हर किसी व्यक्ति का अपना अलग टेस्ट होता है। किसी को खट्टा ज्यादा पसंद होता है तो किसी को मीठा। लेकिन जिस तरह हर चीज की अति होती है, उसी तरह हर स्वाद भी एक स्तर होना जरूरी है। लेकिन अगर आपका स्वाद का स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है, तो यह आपके लिए चिंता का कारण भी हो सकता है।
कई लोग जल्द वजन कम करने के लिए अत्यधिक मात्रा में आंवला खाते हैं या दिन में कई बार पानी में नींबू मिलाकर पीते है। तो वही कई लोग आचार के बिना भोजन करना भी पसंद नहीं करते। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अत्यधिक खट्टा खाना भी हमारें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है? इसके कारण हमें कई बड़े स्वास्थ्य जोखिमों का सामना भी करना पड़ सकता है।
तो चलिए जानते हैं की आयुर्वेद के अनुसार अत्यधिक खट्टा खाना हमारें लिए कैसे हानिकारक है-
आयुर्वेद के अनुसार अत्यधिक मात्रा में खट्टे पदार्थ खाने से आपके दांतों में झनझनाहट हो सकती है। जो आपके दांतों के लिए हानिकारक भी हो सकती है। इसके कारण आपको कुछ भी खाने में समस्या होने लगती है।
अत्यधिक खट्टा खाने से आपके शरीर के सभी अंगो पर फर्क पड़ता हैं। आयुर्वेद में पाया गया है कि अगर व्यक्ति अत्यधिक खट्टी चीजों का सेवन करता है तो गले और छाती में जलन होने की समस्या हो सकती है।
हमारे शरीर में गुड बैक्टेरिया भी पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की इम्युनिटी पॉवर बनाएं रखते हैं। अत्यधिक खट्टा खाने से शरीर के गुड बैक्टेरिया को नुकसान होता है। जिससे हमारी पाचन क्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है।
आयुर्वेद के अनुसार एक स्वस्थ शरीर में वात पित्त और कफ असंतुलित होना बेहद आवश्यक होता है। लेकिन अत्यधिक खट्टी चीजों के सेवन से वात और पित्त में संतुलन बिगड़ सकता है। जिसके कारण आपके पेट में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। इसी कारण रात में खट्टा खाने से मना किया जाता है।
अगर आपके शरीर में सूजन रहती है, तो आपको खट्टी चीजें का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। आयुर्वेद में बताया गया है कि अत्यधिक खट्टी चीजों के सेवन से आपके शरीर की सूजन बढ़ सकती है। जिससे आपके शरीर में दर्द की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ सकती है।
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