हर व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी बात को लेकर तनाव बना रहा है। वो तनाव कब गुस्से और चिड़चिड़ेपन में बदल जाता है पता ही नहीं चलता। क्यों न नए साल के आगाज़ के साथ खुद को तनाव मुक्त रखने का भी प्रण लें। ऐसे में खुद को स्ट्रेस फ्री बनाए रखने के लिए विश्राम करने के साथ व्यायाम भी ज़रूरी है। दिनभर में कुछ देर योगाभ्यास करने से तन और मन हेल्दी बने रहते हैं। साथ ही सर्दियों में मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से भी मुक्ति मिल जाती है। जानते हैं वो आसान योगासन जिनकी मदद से आप खुद को रख सकते है पूरी तरह से स्ट्रेस फ्री।
शरीर में लचीलापन बढ़ाने के साथ आनंद बालासन तनाव को दूर रखने में भी मदद करता है। पीठ के बल किए जाने वाले इस योगासन की मदद से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो अवसाद और चिंता की समस्या को दूर करते हैं। इसके अभ्यास से हैमस्ट्रिंग और हिप्स में होने वाली स्टिफनेस को असानी से दूर किया जा सकता है।
इसे करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधे लेट जाएं। अब दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं।
घुटनों को मोड़ते हुए दोनों टांगों के मध्य गैप रखें और घुटनों को चेस्ट के नज़दीक ले आएं।
धीरे धीरे दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें और उपर की ओर रखें। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है।
शरीर को 30 सेकण्ड से लेकर 1 मिनट तक इसी मुद्रा में बनाए रखें और उसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
योगाभ्यास के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। इससे तनाव रिलीज़ होने लगता है।
मन की शांति बनाए रखने के लिए इस योगासन का अभ्यास अवश्य करे। इससे ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन नियमित होता है और एनर्जी लेवल भी उचित बना रहता है। शरीर को हेल्दी बनाए रखने और तनाव मुक्त रखने के लिए सुबह उठकर इस योगसन को 1 मिनट के लिए 2 से 3 बार दोहराएं। इस योगासन को करने से बालों को भी मज़बूती मिलने लगती है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब पीठ को एकदम सीधा कर लें।
उसके बाद दोनों टांगों के मध्य दूरी बना लें। अब दोनों हाथों को उपर उठाएं और एकदम सीधा रखें।
धीरे धीरे कमर को आगे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों को जमीन पर चिपका लें। गहरी सासं लें और छोड़ें।
घुटनों को मोड़ने से बचें। अब 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
पीठ में होने वाले दर्द और बढ़ रहे तनाव को दूर करने के लिए उत्तानासन एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी मदद से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचने लगती है। इससे दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों बाजूओं को उपर की ओर उठाएं।
धीरे धीरे आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों से पैरों को छुएं। इस दौरान पीठ को सीधा रखें।
अब सिर को घुटनों से छुएं और गहरी सांस लें व छोड़ें। अपना पूरा ध्यान सांस पर केंद्रित करें।
30 सेकण्ड से 50 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने और शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए रोज़ाना वीरभद्रासन करें। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन सिलीज़ होते हैं, जो ब्रेन को चिंतामुक्त रखने में मदद करता है। इससे गर्दन व साईटिका पेन की समस्या भी हल हो जाती है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर खड़ें रहें और पीठ को सीधा रखें।
अब दाईं टांग को आगे बढ़ाएं और बाईं टांग को पीछे लेकर जाएं। दोनों बाजूओं को उपर की ओर खींचें।
दोनों हथेलियों को जोड़ लें और गहरी सांस लें व छोड़ें। इससे टांगों की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है।
अब दोनों बाजूओं को फैलाएं, एक बाजू आगे और दूसरी बाजू पीछे लाएं। इससे शरीर का बैलेंस बना रहता है।
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