सेक्स के दौरान बॉडी में कई प्रकार के बदलाव आते हैं। इसके चलते शरीर में होने वाला डिस्चार्ज बिल्कुल नॉर्मल कहलाता है। वहीं दूसरी ओर अगर आप सेक्स के दौरान दर्द, सूजन और ब्लीडिंग महसूस कर रहे हैं, तो ये किसी बड़ी बीमारी का एक प्राथमिक संकेत भी हो सकता है। यौन संबधों के दौरान अगर आप भी ब्लीडिंग अनुभव कर रही है, तो इन बातों पर ज़रूर गौर करें। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से वेजाइनल ब्लीडिंग (vaginal bleeding after sex) किन कारणों से होने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक 63 फीसदी पोस्ट मेनोपॉजल महिलाएं सेक्स के दौरान वेजाइनल ब्लीडिंग और स्पॉटिंग को महसूस करती है। इसके अलावा पीरियडस सेक्स के दौरान 9 फीसदी महिलाओं को ब्लीडिंग होती है। इसे पोस्टकोइटल ब्लीडिंग कहा जाता है। इसके अलावा अगर आपकी हल्की ब्लीडिंग महसूस कर रही हैं, तो वो परेशानी का कारण नहीं है।
इस बारे में बातचीत करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी का कहना है कि सेक्स के दौरान वेजाइनल डिस्चार्ज नॉर्मल कहलाता है। अगर आपको ब्लीडिंग हो रही है या बार बार स्पॉटिंग की समस्या से गुज़रना पड़ रहा है, तो इसकी जांच अवश्य करवा लें। इसके अलावा अगर हर बार सेक्स के दौरान आप इस समस्या से होकर गुज़रती हैं, तो ये किसी बीमारी का कारण भी साबित हो सकता है।
शरीर में एस्ट्रोजेन की कमी पोस्ट सेक्स होने वाली ब्लीडिंग का कारण बन जाती है। दरअसल, शरीर में एस्ट्रोजेन कम होने से योनि में सूखापन आने लगता है। आमतौर पर मनोपॉज के नज़दीक इस तरह की स्थिति से होकर गुज़रना पड़ता है। इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ रितु सेठी का कहना है कि इंटरकोर्स के दौरान अगर आप दर्द और जलन महसूस कर रही हैं, तो इससे वेजाइना की लाइनिंग प्रभावित होने लगती है।
उम्र के साथ साथ योनि में सूखापन बढ़ने लगता है। अगर आप ल्यूब्रिकेंट का प्रयोग नहीं करती हैं, तो उससे वेजाइना में ड्राइनेस बढ़ने लगती है, जिससे सेक्स के बाद ब्लीडिंग का जोखिम बना रहता है। सेक्स के दौरान महिलाओं को पूरी तरह से अराउज़ल न होने के चलते दर्द व जलन महसूस होती है। इसके चलते यौन संबध बनाने के बाद ब्लीडिंग होने लगती है। जो वेजाइना के लिए भी नुकसानदायक है।
वे लोग जो पीरियड्स के दौरान सेक्स करते है। उन्हें सेक्स के बाद ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पीरियड शुरू होने से कुछ दिन पहले अगर आप सेक्स कर रही है, तो भी माइनर ब्लीडिंग की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज भी इसकी वजह बन सकते हैं। इसके चलते वेजाइना में सूजन का सामना करना पड़ता है।
योनि में होने वाला संक्रमण भी इसका एक कारण बन सकता है। इससे योनि से स्मैल, इचिंग और व्हाइट डिसचार्ज होने लगता है। इसके चचले वेजाइना में स्वैलिंग और दर्द अनुभव होने लगता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन या यीस्ट इंफेक्शन बढ़ने से होने वाला ये संक्रमण ब्लीडिंग का कारण साबित होता है। 15 वर्ष की उम्र के बाद इसका खतरा योनि में बना रहा है। इससे बचने के लिए वजाइनल हाइजीन का ख्याल रखना ज़रूरी है। इसके अलावा डॉक्टरी जांच भी ज़रूरी है। एक्सर्पट के मुताबिक महिलाओं को अपने लाइफटाइम में बैक्टीरियल इंफेक्शन से होकर गुज़रना पड़ता है।
सर्वाइकल कैंसर भी वजाइना से अचानक होने वाली ब्लीडिंग का एक कारण साबित हो सकता है। यौन संबध बनाने के दौरान अगर आप ब्लीडिंग का अनुभव कर रही हैं, तो ये सर्वाइकल कैंसर की ओर इशारा करता है। इसके अलावा पोस्टमोनोपॉजल ब्लीडिंग भी यूटरिन कैंसर का संकेत हो सकता है। ये ब्लीडिंग पेनलेस होती है, जो सेक्स के दौरान टीशू डैमेज होने के कारण होने लगती है। 30 की उम्र के बाद इस प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्क्रीनिंग परीक्षणों के ज़रिए इस समस्या की खोजबीन की जा सकती है।
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