अगर कोई महिला गर्भनिरोधक के विकल्प तलाश रही हैं, तो आईयूडी यानि इंट्रा यूटेराइन डिवाइस एक बेहतरीन उपाय है। प्रेगनेंसी के चांस को 99 फीसदी तक रोकने वाले इस मैथड को बड़ी तादाद में महिलाएं इस्तेमाल करती हैं। कॉइल और कॉपर टी के नाम से इसकी पहचान है। योनि के अंदर इंसर्ट किए जाने वाले इस डिवाइस की मदद से 3 से लेकर 10 वर्ष तक प्रेगनेंसी से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही इसके निकलने और यूटर्स में मूव होने के चांस कम होते हैं। वहीं सेक्स के दौरान भी आईयूडी (sex with IUD) पूरी तरह से सेफ है।
इस बारे में सीनियर कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजलि कुमार का कहना है कि आईयूडी टी के आकार का एक डिवाइज़ है। इसके नीचे एक धागा भी लटकता है, जिसका अनुभव महिलाओं का हाथ लगाने पर होता है। ओव्यूलेशन शुरू होने से पहले मासिक धर्म चक्र के सातवें या दसवें दिन के बीच में आईयूडी को योनि में इंसर्ट किया जाता है। इस अवधि के दौरान इसे डालने से यह सुनिश्चित होता है कि अगर महिला ओव्यूलेशन के बाद सेक्स करती है, तो स्पर्म एग को फर्टिलाइज़ नहीं करता है। यदि ओव्यूलेशन के बाद आईयूडी डाला जाता है, तो सेफ सेक्स के लिए कंडोम का उपयोग करना ज़रूरी है।
कॉपर टी को इंसर्ट करने के बाद गर्भवती होने का खतरा टल जाता है। इससे सेक्स के दौरान किसी भी प्रकार की दर्द और रक्त स्त्राव नही होता है। अगर आईयूडी अपने स्थान से हिल चुकी है और हरदम लटकने वाला धागा महसूस नहीं हो रहा है, तो ये परेशानी का कारण बन सकता है।
जहां कॉपर टी 5 दिन के भीतर गर्भनिरोधक के तौर पर अपना कार्य करता है। वहीं हार्मोनल आईयूडी धीरे.धीरे गर्भावस्था को रोकने के लिए हार्मोन लेवोनोर्गेस्ट्रेल जारी करते हैं। ये एग को फर्टिलाइज़ करने से रोकने के लिए गर्भाशय के अस्तर को पतला करने या स्पर्म को गर्भाशय तक पहुंचने से रोकने के लिए ग्रीवा म्यूकस को थिक करके प्राप्त किया जाता है।
फिंगरिंग के दौरान आईयूडी महसूस होने लगती है, मगर सेक्स के समय पार्टनर इसे महसूस नहीं कर पाता है। यूटर्स में इर्स्ट करने के कारण इसे फील नहीं किया जा सकता है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान पेनिस सर्विक्स के संपर्क में आता है, मगर आईयूडी तक नहीं पहुंच पाता है। वहीं रफ और डीप पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान आईयूडी को फील किया जा सकता है। हर तीन से चार महीने में स्त्री रोग विशेषज्ञ से कॉपर टी की जांच अवश्य कराएं, ताकि ये अपनी जगह पर उचित प्रकार से बना रहे।
यूटर्स में आईयूडी को इंसर्ट करने के कुछ महीनों में स्पॉटिंग और ऐंठन का होना सामान्य है। अगर कुछ महीनों तक ये सिलसिला लगातार यूं ही चलता है, तो ये खतरे का कारण साबित हो सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार बार बार स्पॉटिंग होने का अर्थ है कि कॉपर टी अपनी जगह से हिलडुल रही है। ऐसा महसूस होने पर योनि में फिंगर की मदद से आईयूडी के लटकते हुए धागे को खोजने का प्रयास करें। अगर वो नहीं मिलता है, तो वो किसी संकट का कारण साबित हो सकता है।
वेजाइना के अंदर आईयूडी का धागा न मिलने पर डॉक्टरी जांच अवश्य करवाएं। इसके अलावा पेनफुल सेक्स, पेट में ऐंठन और हैवी ब्लीडिंग होने पर जांच अवश्य करवाएं। बार बार थिक डिसचार्ज और दुर्गंध आने पर डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपकी आईयूडी अपने स्थान से हिल चुकी हैं, तो उसे निकलवाकर दोबारा इंसर्ट करवाना आवश्यक है। इसके अलावा आईयूडी किसी भी प्रकार के सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से आपकी रक्षा नहीं करता है। इसके लिए कण्डोम का प्रयोग अवश्य करें।