जब शरीर में टॉक्सिंस की मात्रा अधिक हो जाती है, या आप लंबे समय से बॉडी को डिटॉक्स नहीं कर रही होती हैं, तो शरीर कई ऐसे संकेत देता है जो बताते हैं कि आपके शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता है। परंतु जानकारी के अभाव में हम अक्सर इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं ये आगे चलकर हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसलिए टॉक्सिंस बढ़ने पर शरीर के चेतावनी संकेतों को समझना बेहद महत्वपूर्ण है।
इस विषय पर उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ अस्पताल, नोएडा की न्यूट्रीशनिस्ट प्रियंका शर्मा से बात की। एक्सपर्ट के अनुसार यह पांच निम्नलिखित संकेत बताते हैं, कि अब आपके शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता है (signs that your body needs detox)। इन्हें भूल कर भी नजर अंदाज न करें और फौरन बॉडी को डिटॉक्स करें।
यदि आपको छोटी-छोटी गतिविधियों को करने में थकान महसूस हो रहा है, या आपका थकान लंबे समय तक बना हुआ है, तो ऐसे में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ब्रेन और एड्रेनल ग्लैंड सही तरीके से फंक्शन नहीं कर पाते। शरीर में टॉक्सिंस, इन्फ्लेमेशन, स्ट्रेस और केमिकल इंबैलेंस की वजह से कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, और इस स्थिति का कारण बनता है।
शरीर में टॉक्सिन्स के बढ़ जाने से सांसे बदबूदार हो जाती हैं, और शरीर से गंध आने लग जाता है। पसीने से अधिक बदबू आने लगे तो समझ जाए आपके शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता है। हरी पत्तेदार सब्जियों से ग्रीन जूस तैयार करें और अपने शरीर में जमे केमिकल्स को नैचुरली वॉश करें।
बार-बार कब्ज की समस्या होना या लगातार कब्ज का बना रहना यह दर्शाता है, कि आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो चुकी है। वहीं यह इस बात का संकेत हो सकता है, कि अब आपको अपने पाचन क्रिया को डिटॉक्स करने पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी पिएं और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपनी आतों को डिटॉक्स करना है, तो कच्चे फल और सब्जियां खाएं। इसके साथ ही प्रोसेस्ड और अनहेल्दी खाद्य पदार्थ जैसे की तेल में ताला हुआ भोजन, अधिक मसालेदार भोजन आदि से परहेज करें।
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बॉडी में टॉक्सिंस के बढ़ने से स्वास्थ संबंधी समस्याओं के साथ-साथ त्वचा भी प्रभावित होना शुरू हो जाती है। यदि आपको एक्ने, पिंपल, स्किन रैशेज, रेडनेस आदि जैसी परेशानियां हो रही है तो यह सभी दर्शाते हैं कि अब आपके शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता है। बॉडी में टॉक्सिंस बढ़ने से ऐसी समस्याएं होती हैं, यह पूरी तरह से सामान्य है। इनसे बचने के लिए नियमित रूप से आपको अपने बॉडी को डिटॉक्स करते रहना जरूरी है।
शरीर में टॉक्सिंस के बढ़ते ही नेचुरल स्लीप साइकिल प्रभावित होती है, क्योंकि टॉक्सिंस मेलाटोनिन के स्तर को प्रभावित कर देते है। इस स्थिति में आप देर रात तक जागती हैं और आपको सोने में परेशानी होती है। वहीं सुबह के समय पूरे दिन थकान का अनुभव होते रहना और बेचैनी महसूस कर सकती हैं। ऐसे में शारीरिक संतुलन बनाए रखने के लिए बॉडी को डिटॉक्सिफाई करना बहुत जरूरी हो जाता है।
बॉडी डिटॉक्स करने के लिए सबसे पहले अपने डाइट से शुगर युक्त खाद्य पदार्थों को बाहर कर दें। खासकर रिफांइड शुगर से पूरी तरह से परहेज करें और एडेड शुगर युक्त किसी प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इसके अलावा यदि आप शराब पीती हैं, तो डिटॉक्सिफिकेशन के दौरान शराब से पूरी तरह से परहेज करना जरूरी है। साथ ही साथ इस दौरान अपने कैफीन इंटेक को सीमित कर दें।
डिटॉक्सिफिकेशन के द्वारा नियमित एक्सरसाइज, योग या स्ट्रेचिंग बहुत जरूरी है। जो चीज सबसे महत्वपूर्ण होती है, वह है उचित मात्रा में पानी पीना पानी। यह शरीर को पूर्ण रूप से डिटॉक्स करने में मदद करती है। साथ ही साथ स्वस्थ फल और सब्जियों का भरपूर सेवन करें और सब्जियों के जूस के साथ ही हर्बल काढ़े और टी से भी बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है।
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