सुबह उठते ही गले में होने वाला तेज़ दर्द और खाना निगलने की तकलीफ टॉन्सिल का प्राथमिक संकेत हैं। बच्चे हो या बुजुर्ग कोई भी व्यक्ति इस समस्या की चपेट में आ सकता है। इसके चलते गले में दर्द और खराश की समस्या बढ़ने लगती हैं। दरअसल, खानपान में बरती गई अनियमितता, बैक्टीरियल इन्फेक्शन और हाइजीन का ख्याल न रख पाना इस समस्या के पनपने का कारण बनने लगता है। जो गले में सूजन और दर्द पैदा करता है। मौसम में आने वाली तब्दीली के कारण भी टॉन्सिल को बढ़ा देती है। जानते हैं टॉन्सिल के बढ़ने के मुख्य कारण (Causes of tonsils) इससे बचाव के उपाय।
मुंह में जीभ के पीछे बने दो छोटे टिश्यू को टॉन्सिल कहा जाता है। जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होते हैं। वे शरीर को कीटाणुओं से लड़ने और संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। टॉन्सिल का असर वोकल कॉर्ड पर दिखता है। जो गले में दर्द, खराश और सूजन का कारण साबित होता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि टॉन्सिल के चलते गले में रूखेपन की समस्या बढ़ने लगती है। कुछ भी निगलने में दर्द होने लगता है। ज्यादा बोलने के कारण भी गले में ड्राईनेस बढ़ने लगती है। संक्रमण के बढ़ने से गले में खराश की परेशानी बढ़ने लगती है।
टॉन्सिल गले में मौजूद वो पैड है, जो संक्रमण से थ्रोट की रक्षा करता है। मगर संक्रमण के वायुमार्ग में जाने से टॉन्सिल की समस्या बढ़ने लगती है। इसके चलते गले में तेज़ दर्द सताने लगता है। जो खाना खाने में परेशानी का कारण बनने लगता है। इसके अलावा तरल पदार्थों को पीते वक्त भी गले में सूजन के कारण परेशानी होती है।
टॉन्सिल के चलते संक्रमण का असर पूरे शरीर पर दिखने लगता है। इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। जो बुखार का कारण बनने लगता है। गले में दर्द के चलते बुखार तेज़ होने लगता है और शरीर में ठण्ड लगने लगती है। इसके अलवा गले में छाले भी बनने लगते हैं। जो दर्द का कारण बनते हैं।
वे लोग जो गले की समस्या से परेशान है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। दिनों दिन प्रदूषण में हो रही बढ़ोतरी के चलते उन्हें ब्रीदिंग की परेशानी से होकर गुज़रना पड़ता है। इसके अलावा तेज़ सिरदर्द भी इस समस्या का एक लक्षण है।
एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से समृद्ध मेथीदाना गले की सूजन को दूर करने में मददगार साबित होता है। इसके लिए 1 चम्म्च मेथीदाना को ओवरनाइट सोक करके रखें। उसके बाद उसे कुछ देर गर्म होने के लिए रख दें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे बंद करें। पानी ठण्डा होने के बाद कुल्ला करें।
एनसीबीआई के अनुसार अदरक में एंटी बैक्टीरियल और इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है। इससे टॉन्सिलाइटिस की समस्या को हल किया जा सकता है। इसके सेवन के लिए अदरक को कसकर उसका रस निकाल लें और उसे आधा चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें। इससे गले में दर्द और खराश व सूजन को आसानी से कम किया जा सकता है।
तुलसी की पत्तियों को धोकर उबाल लें और उस पानी में शहद को मिलाएं। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर तुलसी की पत्तियों के पानी से शरीर को राहत मिलती है। इसके अलावा शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ भी डिटॉक्स हो जाते हैं।
जायफल और जावित्री को बराबर मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर चाटें। इससे बार बार खांसने की समस्या से राहत मिल जाती है। इसके अलावा चेस्ट कंजेशन की परेशानी भी दूर होनग लगती है।
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