आमतौर पर कपूर को पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक रूप से इसका सुगंध पॉजिटिव एनर्जी को अट्रैक्ट करने से जुड़ा है, इसलिए लोग इसकी आरती करते हैं और हवन सामग्री में भी इसे इस्तेमाल करते हैं। पर ये यही तक सीमित नहीं है! कपूर में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जिसके तहत आयुर्वेद में इसे तरह-तरह की समस्याओं के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आपको यह जानकार हैरानी हो सकती है, की कपूर आपकी स्किन केयर रूटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है (Camphor for skin)।
कपूर में कई ऐसी गुणवत्ताएं पाई जाती हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं में कारगर होती हैं। यह एक्ने ट्रीट करने से लेकर स्किन ब्राइटनिंग में कारगर हो सकता है। अगर आपको किसी प्रकार की त्वचा संबंधी परेशानी है, तो इसे जरूर ट्राई करें (Camphor for skin)। यहां त्वचा पर कपूर के इस्तेमाल के फायदों से लेकर इस्तेमाल के दौरान जरूरी बातों के प्रति सचेत रहने से जुड़ी सभी जानकारी दी गई है, तो आईए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से (Camphor for skin)।
कपूर में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो इसे त्वचा की खुजली और जलन को शांत करने के लिए एक उपयुक्त सामग्री बनाते हैं। कपूर त्वचा के फाइब्रोब्लास्ट को अधिक कोलेजन और इलास्टिन का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करता है, जिससे घाव को तेजी से भरने में मदद मिलती है। इसका उपयोग कई सौंदर्य उत्पादों में एक शक्तिशाली एंटी-रिंकल कंपोनेंट के रूप में भी किया जाता है।
कपूर को मुंहासों के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हेयर फॉलिकल्स और स्किन ग्लैंड की सूजन काफी और सुविधाजनक होती है, लेकिन कपूर दोनों को कम करने में कारगर साबित हुआ है। कपूर के एंटीबैक्टीरियल लाभ मुंहासों के इलाज में बेहद प्रभावी ढंग से काम करते हैं। यह त्वचा पर एक्ने का कारण बनने वाले बैक्टिरियल ग्रोथ को रोकता है, साथ ही साथ सूजन को कम करता है और उन्हें जल्दी हिल होने में मदद करता है।
फटी एड़ियों को आराम देने के लिए आप अपने पैरों को पानी और कपूर के मिश्रण में डुबो कर रख सकती हैं, उसके बाद धीरे से रगड़ें। इसके बाद, मॉइस्चराइज़र या पेट्रोलियम जेली अप्लाई करें, इस प्रकार आपकी त्वचा ड्राई नहीं होती और न ही इनपर दरारें पड़ती हैं। यह उपाय आपके पैरों की चिकनाई और नमी को बरकरार रखने में मदद करता है।
कपूर में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणवत्ता पाई जाती है, जो त्वचा पर नजर आने वाले रैशेज के उपचार में मदद कर सकती हैं। यह उच्च गर्मी और पसीने के कारण त्वचा पर होने वाले चकत्ते में विशेष रूप से लाभकारी साबित हो सकता है। माना जाता है कि पानी में घुले कपूर से त्वचा पर होने वाले चकत्ते कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
कपूर एक्जिमा को शांत करने और खुजली को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। यह तब अधिक कारगर साबित होगा जब एक्जिमा ट्रिगर हो जाए। इस स्थिति में यह सूजन और खुजली से फौरन राहत प्रदान कर सकता है। त्वचा के लिए कपूर का ठंडा और एंटी इन्फ्लेमेटरी लाभ इसे एक्जिमा के उपचार के लिए एक बेहतरीन सामग्री बनता है। कुचले हुए कपूर को गर्म नारियल के तेल में मिक्स करें और इस मिश्रण को नियमित रूप से प्रभावित क्षेत्रों पर अप्लाई करें।
कपूर त्वचा में ग्लो जोड़ने और काले धब्बों सहित असमान स्किन टोन को ठीक करने के लिए एक फायदेमंद विकल्प हो सकता है। मास्क बनाने के लिए, 2-3 कपूर की गोलियों को कुचलें और उन्हें दही और शहद के साथ मिला लें। मास्क को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें। इसे 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें, उसके बाद, इसे गुनगुने पानी से धो लें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए इस मास्क का प्रयोग सप्ताह में एक या दो बार करें।
कपूर का तेल आसानी से बाजार में उपलब्ध मिल जाएगा और यह त्वचा पर अप्लाई करने के लिए एक अच्छा विकल्प है। कपूर के तेल को कैरियर ऑयल जैसे नारियल या बादाम के तेल के साथ पतला करें, और सीधे प्रभावित क्षेत्र पर अप्लाई करें।
कपूर की गोलियों को पीसकर दही और शहद के साथ मिलाकर इस पेस्ट को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें और कुछ देर तक लगा हुआ छोड़ दें। फिर अपनी त्वचा को हल्के हाथों से मसाज देते हुए इस मास्क को रिमूव करें।
कपूर की गोलियों को तोड़कर इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले तेल विशेष रूप से नारियल के तेल के साथ मिलकर दो से तीन दिन के लिए रख कर छोड़ दें। फिर नारियल के तेल को एक्ने, पिंपल, ब्रेकआउट से प्रभावित स्किन एरिया पर अप्लाई करें।
नहाने के पानी में कपूर की गोलियों को डाल सकती हैं। या आप चाहे तो कपूर ऑयल की कुछ बंदे भी इसमें ऐड कर सकती हैं। इस प्रकार न केवल चेहरे की स्किन को बल्कि त्वचा के सभी हिस्सों की त्वचा को राहत प्राप्त करने में मदद मिलेगी
1. कपूर की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय आयुर्वेदिक स्टोर या प्रतिष्ठित ब्रांड से कपूर खरीदें, क्योंकि तारपीन के तेल से कृत्रिम रूप से उत्पादित कपूर खाने के लिए असुरक्षित होता है और कई लोगों में त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।
2. कपूर का तेल या कपूर लगाने से पहले, त्वचा के एक छोटे से हिस्से पर पैच टेस्ट करें और किसी भी तरह की एलर्जी की जांच के लिए 48 घंटे तक प्रतीक्षा करें।
4. 11% या उससे ज़्यादा कपूर वाले उत्पादों के, इस्तेमाल से पहले किसी डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि कपूर की ज़्यादा मात्रा संभावित रूप से त्वचा में जलन पैदा कर सकती है।
5. गर्भावस्था के दौरान कपूर का इस्तेमाल करने से बचें,के क्योंकि यह नुकसान दे हो सकता है।
यह भी पढ़ें : कपालभाति प्राणायाम : जानिए योग के इस सबसे जरूरी प्राणायाम के बारे में जो प्राण वायु बढ़ाता है
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।