जब भी बात वेट लॉस की आती है तो हम सभी सबसे पहले रिफाइंड शुगर को डाइट से बाहर कर देते हैं, परंतु इसकी जगह अन्य प्राकृतिक मिठास युक्त पदार्थ जैसे कि शहद और जुड़ का सेवन करते हैं। हालांकि, शहद और गुड़ दोनों ही महत्वपूर्ण सुपरफूड हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। क्या आपको मालूम है इनकी अधिकता भी वेट गेन का कारण बन सकती है? यदि आप इस बारे में नहीं जानती हैं तो चिंता न करें आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार रिफाइंड शुगर सब्सीट्यूट में इस्तेमाल होने वाले नेचुरल स्वीटनर्स भी आपकी वेट लॉस जर्नी को प्रभावित कर सकते हैं (natural sweetener effect on weight loss)।
न्यूट्रीशनिस्ट, हेल्थ एंड वेलनेस कोच डॉ शिखा कुमारी ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए वेट लॉस पर रिफाइंड शुगर, गुड और शहद के प्रभाव के बारे में बताया है। तो चलिए उनसे जानते हैं आखिर किस तरह नेचुरल स्वीटनर्स भी वेट गेन का कारण बन सकते हैं।
रिफाइंड और सफेद चीनी में अधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है और जब इन्हें रिफाइंड किया जाता है तो इसमें मौजूद पोषक तत्व भी पूरी तरह से बाहर हो जाते हैं, जिसकी वजह से इनमें पोषक तत्वों की भी कमी होती है।
रिफाइंड शुगर यानी कि सफेद चीनी का सेवन कई स्वास्थ्य जोखिमों का कारण हो सकता है। डाइट में इनकी अधिकता वजन बढ़ने का कारण बनती है क्योंकि यह बिना किसी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान किए आहार में अतिरिक्त कैलोरी जोड़ता है।
इसके अलावा रिफाइंड शुगर का सेवन कार्बन मॉलिक्यूल को प्रोड्यूस करता है। इन कार्बन मॉलिक्यूल की अधिकता बॉडी मेटाबॉलिक प्रोसेस के लिए हानिकारक होती है, जिसकी वजह से खून में कोलेस्ट्रॉल और फैट जमा होने लगते हैं।
इसके साथ ही रिफाइंड शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन तुरंत डाइजेस्ट हो जाता है और यह आपको संतुष्टि प्रदान नहीं करता। ऐसे में आप ओवर ईटिंग करती हैं और आपकी कैलोरी इंटेक भी बढ़ जाती है।
गुड़ सफेद चीनी की तुलना में कम संसाधित होता है। वहीं इसमें आयरन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इसे स्वास्थ्य के लिए एक हेल्दी सुपरफूड बनाते हैं। इसके साथ ही गुड में पोटेशियम की उचित मात्रा मौजूद होती है जो इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने में मदद करती है साथ ही साथ मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करती है। पोटेशियम वॉटर रिटेंशन को भी कम करता है जिससे कि बॉडी वेट को सामान्य रहने में मदद मिलती है।
हालांकि, गुड़ भी कैलोरी में उच्च होता है और मुख्य रूप से चीनी से बना है। अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है।
इसके फायदों को ध्यान में रखते हुए इससे होने वाले बॉडी वेट गेन का भी ध्यान रखें। एक उचित मात्रा में गुड़ का सेवन ठीक है, परंतु बात बात पर गुड़ खाना आपको वेट गेन का शिकार बना सकता है।
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शहद एक प्राकृतिक स्वीटनर है जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। शहद का सेवन सेहत संबंधी तमाम समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। इनमें मौजूद पोषक तत्व इसके नेचुरल शुगर के प्रभाव को कम कर देते हैं और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हुए शरीर की फैट बर्निंग कैपेसिटी को बढ़ावा देते हैं।
परंतु यह न भूलें कि शहद में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है और इसका अधिक सेवन वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। इसलिए यदि आप वेट लॉस डाइट पर हैं या सामान्य लोगों को भी शहद की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। हर रोज 4 चम्मच से अधिक शहद का सेवन वेट गेन का कारण बन सकता है।
एक्सपर्ट कहती हैं कि “चीनी गुड और शहद तीनों ही मिठास प्रदान करते हैं और इनमें अधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है, इसलिए इनका अधिक सेवन बढ़ते वजन का कारण बन सकता है। शहद और गुड़ की तुलना में वेट गेन पर चीनी का प्रभाव अधिक होता है। परंतु ऐसा नहीं है कि शहद और गुड़ वजन पर बिल्कुल भी प्रभाव नहीं डालते हैं।
वजन बढ़ना मुख्य रूप से कैलोरी सेवन और व्यय के बीच एक समग्र असंतुलन से निर्धारित होता है। वजन को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए, मिठास का सेवन कम मात्रा में करना और अतिरिक्त शर्करा सहित सभी स्रोतों से समग्र कैलोरी सेवन के प्रति सचेत रहना महत्वपूर्ण है।
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