बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके लिए सुबह उठना किसी बड़े टास्क से कम नहीं होता। इन्हे सुबह उठते के साथ बेहद आलस महसूस होता है, और बेड से उठने के बाद भी ये एक्टिव नहीं हो पाते। इसका प्रभाव नियमित दिनचर्या पर बेहद नकारात्मक रूप से देखने को मिल सकता है। इसके अलावा आलस की वजह से समय की बर्बादी भी होती है। अगर आपको भी सुबह उठने में आलस महसूस होता है तो इस लेख को जरूर पढ़ें। सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर कामना छिब्बर ने मॉर्निंग लेजीनेस (Morning laziness) को बीट करते हुए एक एक्टिव और हेल्दी मॉर्निंग रूटीन एस्टेब्लिश करने के कुछ प्रभावी टिप्स दिए हैं, तो आइए जानते हैं इन टिप्स के बारे में आखिर ये किस तरह से काम करते हैं (tips to avoid Morning laziness)।
अगर आपको सुबह उठने के साथ अत्यधिक आलस महसूस होता है और सुबह उठने का मन नहीं करता, तो ऐसी आदतों को अवॉइड करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, एक हेल्दी स्लिप शेड्यूल एस्टेब्लिश करना। रात के समय बेड पर जाने का समय निर्धारित करें और ठीक उसी समय बिस्तर पर लेट जाएं। इससे सही समय पर सोने की आदत बन जाती है और अप बेहतर नींद प्राप्त कर पाती हैं। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से आपकी स्लीप क्वांटिटी के साथ-साथ क्वालिटी भी इंप्रूव होती है।
वहीं स्लिप हाइजीन का ध्यान रखें, सोने से पहले अपने बिस्तर को अच्छी तरह से साफ करें और अपने आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी न छोड़ें। इससे बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं अपने कमरे के वातावरण को भी स्लीव फ्रेंडली रखें, जैसे की डिम लाइट और आसपास शांति बनाए रखें।
यदि आप देर रात तक मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इससे आपकी नींद की गुणवत्ता और समय दोनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। ऐसे में रात की नींद पूरी न होने के कारण दिन में सुबह उठते वक्त आपको आलस महसूस होता है। सोने से लगभग 2 घंटे पहले से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग न करें। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकलने वाली ब्लू लाइट देर तक जगाए रखती है और मेलाटोनिन के सेक्रेशन को कम कर देती है। मेलाटोनिन नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने वाला एक खास हार्मोन है।
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सुबह उठने के साथ आलस महसूस होना, नींद ननखुलना या शरीर में अकड़न महसूस होने पर उठने के साथ बेड पर कुछ बॉडी स्ट्रेचिंग स्टेप्स करें। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि स्ट्रेचिंग करने से आपकी नींद पूरी तरह से खुल जाती है, और आपकी बॉडी की अकड़न भी कम होती है। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है, अपने अनुसार बेड पर बैठे और अपने हाथ एवं पैरों को स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कमर के हिस्सों को भी स्ट्रेचिंग में शामिल करें, इससे आपकी बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे की मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचता है, और यह एक्टिव हो जाती हैं। ये फैक्टर्स एक एक्टिव और हेल्दी मॉर्निंग की शुरुआत करने में आपकी मदद करेंगे।
सुबह महसूस होने वाले आलस को दूर करने के लिए आपको मॉर्निंग हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। सुबह उठते के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, या अन्य किसी भी हाइड्रेटिंग ड्रिंक लेकर खुदको पूरी तरह से हाइड्रेटेड रख सकती हैं। आप चाहे तो रात को किसी बोतल में पानी, खीरा, अदरक, नींबू, पुदीने की पत्तियां आदि डालकर इन्हें रात भर के लिए रखकर छोड़ दें। सुबह उठें और इन्हे पिएं। यदि आपको बेड से उठने में भी आलस आता है, तो पानी की बोतल को अपने बेड के आसपास रखें ताकि आप सुबह उठने के साथ इन्हे पिएं, और तरोताजा और एक्टिव महसूस कर पाएं।
ज्यादातर लोग सुबह उठने के लिए अलार्म का इस्तेमाल करते हैं, पर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो अलार्म बजने के बावजूद बार-बार स्नूज़ का बटन दबाकर सो जाते हैं। इस प्रकार आप अपने आलस को बढ़ावा देती हैं, साथ ही साथ अपना समय भी बर्बाद करती हैं। स्नूज़ बटन दबाने की आदत आपको अधिक अलसी बना सकती है। कोशिश करें की सुबह की पहली अलार्म पर उठ जाएं, इसी शरीर में फुर्ती बढ़ेगी।
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