हाल ही में एक खबर सामने आई कि मशहुर युट्युबर एल्विश यादव को सांपो के जहर का नशा करवाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया। कुछ लोग होते है जो थोड़ी मात्रा में शराब पीते है, लेकिन कुछ लोग होते हैजो पूरे दिन नशा करता है और उन्हें नशे के लिए कई अलग अलग तरह के नशे के उत्पाद चाहिए होते है। इन लोगों को नशे की लत होती है और ये उन चीजों का ओवरडोज करत है। चलिए जानते है कि लोग नाशा क्यों करते है और इसके शरीर पर क्या दुष्प्रभाव होते है।
जो इंसान नशे का आदि हो जाता है वे लोग नशे के लिए शराब, सुगरेट, नशीली दवाएं, ड्रग्स और यहां तक की इंजेक्शन से भी नशे के पदार्थ को अपने शरीर में डालते है। उन्हे खुद इस बात का पता नहीं चलता है कि उन्हे कब नशे की लत लग जाती है। जिन लोगों को नशा करने की लत होती है उन लोगों को इसका सेवन करने से आराम लगता है।
जब कोई इंसान ड्रग्स या कोई नशीला पदार्थ लेता है तो (आमतौर पर निगलने, साँस लेने या इंजेक्शन लगाने से), इससे ड्रग्स रक्तप्रवाह में अपना रास्ता खोज लेती हैं। वहां से, वे मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में चले जाते हैं। मस्तिष्क में, दवाएं इंद्रियों को तीव्र या सुस्त कर सकती हैं, लोगों की सतर्कता या नींद को बदल सकती हैं और कभी-कभी शारीरिक दर्द को कम कर सकती हैं। कई लोग एक अलग अनुभूति पाने के लिए ड्रग्स का सेवन करते है।
सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अशुतोष श्रीवास्तव ने नाशे की लत लगने के कई कारण बनाएं है।
अगर कोई नशे का आदि होता है, तो उसका शरीर लंबे समय तक इसके संपर्क में आने के कारण कई तरह के बदलाव कर लेता है। जब कोई व्यक्ति बार-बार नशीली दवाओं का उपयोग करता है, तो इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बदल जाती है। समय के साथ, नशीली दवाओं का उपयोग मनोरंजक या अपनी इच्छा से लिया जाने वाला पदार्थ नहीं, बल्कि बाध्यकारी हो जाता है। दवाओं का उपयोग करना अब उनके नियंत्रण के बाहर हो जाता है।
जब कोई व्यक्ति नशीली दवाओं के सेवन बहुत अधिक करता है, तो मस्तिष्क एक “प्लेजर रसायन” छोड़ता है, जिसे डोपामाइन कहा जाता है। इससे एक आनंद महसूस करने वाली शारीरिक प्रतिक्रिया और मानसिक स्थिति उत्पन्न होती है, जो आपको एक अलग तरह की भावना से मिलवाती है। बार-बार नशे के संपर्क में आने से, मस्तिष्क इस आनंददायक अनुभूति पर निर्भर हो जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे किसी को नुकसान पहुंचाना या माहौल खराब करना।
मधुमेह और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
इनफर्टिलिटी और यौन प्रदर्शन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।
कैंसर जैसे पेट का कैंसर, बाउल कैंसर, स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ना।
पुरुषों में स्पर्म काउंट में कमी और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी जैसी प्रजनन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
हृदय संबंधी समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ना।
लिवर सिरोसिस और लिवर फेल होने की समस्या इसमें सबसे ज्यादा कॉमन है।