स्किन संबधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करते है। इन दिनों फेसवॉश, सोप और सीरम व ऑयल के तौर पर इसकी लोकप्रियता धीरे धीरे बढ़ने लगी है। इस नेचुरल ऑयल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अधिकतर लोग मौसम बदलने के साथ ड्राई स्किन और इरिटेशन की समस्या से जूझते हैं। इसके अलावा चेहरे पर निकलने वाले ब्लैक हेड्स से लेकर एक्ने तक की समस्या के लिए इसके प्रयोग को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। एक्सपर्ट से जानते है इन सभी सवालों के जवाब। जो टी ट्री ऑयल के इस्तेमाल (tips to apply Tea tree oil) को लेकर लोगों के जहन में बार बार उठते हैं।
इस बारे में बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी में एमडी, डीएनबी डॉ अमित कुमार मीना ने टी ट्री ऑयल के इस्तेमाल को लेकर कई प्रश्नों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि स्किन संबधी समस्याओं को लेकर अनेक प्रकार के केमिकल युक्त प्रोडक्टस के इस्तेमाल से चेहरे की नमी खो जाती है। इससे स्किन का रूखापन बढ़ने लगता है। त्वचा के खोए माइश्चर को टी ट्री ऑयल की मदद से लौटाया जा सकता है। ऐसे में चेहरे पर टी ट्री ऑयल के डायरेक्ट इस्तेमाल की जगह फेसवॉश का इस्तेमाल करें। टी ट्री ऑयल फेसवॉश के नियमित इस्तेमाल से आप कई समस्याओं से बच सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार ब्लैकहेड्स एक्ने की पहली स्टेज को कहते हैं, जो चेहरे पर नज़र आने लगते हैं। ऐसे में टी ट्री ऑयल में पाई जाने वाली एंटी माइक्रोबियल प्रापर्टीज़ त्वचा पर होने वाले ब्लैक हेड्स की समस्या को दूर करते हैं। चेहरे पर अगर आप टी ट्री ऑयल को अप्लाई करती हैं। तो इससे सीबम का प्रोडक्शन कम होने लगता है। जो ब्लैकहेड्स के बढ़ने का मुख्य कारण साबित होते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक इससे चेहरे पर इचिंग, दाग धब्बे और डलनेस की समस्या भी सुलझ जाती है। वे लोग जिनकी त्वचा रूखी है। वे इसे माइश्चराइज़र के तौर पर भी प्रयोग कर सकते हैं।
इस बारे में डॉ अमित का कहना है कि टी ट्री ऑयल को अगर आप डायरेक्टली चेहरे अप्लाई करती है, तो उससे रैशेज का खतरा रहता है। ऐसे में इसे जोजोबा, बादाम या नारियल के तेल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इसके अलावा टी ट्री ऑयल युक्त फेसवॉश से चेहरा क्लीन करने की सलाह दी जाती है। जो चेहरे की त्वचा को फायदा पहुंचाता है। इसे चेहरे पर लगाने से ब्लैमिशिज की परेशानी दूर होती है और त्वचा भी क्लीन दिखने लगती है। आप इसे उंगलियों से या फिर कॉटन बॉल की मदद से चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे चेहरे का खोया निखार लौट आता है।
जो लोग मुंहासों की समस्या से ग्रस्त होते हैं। उनके चेहरे पर एक्ने स्कार्स लंबे वक्त तक बने रहते हैं। ये धूप और प्रदूषण के साथ और भी गहरे होते चले जाते हैं। इस बारे में डॉ अमित बताते हैं कि एक्टिव एक्ने ब्रेकआउट्स से राहत पाने के लिए टी ट्री ऑयल फेसवॉश को इस्तेमाल कर सकते हैं। तेल में पाइ जाने वाली एंटी इंफलामेटरी प्रापर्टीज से स्कार्स की समस्या दिनों दिन कम होने लगती हैं। साथ ही एंटी फंगल होने से स्किन को भी खुजली से बचाया जा सकता है। त्वचा को नमी युक्त रखने के लिए स्किन का हेल्दी होना आवश्यक है।
धूप में निकलते ही यूवी रेज़ के प्रभाव से स्किन टैन होने लगती है। हांलाकि टैनिंग से बचने के लिए सन ब्लॉक या सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है। अगर आप घंटों तक धूप में है या स्विमिंग करते हैं। तो त्वचा के रंग में हल्का सा बदलाव आने लगता है। त्वचा को इन समस्याओं से बचाने के लिए टी ट्री ऑयल को लगा सकते हैं। इसे किसी कैरियर ऑयल में मिलाकर लगा सकते हैं। ओवरनाइट लगाने से स्किन प्रॉबलम्स को दूर किया जा सकता है।
कैमिकल युक्त शैम्पू के इस्तेमाल से हेयरफॉल और डैंड्रफ की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा एयर पॉल्यूशन भी बालों की नमी को सोखने का कारण बनने लगता है। स्कैल्प को हेल्दी बनाए रखने के लिए बालों में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप टी ट्री ऑयल को नारियल के तेल समेत किसी भी कैरियर ऑयल में मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। इसमें अल्फा.पिनीन और सेबिनीन समेत मायसीन जैसी प्रॉपर्टीज पाई जाती है। जो स्किन और बालों को किसी भी किस्म के फंगल इंफे्क्शन से बचाने में मददगार साबित होता है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसे बालों में अप्लाई करने से डैंड्रफ की समस्या से बचा जा सकता है।
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