Gestational Diabetes : मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है प्रेगनेंसी में शुगर का बढ़ना, इन 5 चीजों का जरूर रखें ध्यान

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में इस स्थिति के उत्पन्न होने से बच्चों में भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।
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जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के बारे में जानें। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 5 Jan 2024, 16:55 pm IST
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जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान देखने को मिलती है। प्रेगनेंट महिलाओं में बढ़ते ब्लड शुगर लेवल को जेस्टेशनल डायबिटीज का नाम दिया जाता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में तमाम बदलाव आते हैं और उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जेस्टेशनल डायबिटीज उन्ही में से एक है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में इस स्थिति के उत्पन्न होने से बच्चों में भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत में जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भावस्था में होने वाले मधुमेह के मामले भी बढ़ रहे हैं। गर्भावधि में होने वाले हाई ब्लड शुगर सिर्फ मां ही नहीं, बल्कि बच्चे की सेहत के लिए भी खतरनाक होता है (gestational diabetes)। इसके कारणों और समाधान के बारे में जानने के लिए शॉट्स ने डॉ प्रतिमा थामके से बात की। डॉ प्रतिमा मदरहुड हॉस्पिटल खारघर में कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनीकोलॉजिस्ट हैं।

क्यों हो जाता है गर्भावस्था में मधुमेह (Causes of gestational diabetes)

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में तमाम बदलाव होते हैं, वहीं सबसे अधिक हार्मोनल चेंजेज बॉडी को प्रभावित करते हैं। साथ ही महिलाएं वेट गेन करना शुरू कर देती हैं। होने वाले इन बदलाव की वजह से बॉडी सेल्स कम प्रभावी रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल कर पाते हैं, जिसकी वजह से इन्सुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं इन्सुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति में शरीर को अधिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है।

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गर्भावस्था के शुरुआती दौर में पौष्टिक आहार का सेवन किया जाए तो डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।चित्र : शटरस्टॉक

प्रेगनेंसी में यदि महिलाएं शारीरिक रूप से स्थाई हो जाती हैं, तो ऐसे में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं यदि कंसीव करने के पहले आप प्रीडायबिटिक हैं, तो आपमें जेस्टेशनल डायबिटीज होने का अधिक खतरा होता है।

जानें कैसे मैनेज करना है जेस्टेशनल डायबिटीज (how to manage gestational diabetes)

1. सबसे जरूरी है खानपान पर ध्यान देना

प्रेगनेंसी में एक सही डाइट प्लान बेहद महत्वपूर्ण है। खासकर यदि आपका ब्लड शुगर लेवल हाई रहता है, तो आपको अपने खान पान को लेकर पूरी तरह से सचेत रहना चाहिए। इसमें डाइटिशियन आपकी मदद कर सकते हैं। हालांकि, ताजी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करने के साथ ही अपने फैट और कैलरी इंटक को सीमित रखें। मीठे खाद्य पदार्थों की मात्रा का ध्यान रखना भी बेहद महत्वपूर्ण है, यह डाइट टिप्स प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज को प्रीवेंट करने के साथ ही अन्य परेशानियों से भी बचाव में मदद करेंगे।

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2. फिजिकली एक्टिव रहें

प्रेगनेंसी में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखना है, तो शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना जरूरी है। यह आपके फूड इंटेक को बैलेंस करता है, साथ ही साथ आपके वजन को भी संतुलित रहने में मदद करता है। हालांकि, प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। यदि आप इंटेंस एक्सरसाइज नहीं करना चाहती हैं, तो नियमित रूप से वॉक करें, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग में भाग लेने से भी मदद मिलेगी।

garbhaavastha ke dauraan bahut saare badalaav hote hain, jinamen pramukh hain haarmonal utaar-chadhaav
गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे बदलाव होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं हार्मोनल उतार-चढ़ाव। चित्र : शटरस्टॉक

3. नियमित रूप से करें ब्लड शुगर की जांच

प्रेगनेंसी के दौरान यदि ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखना है, तो उसके लिए नियमित जांच बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के हॉर्मोन्स में बदलाव आने के साथ ही कई अन्य बदलाव भी नजर आते हैं, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ या घट सकता है। इसलिए इसे लेकर सभी को सचेत रहना चाहिए।

4. वेट मैनेजमेंट से ब्लड शुगर रहता है मैनेज

वजन के अत्यधिक बढ़ने की वजह से ब्लड शुगर लेवल को मैनेज कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान अपने वेट मैनेजमेंट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यदि आपका वजन संतुलित रहता है, तो ब्लड शुगर लेवल के साथ ही अन्य तमाम समस्याएं नियंत्रित रहती हैं। ऐसे में खान-पान पर ध्यान दें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। साथ ही यदि वेट गेन हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से इस विषय पर चर्चा करें।

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समक के चावल प्रेगनेंसी और डायबिटीज दोनों में फायदेमंद हैं। चित्र: शटरस्टॉक

5. आवश्यकता पड़ने पर इंसुलिन लें

जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति में महिलाओं को इंसुलिन की आवश्यकता होती है। हालांकि, डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा प्रिसक्राइब्ड इंसुलिन की मात्रा को इग्नोर न करें। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें जरूर लें, ताकि आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रह सके और आपको किसी प्रकार की प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस का सामना न करना पड़े।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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