क्या आप जानते हैं कि मधुमेह से पीड़ित हर दो में से एक भारतीय इस तथ्य से अनजान है कि उन्हें भी यह बीमारी है?
नहीं, यह सिर्फ कोई रेंडम नंबर नहीं है, बल्कि यह तथ्यात्मक सच्चाई है। यह आंकड़ा 2019 में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI), मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) चेन्नई और दि हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के सांझा अध्य़यन में सामने आए हैं।
इसलिए यह जरूरी है कि आप इस गैर संक्रामक पर घातक बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान लें।
डायबिटीज इंसुलिन को डिस्टर्ब करती है। इंसुलिन असल में अग्नाशय से स्रावित होने वाला एक हार्मोन है। यह आपके शरीर को कार्बोहाइड्रेट में मौजूद चीनी (ग्लूकोज) से ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करता है। यह इंसुलिन ही रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है, जिसे टाइप -1 डायबिटीज भी कहा जाता है। जब आपका शरीर कहीं भी इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, उसे टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है। दोनों ही स्थितियों में आपके शरीर में शुगर का जमाव होने लगता है।
मधुमेह एक प्रगतिशील बीमारी है जो समय के साथ और भी कई समस्याओं को जन्म देती है। जिसका असर आपके जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है।
आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि कई बार डायबिटीज में असामान्य लक्षण होते हैं जिससे यह समझना मुश्किल हो जाता है कि आपको यह बीमारी है भी या नहीं।
इसीलिए हम आज बात कर रहे हैं डॉ. स्नेहा कोठारी से, जो मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में सलाहकार एंडोक्रनोलॉजिस्ट हैं। डॉ. स्नेहा हमें डायबिटीज के कुछ आश्चर्यजनक लक्षणों के बारे में बताएंगी जिनके बारे में अमूमन लोग जानते नहीं हैं :
डॉ. कोठारी कहते हैं, “जब हमारा शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, तो कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए पर्याप्त ग्लूकोज नहीं मिलता। परिणामस्वरूप हमारा शरीर एनर्जी प्राप्त करने के लिए वसा और मांसपेशियों को जलाना शुरू कर देता है। इसीलिए पूरे शरीर के वजन में अचानक गिरावट आने लगती है।”
यह टाइप 2 डायबिटीज का लक्षण है, जिसमें मरीज की गर्दन के आसपास की त्वचा काली पड़ जाती है। इसे “एकेंथोसिस निगरीकन्स” के रूप में जाना जाता है, यह डायबिटीज की संभावित चेतावनी का संकेत है। आपकी गर्दन के आसपास की त्वचा पर गहरे काले पैच विकसित होने लगते हैं और कभी-कभी ऐसा ही कालापन बगल में और जननांग के आसपास भी होने लगता है।
यह टाइप 2 डायबिटीज का एक सामान्य लक्षण है, जो यह संकेत देता है कि आपका शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर रहा है।
जब आपका शरीर ऊर्जा के लिए इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ हो जाता है, तो वह वसा सामग्री का उपयोग करता है – इस प्रक्रिया के दौरान आपके शरीर में कीटोन्स उत्पन्न होते हैं। जब यह वसा ऊर्जा में टूट जाती है तो उस प्रक्रिया के दौरान फलों अथवा नेलपालिश जैसी गंध बनने लगती है, जिसे मरीज अपनी सांसों में महसूस कर सकता है।
डॉ. कोठारी सलाह देती हैं कि “यदि आप या आपके आस-पास ऐसा कोई व्यक्ति है जिसमें आपको यह समस्या महसूस हो रही है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह देनी चाहिए।
डॉ. कोठारी परामर्श देती हैं कि यदि आपकी नजर आपको परेशान कर रही है और आप किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलने की योजना बना रहीं हैं तो एक बार आपको दूसरी तरफ भी ध्यान देना चाहिए। क्यों कि यह डायबिटीज का भी संकेत हो सकता है।
“डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति की नजर धुंधली पड़ने लगती है, यह आंख के लैंस में सूजन आने की वजह से होता है। पर इसका उपचार तभी संभव है जब आप अपनी ब्लधड शुगर को कंट्रोल कर सकें।
जब आपको मधुमेह होता है, तो आपकी इम्यूबनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है। जिससे आपको बार-बार योनि अथवा त्व चा का संक्रमण होने का जोखिम ज्याेदा बढ़ जाता है।
डॉ. कोठारी कहती हैं, “चूंकि रक्तप्रवाह में शुगर का संचरण बहुत ज्या्दा बढ़ जाता है, ऐसे में श्वेत रक्त कणिकाओं का जीवाणुओं से लड़ने के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, आपको संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। यीस्ट ग्लूकोज से शक्ति लेता है इसलिए क्रोनिक यीस्ट इंफेक्शन डायबिरटीज के लक्षणों में से एक है। इसी तरह त्वचा पर बार-बार फुंसियां होना या यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन होना डायबिटीज में आम बात है।”
“हाई ब्लड शुगर आपके पूरे शरीर में तंत्रिका तंतुओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह आमतौर पर आपके हाथों और पैरों की नसों को प्रभावित करता है। जिसके चलते कई बार आपको जलन, खुजली और सुन्नपन महसूस होने लगता है। ब्लड वेसल्स में क्षति होने के कारण आपके अंगों तक ठीक तरह से ब्लड नहीं पहुंच पाता। जिससे ड्राय स्किन, इचिंग और छिलने का भी जोखिम रहता है।”
यह एक और लक्षण है जो आपको मधुमेह के लिए सिर-दर्द दे सकता है। डॉ. कोठारी के अनुसार, यदि आपको कोई छोटी-बड़ी चोट या घाव हो जाता है और उसे भरने में सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है तो यह डायबिटीज का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है। इस स्थिति को आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए। वह कहती है: “हाई ब्लड शुगर से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। जिसके चलते घाव भरने में समय लगता है।”
“जैसे ही रक्त में शुगर की मात्रा कम या ज्यादा होने लगती है, तब कुछ लोग बेवजह मूड स्विंग के शिकार हो जाते हैं।”
बार-बार उल्टी और मतली की भावना हमेशा ही गुड न्यूज का संकेत नहीं होती। डॉ. कोठारी बताती हैं, “डायबिटीज में, ब्लड सर्कुलेशन में शुगर की मात्रा बढ़ जाने से नर्व डैमेज होने का जोखिम भी रहता है। इस वजह से भोजन आपके पेट से आंत तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता। कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि खाना वापस पेट में पहुंच गया है, जिससे उल्टी और मतली महसूस होने लगती है।”
हैरान हो गईं क्या? खैर, परेशान न हों, बस इन लक्षणों पर नजर रखें ताकि डायबिटीज को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।