गर्मी दिनों दिन बढ़ रही है। उमस भरे इस मौसम में जहां शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है, वहीं हृदय संबधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। धूप की तेज़ किरणें हाईपरटेंशन और हार्ट अटैक के खतरे का कारण बन जाती है। ऐसे में हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता हैं। गर्मी से राहत पाने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रहने के अलावा कुछ अन्य बातों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। जानते हैं गर्मी के मौसम में हृदय रोगी किस प्रकार से रखें अपने स्वास्थ्य का ख्याल।
इस बारे में कार्डिएक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, सीनियर कंसल्टेंट डॉ वनिता अरोड़ा जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धूप की किरणों के चलते शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी बढ़ने लगती है, जो डिहाइड्रेशन की समस्या का कारण बन जाता है। इससे शरीर को लो सोडियम और लो पोटेशियम का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा गर्मियों में आर्टरीज ओपन हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। ज्यादा देर तक गर्मी में रहने से हाईपरटेंशन और रक्त प्रवाह बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द, थकान, चक्कर आना और कुछ लोगों को लो बीपी की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार उच्च तापमान और ज्यादा ह्यूमीडिटी त्वचा में ब्लड फ्लो तेज़ होने का कारण बनने लगता है। इसके चलते नॉर्मल तापमान की तुलना में तेज़ गर्मी में रक्त प्रवाह प्रति मिनट दोगुनी तेज़ी से बढ़ने लगता है। जब तापमान 70 डिग्री से ज्यादा और होता है और ह्यूमीडिटी 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाती है।
गर्मी में आमतौर पर लोगों को हीट रैश या हीट स्ट्रोक का समाना करना पड़ता है। मगर वे लोग जो हृदय रोग से ग्रस्त हैं, उन्हें गर्मी के मौसम में थकान और कमज़ारी बढ़ने लगती है। अधिकतर हदय संबधी समस्याओं को भी कुछ लोग लू समझने लगते हैं। जबकि गर्मी में हृदय रोगियों को उल्टी, थकान, सिरदर्द, भ्रम और मांसपेशियों में ऐंठन का सामना करना पड़ता है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार गर्मी के मौसम में बाहर निकलते ही हर 20 मिनट में 8 ओंस पानी अवश्य पीएं। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और शरीर में पानी की नियमित मात्रा बनी रहती है। टाइमर सेट करके पानी का सेवन करें। वहीं फ्रूट जूस, सोडा, अल्कोहल और कैफीन के सेवन से दूर रहें। अल्कोहल का इनेक बढ़ाने से शरीर में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए ब्रीथएबल और लूज़ फिटिंग के कपड़े पहनें। धूप में बाहर निकलने के लिए लाइट कलर चुनें। इससे बार बार आने वाले पसीने की समस्या हल हो जाती है। सन ग्लासिस के अलावा हैट पहनें और सनस्क्रीन भी अप्लाई करें, ताकि शरीर को सन डैमेज से बचाया जा सके।
लगातार गर्मी में घंटों बिताने से बचें और कुछ वक्त पंखें और एयरकंडीशनर में रहने से शरीर स्वस्थ बना रहता है। इसके अलावा कूल शावर और आइस पैक भी शरीर को ठंडक प्रदान करने में मदद करते हैं और ब्लड फ्लो उचित बना रहता है। खासतौर पर हृदय रोगियों को गर्मी में बाहर निकलना अवॉइड करना चाहिए।
तेज़ मिर्च मसाले से भरपूर खाना खाने से परहेज़ करें और छोटी छोटी मील्स लें। खाने में सूप, सलाद, फ्रूट्स लें। साथ ही हेल्दी पेय पदार्थ का सेवन करें। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है और पाचन संबधी समस्याएं भी हल होने लगती हैं।
शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए सुबह उठकर कुछ देर व्यायाम करें। इससे रक्त का प्रवाह नियंत्रित रहता है। इसके हाई ब्लड प्रैशर की समसया भी हल हो जाती है। इसके लिए ट्रेनर की देखरेख में 25 से 30 मिनट तक हल्का व्यायाम करें।
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