पेनिट्रेटिव सेक्स (penetrative sex) के दौरान बहुत सी महिलाएं असहनीय दर्द का अनुभव करती हैं, जिन्हें हम आमतौर पर पेनफुल इंटरकोर्स का नाम देते हैं। ऐसा तब होता है जब पेनिस और सेक्स टॉय (sex toy) आपकी सर्विक्स से टकराते हैं। ऐसा अमूमन तब होता है, जब आपका पार्टनर डीप पेनिट्रेशन (deep penetrative sex) करता है या आप सेल्फ प्लेजर के दौरान सेक्स टॉय को बहुत रफ तरीके से इंसर्ट करती हैं। इसलिए प्लेजरेबल सेक्स के लिए यह जरूरी है कि आप सेक्स करने का सेफ तरीका जानें। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में एक एक्सपर्ट बता रहे हैं उन सेक्स पाेजीशन्स के बारे में जो दर्दरहित सेक्स में आपकी मदद करेंगे।
हेल्थ शॉट्स ने सेक्स के दौरान पेल्विक पेन (pelvic pain) को कम करने के लिए मणिपाल हॉस्पिटल, व्हाइट फिट, बैंगलोर के कंसल्टेंट एंड्रोलॉजी, डॉ शशिधर बी से बात की, डॉक्टर ने कुछ खास टिप्स दिए हैं, साथ ही कुछ सेक्स पोजीशन भी बताई हैं, जिनमें पेनिट्रेशन के दौरान पेल्विक पेन नहीं होता।
सर्विक्स में टकराव महिलाओं के लिए बेहद अनकंफरटेबल हो सकता है, इसके साथ ही आसपास के अन्य ऑर्गन्स जैसे कि यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब और ब्लैडर पर भी प्रेशर बनता है। इसके अलावा पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन, वेगीनिज्म, एंडोमेट्रियोसिस और टिलटेड यूट्रस भी पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान दर्द का कारण बन सकते हैं। अब आप सोच रही होंगी सेक्स के दौरान पेल्विक पेन को कम करने के लिए क्या करें! आज हम इसी बारे में बात करेंगे।
यदि आप या आपके पार्टनर को बैक साइड सेक्सुअल एक्टिविटीज पसंद हैं, तो स्पूनिंग पोजीशन आपके लिए पर्फेक्ट आईडिया है। स्पूनिंग पोजीशन में सेक्स के दौरान पेल्विक दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
यह कैसे करें : फीमेल को कमर और पेट के पास से अपनी बॉडी को कर्व करके लेटना है और फिर मेल पार्टनर ठीक इसी पोजीशन में आपके पीछे लेटेंगे। पीछे की ओर से पेनिट्रेशन करने से महिलाओं को पेल्विक पेन का अनुभव नहीं होता।
किस तरह काम करती है स्पूनिंग : इस स्थिति में महिलाएं अपने पैरों से जोर लगाकर पेनिट्रेशन का डेप्थ डिसाइड कर सकती हैं, और आपका बट डीप पेनिट्रेशन से बचाव करेगा। गति और जो अच्छा लगता है, उसके बारे में अपने पार्टनर के साथ बात-चित करने से आपको सही प्रवेश गहराई निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
टॉप पर होने से आप सेक्स के दौरान पेनिट्रेशन के डेप्थ और स्पीड को नियंत्रित कर सकती हैं। जब आप पेनिट्रेशन को कंट्रोल कर पाती हैं, तो आपको पता होता है कब, कितना और कितनी स्पीड से पेनिस इंसर्ट करनी है।
कैसे करें : फीमेल को अपने पार्टनर के ऊपर एक-दूसरे की ओर चेहरा करके बैठना है, इस स्थिति में पेनिस को अपने अनुसार एडजस्ट करें, फिर आप अपने पार्टनर की छाती पर आगे की ओर झुक सकती हैं, या उत्तोलन के लिए उनकी जांघों की ओर पीछे झुक सकती हैं।
यह कैसे काम करता है : यह आपको खुदपर अधिक नियंत्रण स्थापित करने में मदद करता है, ताकि आप डीप पेनिट्रेशन से बच सकें, और सर्विक्स में टकराव न हो।
यदि आप और आपके पार्टनर सेक्स के दौरान बात करते हैं और पेनिट्रेशन को हल्का रखते हैं, तो नियमित मिशनरी भी पेन फ्री हो सकती है। इसे अधिक आरामदायक बनाने के लिए महिलाएं इसे अपने अनुसार मॉडिफाई कर सकती हैं।
