लाइफस्टाइल में तेज़ी से आने वाले बदलाव के कारण लोगों को उम्र के साथ टांगों में दर्द, स्टिफनेस और क्रैंप्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। अधिकतर लोग पेट की चर्बी को ध्यान में रखकर एक्सरसाइज़ को चुनते हैं। मगर टांगों की मज़बूती को बढ़ाने की ओर उनका ध्यान नहीं जा पाता है। इससे मसल्स में कमज़ोरी बढ़ने लगती है और शरीर का स्टेमिना कम होने लगता है। ऐसे में पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डेली रूटीन में टांगों को मज़बूती प्रदान करने के लिए कुछ वयायाम अवश्य करने चाहिए। इससे शरीर की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। जानते हैं टांगों की मज़बूती को क्यों और कैसे बढ़ाएं (tips to increase the strength of legs)।
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार टांगों में शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशियां पाई जाती है, जो दो भागों में बंटी होती हैं। एक है अपर लेग यानि घुटने के ऊपर और दूसरी लोअर लेग यानि घुटने के नीचेद्ध। ऊपरी मांसपेशियों में मुख्य तौर पर हिप फ्लेक्सर्स, क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग शामिल होते हैं जिससे थाई बोन जुड़ी होती है।
वहीं लोअर बॉडी की मांसपेशियों में गैस्ट्रोकनेमियस और टिबियलिस की गणना मुख्य मसल्स में होती हैं। इनकी मदद से एंकल और फुट को हिलाने में जिम्मेदार हैं। इनके मज़बूत होने से चलने, फिरने, झुकने, भागने और खेलने में आसानी होती है। इन मांसपेशियों के कमज़ोर होने से शरीर का बैलेंस असंतुलित होने लगता है।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट रंधावा का कहना है कि दिनभर में कुछ देर पैदल चलने से टांगों की मसल्स को मज़बूत बनाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ रेज़िसटेंस एक्सरसाइज़ जैसे स्क्वाट, लंजिज़़ और लेग कर्ल की मदद से पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा योग, एरोबिक्स और डांस भी फिटनेस के लिए आवश्यक है। साथ ही बास्केटबॉल और सॉसर जैसे खेलों से भी टांगों का स्टेमिना बिल्ड किया जा सकता है।
वर्कआउट के दौरान शरीर के उपरी हिस्से के साथ पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करना बेहद आवश्यक है। वॉक करने के अलावा स्विमिंग के दौरान भी थाइज, घुटने और काफ मसल्स को मज़बूती मिलती है। इससे पैरों में इंजरी का खतरा कम होने लगता है और टांगों में लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे लैग क्रैंप्स और घुटनों का दर्द समेत अन्य समस्याओं से राहत मिलती है।
मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर चिपका लें।
इसके बाद टांगों को 90 डिग्री तक उपर लेकर जाएं और घुटनों को मोड़ने से बचें।
अब धीरे धीरे टांगों को नीचे लेकर आएं, मगर जमीन से छूने से बचें और कुछ देर टांगों को जमीन से थोड़ा उपर रखें।
फिर टांगों को दोबारा से उपर लेकर जाएं और पेट को अंदर की ओर खीचें।
1 से 2 मिनट तक इसी पोज़िशन में बने रहने के बाद टांगों को नीचे करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइस एक्सरसाइज़ को करने से टांगों और पेट की मसल्स को मल़बूती मिलने लगती है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें।
अब घुटनों के बल बैठ जाएं और बाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं। इस दौरान कमर को सीधा रखें।
अब दाएं पैर को आगे बढ़ाएं और पैर को मज़बूती से जमीन पर रखें। वहीं दाएं घुटने को जमीन से छूएं।
दोनों हाथों को चेस्ट के सामने ले आएं और उनकी उंगलियों को मिलाएं।
30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद दूसरी टांग को पीछे की ओर लेकर जाएं।
मसल्स की मज़बूती को बढ़ाने के लिए जंपिग जैक्स को अवश्य रूटीन में शामिल करना चाहिए।
इसके लिए सीधे खड़े हो जाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें। पैरों में थोड़ी दूरी बनाएं।
दोनों बाजूओं को कोहनी से एकदम सीधा कर लें और शरीर के साथ चिपका लें।
अब बाजूओं को खोलें और टांगों को एक दूसरे से अलग करके फिर एक साथ आएं।
टांगों को ओपोज़िट डायरेकशन में लेकर जाएं और बाजूओं को भी हवा में उछालें।
15 से 20 बार इस गतिविधि को दोहराएं। इससे टांगों की मसल्स में मौजूद स्टिफनेस दूर होने लगती है।
स्क्वाट करने से मांसपेशियां न केवल हेल्दी होती हैं बल्कि टांगों में जमा चर्बी को भी आसानी से बर्न किया जा सकता है।
इसे करने के लिए दोनों टांगों को खोलें और पैरों के पंजों को बाहर की ओर निकाल लें।
अब दोनों हाथों को एक दूसरे से जकड़े और घुटनों को मोड़ते हुए कुर्सी के समान बैठने का प्रयास करें।
इस दौरान हिप्स को जमीन पर लगने से बचाएं और शरीर को नीचे की ओर झुकाने का प्रयास करें।
शरीर के स्टेमिना के अनुसार इस एक्सरसाइज़ को करें और इसका नियमित अभ्यास करें।
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