डायबिटीज़ के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से जहां शारीरिक अंग प्रभावित होते हैं। ब्लड शुगर बढ़ने का असर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। पर क्या आप जानती हैं कि डायबिटीज का असर आपकी स्किन पर भी नजर आने लगता है। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आइए जानते हैं डायबिटीज के कारण होने वाले स्किन (diabetes signs on skin) में बदलाव और इससे बचने के उपाय (diabetes skin care) भी।
वास्तव में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से त्वचा भी अपनी नमी खोने लगती है। जिससे कई तहर की स्किन प्रोबलम्स से ग्रस्त हो जाती है। वे लोग जो इस परेशानी से घिरे हुए हैं। उन्हें अपनी त्वचा का विशेष रूप से ख्याल रखने की आवश्यकता है। शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से मधुमेह के मरीजों को इचिंग, पैचिज़ और स्किन डार्कनिंग समेत कई समस्याओं से होकर गुज़रना पड़ता है। दरअसल, डायबिटीज़ की समस्या को पूरी तरह से रिसर्व नहीं किया जा सकता है। जानते हैं वो वार्निंग साइन जो डायबिटीज़ के मरीजों की त्वचा पर नज़र आने लगते हैं और उससे बचने के उपाय भी।
इस बारे में बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी में एमडी, डीएनबी डॉ अमित कुमार मीना ने डायबीटिक स्किन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से उसका असर त्वचा पर भी दिखने लगता है। इससे स्किन रूखी और बेजान हो जाती है। साथ ही एड़ियों के फटने की भी समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में नियमित रूप से अपने ग्लूकोज स्तर को चेक करें और उचित आहार व स्किन की देखभाल करें। इससे त्वचा पर होने वाले संक्रमण, खुले घाव और त्वचा के खुरदरेपन से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए इन टिप्स को भी फॉलो करें।
अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार डायबिटीज़ के मरीजों को वेलवेटी स्किन की समस्या से जूझना पड़ता है। खासतौर से बैक नेक और आर्मपिट की त्वचा में कालापन बढ़ने लगता है। जो बैण्ड के समान नज़र आता है। ये प्रीडायबिटिक होने का एक संकेत मात्र है। इस समस्या को एकैंथोसिस निग्रिकन कहा जाता है।
शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से त्वचा पर लाल, पीले और भूरे रंग के पैच नज़र आने लगते हैं। इसके अलावा त्वचा में खुजली और जलन की समस्या बनी रहती है। दरअसल, यह त्वचा पर छोटे उभरे हुए बंप्स के रूप में शुरू होती है जो पिंपल्स की तरह दिखने लगते हैं। समय के साथ ये बंप्स स्किन को हार्ड करके पैच बनने लगते हैं।
चेहरे, गर्दन या पैरों की त्वचा पर रूखापन बढ़ने लगता है। जो स्किन रैश का कारण बन जाता है। इसके अलावा त्वचा में सूजन बढ़ जाती है। खासतौर से पैरों की उंगलियों में सूजन दिखने लगती है। जो प्रीडायबिटीज़ का संकेत मात्र हो सकता है।
अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार शुगर के पेशेंट्स को त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए रोज़ाना मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करना चाहिए। लोशन के स्थान पर त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए क्रीम और ऑइनमेंट का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इससे त्वचा लंबे वक्त तक नरिशड रहती है। नहाने और स्विमिंग के बाद क्रीम अवश्य अप्लाई करें। इसके अलावा हाथों और पैरों के रूखेपन को दूर करने के लिए दिन में 3 से 4 बार मॉइश्चराइज़र का प्रयोग कर सकते हैं।
डायबिटीज़ के कारण पैरों में नंबनेस बनी रहती है। इसके चलते किसी प्रकार की कोई सेंसेशन नहीं होती है। इससे पैरों में बार बार चोट लगने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में पैरों की तलियों को रोज़ाना चेक करे। इसके अलावा क्रैक हील्स पर भी क्रीम को अवश्य लगाएं। इससे पैरों की त्वचा में नमी बरकरार रहती है। अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार पैरों के रूखेपन को दूर करने के लिए उस क्रीम को प्रयोग करें, जिसमें 10 से लेकर 25 फीसदी तक यूरिया पाया जाता है।
नहाने के लिए डियोड्रेंट साबुन या बॉडी वॉश के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे स्किन का पीएच लेवल प्रभावित होने लगता है। साथ ही स्किन पर रैशेज का खतरा बढ़ जाता है। वे लोग डायबिटीज़ के शिकार है। उन्हें नहाने के लिए स्किन फ्रेडली बॉडी वॉश या सोप प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा स्किन पर ज्यादा मात्रा में बॉडी वॉश को अप्लाई करने से भी बचें।
त्वचा को किसी भी प्रकार के फंगल इंफे्क्शन, रेडनेस और रैशज से बचाने के लिए वूलन कपड़ों को पहनने से बचें। अगर आप गर्म कपड़े पहनना चाहते हैं, तो पहले कॉटन के कपड़े की एक लेयर ज़रूर पहन लें। इसके बाद स्वैटर या शॉल पहन सकते हैं। डायरेक्टली गर्म कपड़ों के स्किन के संपर्क में आने से त्वचा में सूजन और खुजली बढ़ने लगती है।
नहाने के बाद स्किन फोल्ड्स को तौलिए या किसी सूती कपड़े से ड्राई अवश्य कर लें। दरअसल, लंबे वक्त तक फोल्डस में पानी रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। साथ ही नहाने के लिए ज्यादा गर्म पानी का प्रयोग न करें। इससे त्वचा में रूखापन बढ़ने की आंशका बढ़ जाती है। माइंल्ड वॉटर से नहाएं।
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