बाहरी वातावरण से लेकर खानपान और जीवन शैली की तमाम गतिविधियों की वजह से बॉडी में टॉक्सिंस बनता है, जिसे एक उचित समय पर शरीर से बाहर निकलना बेहद महत्वपूर्ण है। अन्यथा यह अंदर ही अंदर हमारे शरीर को तमाम रूपों में क्षतिग्रस्त कर सकता है। वहीं आपकी मानसिक स्थिति भी आपके शरीर में टाक्सीसिटी को बढ़ावा देती हैं। बॉडी को डिटॉक्स करना एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है, जिसका नियमित अभ्यास हमारे समग्र सेहत के लिए महत्वपूर्ण होता है। तो चलिए जानते हैं, आखिर डिटॉक्सिफिकेशन क्या है? और हम अपने शरीर को किस तरह डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं (tips to detox your body)।
डिटॉक्सिफिकेशन आपके शरीर से विभिन्न प्रकार के टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने की एक प्रक्रिया है। यह सेहत के लिए तमाम रूपों में फायदेमंद होती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ ही त्वचा को फिर से जीवंत करने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायता करती है। डिटॉक्सिफिकेशन आपके शरीर एवं जीवन में संतुलन को वापस ले आता है और आपके बॉडी के सिस्टम को सही ढंग से काम करने में मदद करता है।
टॉक्सिक पदार्थों के पांच प्राथमिक स्रोत हैं, जिनसे हमारे शरीर को हर रोज गुजरना होता है- भोजन, पानी, सौंदर्य, व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएं, पर्यावरण और नकारात्मक सोच। सिरदर्द, नींद की कमी, बीमारी, पुरानी थकान आदि जैसी अनावश्यक शारीरिक और स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए समय-समय पर अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना बेहद जरूरी है।
डिटॉक्सिफिकेशन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है, साथ ही आपको ध्यान केंद्रित रखने और बेहतर नींद लेने के सक्षम बनाता है। डिटॉक्सिफिकेशन जीवन शैली की स्वस्थ गतिविधियों में से एक है, और इसके साथ आप कुछ ही समय में बेहतर महसूस करना शुरू कर देती हैं।
1. यह शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है
2. वजन कम करने में मदद करे
3. आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करे
4. यह आपकी त्वचा को ग्लोइंग बनाता है
5. आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है
6. यह भोजन की अनावश्यक लालसा से छुटकारा पाने में मदद करता है
पानी आपकी तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का एक उचित समाधान है। नियमित रूप से सही समय और सही मात्रा में पानी पीकर आप अपने शरीर को टॉक्सिन्स से मुक्त कर सकती हैं। पानी केवल प्यास नहीं बुझाती, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। खुद को डिटॉक्स करना चाहती हैं तो सबसे पहले नियमित रूप से उचित मात्रा में पानी पीना शुरू करें।
एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ टॉक्सिन्स की अधिकता की वजह से होने वाले सेल डैमेज को रोकते हैं। अपनी डाइट में बेरीज, कोको, फल, नट्स, सब्जियां, मसाले और ग्रीन टी जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं। यह सभी टॉक्सिंस से शरीर को प्रोटेक्ट करने के साथ ही उन्हें शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करते हैं।
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अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर के सेवन से तमाम स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। वहीं बॉडी टॉक्सिंस को बढ़ावा देने में भी इनका एक बहुत बड़ा हाथ होता है। साथ ही पाचन क्रिया के लिए प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड्स को पचा पाना मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से बॉडी में टॉक्सिंस क्रिएट होते हैं। इस स्थिति में आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से परहेज रखने की आवश्यकता होती है। कम से कम बाहरी पैकेजड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करें, ऐसा करने से आपका शरीर प्राकृतिक रूप से खुद को डिटॉक्सिफाई कर पाता है।
बॉडी टॉक्सिंस को कम करने के लिए उचित मात्रा में नींद लेने की आवश्यकता होती है। पर्याप्त नींद लेने से आपके ब्रेन तथा बॉडी को खुद को हिल करने का समय मिलता है, साथ ही नींद में आपका ब्रेन पूरे दिन में ली गई टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है।
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कस्टमाइज़ करेंनियमित रूप से एक्सरसाइज और मेडिटेशन करने से आप सभी को तमाम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं। वहीं एक्सरसाइज और मेडिटेशन आपको टॉक्सिंस रिमूव करने में भी मदद कर सकता है। अब आप सोच रही होगी, कैसे? मेडिटेशन आपको मेंटली डिटॉक्स करता है, तो एक्सरसाइज आपके शरीर को सक्रिय कर पसीने के माध्यम से बॉडी टॉक्सिंस को बाहर निकलता है। वहीं इस दौरान इम्यूनिटी भी मजबूत होती है, जिससे कि हानिकारक टॉक्सिन द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान से शरीर लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहता है।
प्रीबायोटिक एक प्रकार का न्यूट्रिएंट है जो आपकी आंतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देता है। आंतों में मौजूद बैक्टीरिया प्रोबायोटिक्स को फैटी एसिड जैसे प्राकृतिक कंपोनेंट में तोड़ देते हैं, जिससे कि समग्र सेहत को फायदा होता है। वहीं हम सभी जानते एक स्वस्थ पाचन क्रिया हमारे समग्र शरीर को स्वस्थ रख सकती है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में प्रीबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। प्रीबायोटिक लेने का एक सबसे आसान विकल्प है दही।
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