जीवनशैली में होने वाले बदलाव हार्ट संबधी समस्याओं का कारण सिद्ध होते हैं। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से लेकर अल्कोहल इनटेक और सिगरेट के छल्ले हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित होते हैं। इससे हाइपरटेंशन से लेकर स्ट्रोक तक का खतरा बना रहता है। कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ है, जिसे लीवर प्रोडयूस करता है। कोलेस्ट्रॉल का उपयोग भोजन के पचाने, हार्मोन प्रोडक्शन और विटामिन डी के निर्माण के लिए होता है।
यहां पर दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन यानि एलडीएल। इसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता हैं। वहीं उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन यानि एचडीएल, इन्हें गुड कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में रखा जाता है। जानते हैं शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के शुरूआती संकेत (Warning signs of high cholesterol)।
हाई ब्लडप्रेशर के चलते आर्टरीज़ में जमा कोलेस्ट्रॉल थिक होने लगता है। इससे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ने लगता है। इससे हार्ट हेल्थ पर गहरा प्रभाव नज़र आने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में 1.13 बिलियन लोग हाइपरटेंशन से ग्रस्त हैं। जो कोलेस्ट्रॉल का प्राथमिक संकेत है।
जहां स्टेज वन पर आपका ब्लड प्रेशर 130 से 80 के मध्य में बना रहता है, तो वहीं दूसरी स्टेज में ये 140 से 90 के दरमियान पाया जाता है। अगर आप इस रेंज के आसपास है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और उपचार आवश्यक है।
वे लोग जिनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है। उन्हें चलते फिरते वक्त जल्दी थकान का अनुभव होने लगता है। साथ ही सांस फूलने की समस्या बढ़ने लगती है। कुछ सीढ़िया चढ़ने के बाद उन्हें कुछ देर आराम करने की आवश्यकता महसूस होने लगती है। ऐसे में डॉक्टरी उपचार की आवश्यकता है।
अगर आप भी देर तक बैठे रहने के बाद पैरों में सिहरन यानि सेंसेशन अनुभव कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसे परिफेरल आर्टरी डिज़ीज़ कहा जाता है। इसमें पेरिफेरल नवर्स में भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इसके चलते ब्लड फ्लो नियमित तौर पर नहीं हो पाता है। इससे खासतौर से हाथों और पैरों में नम्बनैस आने लगती है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की एक रिसर्च के हिसाब से अगर आप चेस्ट पेन महसूस कर रहे हैं और शरीर में जकड़न का अनुभव होने लगा है, तो ये हृदय संबधी रोग की ओर इशारा करता है। इसके अलावा गर्दन और सीने में भी दर्द महसूस होने लगता है। ऐसे में डाक्टर इलाज ज़रूरी है।
रेडक्लिफ लैब में लैब डायरेक्टर, डॉ सोहिनी सेनगुप्ता के मुताबिक कोलेस्ट्रॉल एक चिंता का विषय है कि आज की आबादी में हर 3 में से 1 वयस्क को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। इसमें उम्र के अलावा जीवन शैली में होने वाले बदलाव और बैड इटिंग हैबिट्स भी शामिल हैं। अधिकतर आहार में आने वाले बदलाव सभी आयु वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक बतौर डॉक्टर वे अब तक अनगिनत रोगियों में उच्च कोलेस्ट्रॉल के हानिकारक प्रभावों को देख चुके है। उनका कहना है कि खुद का बचाव करने के लिए हाई कोलेस्ट्रॉल की चेतावनी के संकेतों को पहचानना बहुत जरूरी है, जिससे इस समस्या की जानकारी मिलती है। शुरूआती लक्षणों को जानकर इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा इस समस्या के बारे में बरती गई सतर्कता और जागरूकता के बढ़ने से भी जान का जोखिम खुद ब खुद कम होने लगता है।
अचानक से शरीर के संतुलन का बिगड़ना
चक्कर आना
चेहरे में बदलाव दिखना, सिर्फ एक तरफ पलक और मुंह का गिरना
चलने में असमर्थता महसूस होना
भ्रम की स्थिति पैदा होना
शब्दों का लडखडाना
चेहरे, हाथ या पैर का सुन्न पड़ जाना
अत्यधिक पसीना आना
उपर दिए गए इन चेतावनी संकेतों को गंभीरता से लेना ज़रूरी हैं ताकि आपको उचित और सही समय पर उपचार मिल सके। अगर आप समय रहते किसी अच्छी डाक्टर से मिलते हैं, तो इससे आपको गंभीर परिणाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक इन संकेतों की अनदेखी करने से अधिक हानिकारक परिणाम हो सकते हैं।
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