क्रैनबेरी जूस कम कर सकता है यूटीआई का जोखिम, जानिए यह कैसे काम करता है

क्रैनबेरी पोषक तत्वों से भरपूर एक ऐसा लाभकारी फल है, जो शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाता है। जानते हैं क्रैनबेरी किस प्रकार से यूटीआई के जोखिम को कम करने में होती है मददगार साबित।
cranberry UTI ko rokne me help kar sakte hai
क्रैनबेरी बैक्टीरिया को ब्लैडर और यूरीनरी ट्रैक वॉल में जाने से रोककर यूटीआई के खतरे को कम करता है। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 11 Jun 2024, 03:43 pm IST
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महिलाओं में कई कारणों से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की शिकायत बढ़ने लगती है। इसके चलते न केवल यूरिन के रंग में बदलाव आने लगता है बल्कि यूरिन पास करते हुए भी जलन और दर्द का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर यूटीआई से बचने के लिए दवाओं के अलावा खुद को हाइड्रेट रखने और क्रैनबेरी जूस पीने की सलाह दी जाती है। क्रैनबेरी पोषक तत्वों से भरपूर एक ऐसा लाभकारी फल है, जो शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाता है। जानते हैं क्रैनबेरी किस प्रकार से यूटीआई के जोखिम को कम करने में होती है मददगार साबित।

यूटीआई के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 4 कारण

1 यूरिन को होल्ड करना

यूरिन को लंबे वक्त तक होल्ड करने की आदत बना लेने से ब्लैडर में बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने लगती है। इससे जलन और इचिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए यूरिन को समय समय पर पास करना बेहद आवश्यक है।

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यूरिन को लंबे वक्त तक होल्ड करने की आदत बना लेने से ब्लैडर में बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने लगती है।चित्र : शटरस्टॉक

2 हाइजीन का ख्याल न रखना

सेक्स के बाद वेजाइना की क्लीनिंग न करने से भी बैक्टीरिया ब्लैडर में बढ़ने लगते हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन से बचने के लिए सेक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करें। इसके अलावा गीले और सिथेटिंक अंडरवियर भी बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षणों का बढ़ाने लगते हैं। वेजाइना को यूरिन पास करने के बाद भी क्लीन करना आवश्यक है।

3 ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना

वे लोग जो डायबिटीज़ के शिकार होते हैं, उनमें भी यूटीआई की संभावना बढ़ने लगती है। दरअसल, यूरिन में शुगर का स्तर बढ़ने से बैक्टीरियल इंफे्क्शन का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना आवश्यक है। डायबिटीज़ के मरीजों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने लगता है। ऐसे में बैक्टीरिया की ग्रोथ तेज़ी से होने लगती है।

4 निर्जलीकरण की समस्या

शरीर में पानी की कमी यूटीआइ का कारण बनने लगती है। ऐसे में खुद को हाइड्रेट रखना बेहद ज़रूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार वे महिलाएं, जो दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पीती है, उनमें यूटीआई का जोखिम कम होने लगता है। दरअसल, पानी पीने से यूरेथरा में मौजूद बैक्टीरिया बहकर बाहर निकल जाते हैं और शरीर डिटॉक्स होने लगता है।

क्रैनबेरी किस प्रकार से करता है यूटीआई के खतरे को कम

इस बारे में बातचीत करते हुए फंक्शनल न्यूट्रीशनिस्ट एंव सीईओ एंड फाउंडर, आइ थ्राइव मुग्धा प्रधान बताती है कि क्रैनबेरी पोषक तत्वों से भरपूर है। क्रैनबेरी में एंथोसायनिडिन और प्रोएन्थोसाइनिडिन कंपाउड पाए जाते हैं जो माइक्रोब्स के प्रभाव से शरीर को बचाकर इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं। क्रैनबेरी मुख्य रूप से टाइप 1 और पी.फिम्ब्रिया को रोकने में मदद करते हैं। ये बैक्टीरिया को ब्लैडर और यूरीनरी ट्रैक वॉल में जाने से रोककर यूटीआई के खतरे को कम करता है।

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क्या महिलाओं को इंटीमेट वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए?

बाज़ार में मिलने वाले मीठे क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर ताजा क्रैनबेरी का जूस फायदेमंद साबित होता है। सूखी और पुरानी क्रैनबेरी उपके सेवन से बचना चाहिए। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को कई प्रकार के फायदे पहुंचाता है।

Cranberry ke fayde jaanein
क्रैनबेरी में एंथोसायनिडिन और प्रोएन्थोसाइनिडिन कंपाउड पाए जाते हैं जो माइक्रोब्स के प्रभाव से शरीर को बचाकर इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं।

रिसर्च में भी हो चुका है प्रूव

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी के अनुसार महिलाओं में अपने जीवनकाल के अनुसार 50 फीसदी तक यूटीआई का रिस्क बना रहता है। शोध में पाया गया कि 1,498 महिलाओं ने क्रैनबेरी का जूस और सप्लीमेंटस के रूप में सेवन किया और उसमें से 26 फीसदी महिलाओं में यूटीआई का रिस्क कम हो गया।

एनआईएच की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी 145 महिलाएं जो पहले भी यूटीआई से ग्रस्त रह चुकी हैं, उन्हें इस शोध में शामिल किया गया। इन्हें 24 सप्ताह तक 18ण्5 एमजी क्रैनबेरी प्रोएन्थोसाइनिडिन की खुराक दी गई। इसे लेने के बाद महिलाओं में यूटीआई का खतरा 43 फीसदी तक कम पाया गया। दरअसल, प्रोएन्थोसाइनिडिन क्रैनबेरी में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल कंपाउड को कहा जाता है। इससे शरीर में यूटीआई के खतरे को कम करने के अलावा कई प्रकार के फायदे मिलते हैं।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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