UTI during Period : पीरियड के दौरान बढ़ जाती है यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या, एक्सपर्ट बता रही हैं कारण

पीरियड के दौरान पीरियड क्रैम्प, बैक पेन आम है। गर्मी के साथ-साथ विंटर सीजन में भी माहवारी के दौरान यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, यानी मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। कुछ उपाय अपनाकर यूटीआई से बचाव किया जा सकता है।
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यूटीआई और पीरियड के बीच संबंध है। यही वजह है कि माहवारी के दौरान यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक हो जाती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
Published On: 1 Jan 2024, 08:00 pm IST
Dr. Ritu Sethi
मेडिकली रिव्यूड

जाड़े के दिनों में हमें आलस्य अधिक घेरता है। हम पीरियड के दौरान बार-बार पैड बदलने से भी कतराते हैं। इस कारण बैक्टीरिया ग्रो करने की संभावना भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि इस दौरान यूटीआई इन्फेक्शन अधिक होते हैं। पीरियड के दौरान हॉर्मोन में बदलाव भी होते हैं। इस कारण पीरियड की समस्या और बढ़ सकती है। एक्सपर्ट और शोध बताते हैं कि यूटीआई और पीरियड के बीच संबंध है। यही वजह है कि माहवारी के दौरान यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक हो जाती है। जानते हैं क्या है कनेक्शन (period and uti connection)?

क्या है यूटीआई ( Urinary Tract Infection)

बैक्टीरियल इन्फेक्शन ही यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन है। यह महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ को प्रभावित करने वाली सामान्य समस्या है। हानिकारक बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश करते हैं, तो ये बड़ी संख्या में वहां बढ़ने लगते हैं।

इसके कारण यूरिन पास करने के दौरान जलन होना, जल्दी-जल्दी यूरीन पास करने की इच्छा, थोड़ी मात्रा में पेशाब आना, पेशाब में तेज गंध होना, यूरीन में खून आना, पेल्विक रीजन के मध्य भाग में दर्द होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यदि इसकी ट्रीटमेंट नहीं की जाती है, तो यह किडनी इन्फेक्शन और ब्लड इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।’

जानिए क्यों पीरियड के दौरान ज्यादा होता है यूटीआई का जोखिम (Period and UTI Connection)

मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। पीरियड के दौरान होने वाला तनाव यूटीआई का एक और कारण हो सकता है। जब मासिक धर्म के हार्मोनल बदलावों के दौरान तनाव और चिंता का अनुभव किया जाता है, तो शरीर हाई कोर्टिसोल का निर्माण करता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है।

पीरियड के दौरान एस्ट्रोजन लेवल कम होता है। इससे यूटीआई होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ महिलाएं पीरियड के दौरान अधिक बार सेक्स करती हैं। इस दौरान उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम होती है। ठंड के दिनों में हम अधिक देर से पैड और टेम्पोन बदलते हैं। यूटीआई होने का कारण पैड और टैम्पोन का देरी से चेंज करना भी हो सकता है। इसमें बैक्टीरिया जल्दी ग्रो कर सकते हैं।

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पीरियड के दौरान एस्ट्रोजन लेवल कम होता है। इससे यूटीआई होने की संभावना बढ़ जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

अंडरवियर नहीं बदलने से भी यह समस्या हो सकती है। लेट पीरियड भी यूटीआई का कारण बन सकता है। इनके अलावा थायराइड की स्थिति, तनाव, अत्यधिक वजन बढ़ना या वेट लॉस, डायबिटीज भी माहवारी के समय को प्रभावित कर सकते हैं।

यहां हैं बचाव के लिए पीरियड सेफ्टी टिप्स (Tips to prevent urinary tract infection during period)

1. पैड या टैम्पोन को गंदा होने से पहले बदलें

बार-बार पैड और टैम्पोन बदलने से यूटीआई की संभावना कम हो सकती है। पैड और टैम्पोन जल्दी बैक्टीरिया ग्रो कर सकते हैं और इसे यूरीनरी ट्रैक्ट में फैला सकते हैं। टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) जैसे संक्रमणों से बचने के लिए पैड और टैम्पोन बदलने के महत्व के बारे में जानना जरूरी है। उन्हें बदलने से वह जोखिम कम हो जाता है।

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2. मुलायम बनावट वाले फेमिनिन केयर प्रोडक्ट अवॉयड करें

अच्छी सुगंध और मुलायम बनावट वाले फेमिनिन केयर प्रोडक्ट को अवॉयड करें। इनसे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सिंथेटिक और सुगंध वाले केमिकल प्रोडक्ट यूरिनरी ट्रैक्ट को संक्रमित कर सकते हैं। हमेशा कॉटन, केमिकल-फ्री और आर-पार हवा आने-जाने वाले पैड और टैम्पोन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें।

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अच्छी सुगंध और मुलायम बनावट वाले फेमिनिन केयर प्रोडक्ट को अवॉयड करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. सेक्सुअल हाइजीन का ध्यान रखें (Sexual Hygiene)

यूटीआई से बचने के लिए गुड सेक्सुअल सेनिटेशन महत्वपूर्ण है। यौन क्रिया के बाद पेशाब करने से मूत्र प्रणाली में मौजूद बैक्टीरिया बाहर आ सकते हैं। यदि यूटीआई से ग्रस्त हैं, तो सेक्स संबंधित संक्रमणों से बचने के लिए सेक्स के बाद दोनों पार्टनर स्नान करना शुरू कर दें। इसके अलावा फाइबर से भरपूर फ़ूड, खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। इससे इन्फेक्शन का खतरा नहीं रहता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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