंगा, टमाटर और लहसुन को उबालकर मोरिंगा सूप तैयार किया जा सकता है। काला नमक और गोल मिर्च डालकर इसे टेस्टी बनाया जा सकता है। मोरिंगा और टमाटर को कच्चा पीसकर छान लें। इस जूस को काले नमक के साथ लिया जा सकता है।
मोरिंगा का जब बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है, तो कुछ लोगों को पेट खराब, पेट दर्द या अन्य पाचन समस्याओं का अनुभव हो सकता है। गर्भवती होने या स्तनपान कराने के दौरान मोरिंगा का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि जड़, छाल और फूलों में पाए जाने वाले केमिकल हानिकारक हो सकते हैं।
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