सर्दियों का आगमन बहुत सारे त्यौहारों, पार्टियों और दोस्तों-परिजनों से मुलाकात के साथ होता है। पर जैसे-जैसे तापमान गिरने लगता है, ये सब भी खत्म होने लगता है। फिर आप खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं। कभी-कभी यह बढ़ती ठंड आपको उदास भी कर देती है। जिसे तकनीकी भाषा में विंटर ब्लूज या सर्दियों की उदासी कहा जाता है। अगर आप भी हर साल इसी तरह की भावनाओं से घिर जाती हैं, तो इस साल आपका मूड बेहतर बनाए रखने के लिए हम आपके साथ हैं। आइए जानते हैं उन आसान उपायों के बारे में जो आपका मूड अच्छा रख सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में गिरता तापमान और ठंडी हवाएं आपको आलस से भर देती है। आप अपने कमरे के किसी कोने में कंबल ओढ़कर गरम चाय की प्याली या कॉफी का आनंद लेना पसंद करते है। लेकिन यह मौसम कुछ महीनों तक चलता है और ऐसी आदत आपको धीरे-धीरे अकेलेपन की तरफ ले जाती है।
ये अकेलापन आपको उदास और अवसाद का शिकार बना सकता है। छोटे दिन और लंबी रातों वाला यह मौसम आपको एक समय के बाद बोर भी कर सकता है।
सेरोटोनिन (serotonin) आपके शरीर के अनेक रसायनों में से एक है, जो नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर ‘हैप्पी हॉर्मोन’ के नाम से जाना जाता है। विशेष रूप से, सेरोटोनिन आपकी सेहत संबंधी समग्र भावनाओं को प्रभावित करता है।
यह हार्मोन मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के बीच संकेतों को भेजता है, जो भावनाओं, पाचन और भूख सहित कई कार्यों को प्रभावित करता है। जब शरीर में सेरोटोनिन ठीक से संतुलित होता है, तो आप खुश और भावनात्मक रूप से स्थिर महसूस करेंगे। जब सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, तो यह मूड की अस्थिरता, चिड़चिड़ापन, चिंता, अवसाद, अनियमित नींद, पाचन संबंधी समस्याएं और सोने में कठिनाई महसूस होने लगती है।
प्रकृति के करीब रहने से आपके मन की स्थिति पर एक मजबूत प्रभाव पड़ सकता है। यह ध्यानपूर्ण शांति की भावना को प्रेरित करता है। विटामिन डी (vitamin D) की कमी को अवसाद से जोड़ा गया है। इसलिए बाहर जाना और नियमित रूप से सूर्य के संपर्क में आने से अवसाद के लक्षणों को कम करने और सेरोटोनिन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। विंटर ब्लूज को दूर करने के लिए आप लाइट थेरेपी या विटामिन डी की खुराक पूरी करने की कोशिश कर सकती हैं।
फोर्टिस हेल्थ केयर में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ.कामना छिब्बर कहती हैं, “सूरज की रोशनी और विटामिन डी सकारात्मक भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। यह उदास मनोदशा और चिंता से बचा सकते हैं, साथ ही साथ आपकी ऊर्जा और सतर्कता को भी बढ़ाते हैं।”
कई कारणों की वजह से आपके शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में गिरावट आ सकती है। लेकिन इसके दो मुख्य कारण हैं-
आपके मूड और भोजन के बीच एक संबंध है। हम जो खाना खाते हैं वह प्रभावित करता है कि हम कैसा महसूस करते हैं। कई खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से सेरोटोनिन होता है, लेकिन ऐसे अन्य पोषक तत्व होते हैं जिन्हें हमारे शरीर को उत्पन्न करने की आवश्यकता होती है। इसमें ट्रिप्टोफैन (tryptophane) और ओमेगा -3 फैटी एसिड (omega- 3 fatty acid) शामिल हैं।
सेरोटोनिन के स्वस्थ स्तर को बरकरार रखने के लिए आप अंडे, सैलमन, ओट्स, पनीर, टर्की, नट्स और सीड्स, केला, अनानास, टमाटर और कीवी का सेवन जरूर करें।
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कस्टमाइज़ करेंनियमित व्यायाम से मूड-बूस्टिंग प्रभाव पड़ता है। यह अवसाद, चिंता और अन्य मूड विकारों को प्रबंधित करने में मदद करता है। एरोबिक एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से ट्रिप्टोफैन का स्तर बढ़ जाता है। यह मानव मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से डोपामाइन (dopamine) और एंडोर्फिन (endorphine) जैसे अन्य केमिकल भी पैदा होते हैं। यह आपको खुश रहने और अच्छा महसूस करने में मदद करते हैं।
यह माना जाता है कि सेरोटोनिन का स्तर आपके नींद के पैटर्न, नींद को बनाए रखने की क्षमता और नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। हालांकि, वास्तव में इस प्रक्रिया की कोई स्पष्टता नहीं है।
सेरोटोनिन आपके शरीर के स्लीप हॉर्मोन मेलाटोनिन (melatonin) के उत्पादन में योगदान देता है। यह आपके सो जाने और नींद का अनुभव करने में मदद करता है। सेरोटोनिन सुबह उठने और सतर्कता की भावना का अनुभव करने में मदद करता है। सेरोटोनिन के सही स्तर के लिए नियमित और भरपूर नींद लेना बहुत आवश्यक है।
अधिक सकारात्मक सोच आपको आनंद का अनुभव दे सकती है। सकारात्मक भावनाओं के कारण आपका ब्रेन सेरोटोनिन का बेहतर उत्पादन कर सकता है। अधिक सकारात्मक सोच न्यूरोप्लास्टी में भूमिका निभा सकती है।
जब सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं, तो आपके तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल (cortisol) का उत्पादन कम हो जाता है। यह आपको खुश रहने में मदद करता है। हालांकि हम आप पर 24*7 सकारात्मक सोचने का दबाव नहीं डाल रहें हैं। हमारा सुझाव हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा समय सकारात्मक सोचने का प्रयास करें।
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