‘दुनिया में सबका प्यार अधूरा आधा निकलेगा, बस मां का प्यार ही 9 महीने ज्यादा निकलेगा’.. वैसे तो दुनियां में मां की महानता को दर्शाने और बताने के लिए कई तरह की बातें की जाती है, लेकिन शायद ये तमाम शब्द भी मां की महानता का पूरी तरह से बखान नहीं कर सकतें हैं। मां का दूध बच्चे के लिए अमृत जैसा होता है। पर क्या ब्रेस्ट कैंसर का उपचार लेने के बाद भी इसकी पौष्टिकता वैसी ही रहती है? क्या स्तन कैंसर का सामना कर रही कोई स्त्री अपने बच्चे को स्तनपान (Breastfeeding After Breast Cancer) करवा सकती है? ब्रेस्टफीडिंग वीक के दौरान एक ऑन्कोलॉजिस्ट से जानते हैं ऐसे ही सवालों के जवाब।
इसीलिए हर साल जुलाई के पहले हफ्ते में स्तनपान की अहमियत और उसकी सुंदरता को सेलिब्रेट करने के लिए ‘वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक’ यानी ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ मनाया जाता है। इस स्तनपान सप्ताह में मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हर वो जानकारी दी जाती है, जो स्तनपान के नजरिये से बेहद जरूरी है।
अगर आप मां बनने वाली हैं या फिर अभी हाल ही में मां बनीं हैं और स्तनपान को लेकर आपके मन में भी कन्फ्यूज़न है, तो यहां हम आपके कन्फ़्यूजन्स को दूर करेंगे।
अगर आप भी ब्रेस्ट कैंसर से गुज़री हैं और अब आप नई-नई मां बनीं हैं, तो ब्रेस्टफीडिंग को लेकर आपकी चिंता जायज़ है क्योंकि WHO के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाएं ब्रेस्ट में मौजूद दूध नलिकाओं या दूध पैदा करने वाले लोब्यूल के ठीक अंदर शुरू होती है।
इसीलिए यह सवाल पैदा होता है कि ब्रेस्ट कैंसर के बाद ब्रेस्टफीडिंग संभव हैं या नहीं। इसी सवाल का जवाब लेने के लिए हेल्थ शॉट्स ने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स स्पेशलिटी में डॉ. अदिति चतुर्वेदी (वरिष्ठ सलाहकार, कैंसर केयर/ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, स्तन कैंसर) से बात की और उनसे इन सवालों के जवाब मांगे।
स्तनपान और कीमोथेरेपी को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये दोनों एक साथ नहीं चल सकते। विशेषज्ञ का कहना है कि कीमोथेरेपी के दौरान स्तनपान की अनुमति नहीं होती है क्योंकि दवाएं बच्चे तक पहुंच सकती हैं और बच्चे के विकास में रुकावट, प्रतिरक्षा में कमी और संक्रमण जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।
कई बार ऐसा भी होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चलता है। ऐसी स्थिति में कई प्रकार की जटिलताएं होती है, इसलिए सर्जनों, विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट और गर्भावस्था की देखभाल करने वाले प्रसूति रोग विशेषज्ञ के बीच एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
WHO के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर को हराना काफी मुश्किल है। वहीं अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 6,85,000 महिलाओं की इससे मृत्यु हुई है। डॉक्टर के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के सफल उपचार के बाद भी कई तरह की देखभाल करनी पड़ती है। वहीं, कैंसर मुक्त होने के बाद महिलाएं फैमिली प्लानिंग भी कर सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के मामले पर बात करते हुए डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि यदि आप किसी हॉर्मोन या मौखिक कीमोथेरेपी पर नही हैं, तो ब्रेस्ट कैंसर के बाद ब्रेस्टफीडिंग कराना सुरक्षित है।
लेकिन इसमें भी तमाम तरह की जटिलताएं आने की संभावनाएं हैं। डॉक्टर के अनुसार जिस तरफ ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी हुई है, वहां से दूध का उत्पादन नहीं होगा। लेकिन आप दूसरी तरफ से बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकतीं हैं।
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डॉक्टर चतुर्वेदी के अनुसार जब आपका इलाज पूरा हो जाए और आपकी डॉक्टर आपको अनुमति दे दे तब आप ब्रेस्टफीड करा सकतीं हैं।ब्रेस्ट मिल्क के साथ-साथ आप बाज़ार में मिलने वाले बेबी फूड्स पर भरोसा कर उन्हें भी अपने शिशु को दे सकती है।
वहीं अगर आप ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद भी ब्रेस्टफीड कराना चाहती हैं, तो आप इस तरह से करा सकती हैं:
• अपने स्तनों के प्रति कोमल रहें और सूखे तौलिये से निपल्स को न रगड़ें।
• कैंसर के उपचार से स्तन के लोब क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, और वे समायोजित हो जाते हैं इसलिए सूख भी जाते हैं। इससे आपको असुविधा न हो इसके लिए कोल्ड पैक का उपयोग करें।
• कम दूध पैदा करने वाले स्तन से जितना संभव हो उतना दूध निकालने में मदद के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाला स्तन पंप खरीद लें।
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