इसे कैसे करें : मिशनरी को मॉडिफाई करने का सबसे आसान तरीका जोर लगाने के बजाय रॉक करना है। जब आप पीठ के बल लेटी हों तो आपके पार्टनर को आपके ऊपर घुटनों के बल बैठना चाहिए। इंसर्शन के दौरान, पेनिस या सेक्स टॉय का आधार आपकी योनि के अंदर रहता है और आपकी क्लिटोरी को रब करते हुए आगे-पीछे होता है। इससे दर्द से राहत मिलने के साथ ही आपका प्लेजर भी बना रहता है।
किस तरह काम करती है मॉडीफाइड मिशनरी : कोई भी स्थिति जो सेक्स के दौरान पेल्विक दर्द का कारण बनती है, इसमें डीप पेनिट्रेशन की जगह, हल्के पेनिट्रेशन और क्लिटोरी रब करने से मदद मिल सकती है। एक शोध सर्वेक्षण में महिलाओं से पूछा गया कि इंसर्शन को अधिक आनंददायक क्या बनाता है, सर्वेक्षण में शामिल 76% महिलाएं डीप पेनिट्रेशन की जगह क्लिटोरी रबिंग को अधिक आनंदायक मानती थीं।
डॉगी स्टाइल में डीप पेनिट्रेशन की संभावना होती है, परंतु यदि आपके पार्टनर चाहें तो इसे कंट्रोल कर सकते हैं और आप सेक्स को अधिक एन्जॉय कर पाती हैं। इस स्थिति में आप अपने कम्फर्ट के अनुसार पेनिस के प्रवेश की डेप्थ को एडजस्ट कर सकती हैं।
इसे कैसे करें : पीछे से प्रवेश की अनुमति देने के लिए आप और आपका साथी दोनों घुटनों के बल बैठने के बजाय, खड़े होने का प्रयास करें। खड़े होकर डॉगी स्टाइल में डीप पेनिट्रेशन के लिए कम जगह मिलती है, क्युकी आपका बट बिच में रुकावट बन रहा होता है।
यदि आपको डॉगी स्टाइल का पूरा फील चाहिए, तो आप अपने पेट के बल लेट सकती हैं, और अपने पैरों को काफी हद तक बंद रखते हुए अपने कूल्हों के नीचे एक तकिया रख पेनिट्रेशन एन्जॉय कर सकती हैं। इससे डीप पेनिट्रेशन नहीं होता और बेवजह दर्द सहने की स्थिति उत्त्पन नहीं होती।
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यह किस तरह काम करती है : डॉगी स्टाइल में पिलो मॉडिफिकेशन से डीप पेनिट्रेशन को रोकने के लिए श्रोणि को कोण बनाने में मदद मिलती है। यदि आपका गर्भाशय झुका हुआ है तो कोण और प्रवेश की गहराई को बदलने से आपको पैल्विक दर्द नहीं होता। सर्वे में शामिल 87% महिलाओं में एंगल बदल कर पेनिट्रेशन करना बिल्कुल दर्द रहित था।
ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल : यदि आपको पेल्विक दर्द के अलावा योनि में सूखापन का भी अनुभव होता है, तो ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल आपके लिए अनिवार्य है। यदि आप जलन या सेंस्टिविटी से परेशान रहती हैं, तो वॉटर बेस्ड ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप नेचुरल ल्युब्रिकेंट जैसे की एंटीबैक्टीरियल कोकोनट ऑयल का प्रयोग कर सकती हैं। हालांकि, कंडोम के साथ ऑयल बेस्ड ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से बचें। यदि आप सिलिकॉन के सेक्स टॉय का उपयोग कर रही हैं, तो इसपर वॉटर बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल करें।
फोरप्ले को समय दें : यदि आपके पेल्विक दर्द का कारण वेजाइना संबंधी कोई समस्या है तो, फोरप्ले को समय दें। ऐसा करने से आप सेक्स के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहती हैं और वेजाइना पर भी अचानक से प्रेशर नहीं पड़ता।
पार्टनर के साथ कम्यूनिकेट करना है सबसे महत्वपूर्ण : निश्चित रूप से आप और आपके पार्टनर डर्टी टॉक कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही अपने पार्टनर से यह डिसकस करना भी जरुरी है कि सेक्स के दौरान आपको क्या अच्छा लगता है और क्या बुरा। ऐसे में आपके पार्टनर अगली बार इंटरकोर्स के दौरान आपकी बातों को ध्यान में रखेंगे ताकि आपको दर्द का एहसास न हो।
सेक्स से पहले यूरिन पास करें : जब ब्लैडर पूरी तरह से खाली होता है, तो सेक्स करते वक़्त संवेदनशील पेल्विक क्षेत्रों पर अतिरिक्त दबाव को रोकने में मदद मिलती है।
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