हार्ट और लंग्स ही नहीं, आपकी सेक्स लाइफ को भी नुकसान पहुंचाता है वायु प्रदूषण, जानें क्या है बचाव का तरीका

इस दीवाली सीजन एयर पॉल्युशन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में सांस संबंधी समस्याएं सहित इंफेक्शन, एलर्जी, त्वचा से जुड़ी परेशानी, यहां तक कि सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होती है।
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पास्ट के कारण सेक्स में दिलचस्पी कम हो जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 9 Nov 2023, 09:01 pm IST
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वातावरण की वर्तमान स्थिति से तो हम सभी वाकिफ हैं। एयर पॉल्यूशन (air pollution), लैंड पॉल्यूशन, वॉटर पॉल्यूशन से लेकर तमाम अन्य प्रदूषक हम सभी की सेहत के दुश्मन बनते जा रहे हैं। खासकर इस दीवाली सीजन एयर पॉल्युशन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में सांस संबंधी समस्याएं सहित इंफेक्शन, एलर्जी, त्वचा से जुड़ी परेशानी, यहां तक कि सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होती है। जी हां! प्रदूषण का असर सेक्सुअल एक्टिविटी से लेकर फर्टिलिटी पर भी पड़ता है।

अब आप सोच रही होंगी आखिर पॉल्यूशन किस तरह से सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित कर सकता है? आपके इस सवाल से जुड़ी उचित जानकारी के लिए हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट अस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने सेक्सुअल लाइफ पर प्रदूषण (air pollution) के नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया है, और सभी से आग्रह की है की इस दिवाली जितना हो सके उतना कम प्रदूषण फैलाएं।

जानें किस तरह एयर पॉल्यूशन सेक्सुअल हेल्थ को करती है प्रभावित (Air pollution effect on sex health)

1. टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आ जाती है

कॉर्टिसोल, टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन और थाइरोइड कुछ ऐसे हार्मोन हैं, जो आपको सेक्शुअली एक्टिव और आपके मूड को बैलेंस रखने के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। वातावरण में बढ़ता एयर पॉल्यूशन इन हॉर्मोन्स को डिस्टर्ब कर देता है, जिसकी वजह से सेक्सुअल लाइफ प्रभावित हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति सेक्सुअल एक्टिविटीज को पूरी क्षमता के साथ परफॉर्म नहीं कर पाता, परिणामस्वरूप सेक्सुअल लाइफ संतुष्टीजनक नहीं रह जाती है। वहीं एयर पॉल्यूशन की वजह से महिला एवं पुरुष दोनों को उत्तेजित होने में परेशानी आती है।

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क्सुअल लाइफ पर प्रदूषण (air pollution) के नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया है. चित्र : अडोबी स्टॉक

2. लिबिडो पर पड़ता है नकारात्मक असर

एयर पॉल्यूशन लिबिडो की कमी का कारण बन सकता है। साथ ही यह स्पर्म क्वालिटी को भी प्रभावित करता है। हवा में मौजूद हाइड्रोकार्बन और हेवी मेटल जैसे कि मरकरी और कैडमियम हॉर्मोन्स को असंतुलित कर देते हैं, साथ ही साथ पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी को प्रभावित करते हैं। इनकी वजह से टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है, जो लिबिडो की कमी का कारण बनता है।

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3. पुरुषों को हो सकता है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

यदि आपके आसपास का वातावरण प्रदूषित है, खासकर आप एयर पोल्यूटेड एरिया में रहती हैं, तो इस स्थिति में पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की स्थिति देखने को मिल सकती है। सांस के माध्यम से टॉक्सिक पदार्थों को इन्हेल करने से ब्लड वेसल्स में इन्फ्लेमेशन बढ़ जाता है, और इंटिमेट एरिया तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। दी जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण भी इरेक्टाइल फंक्शन को प्रभावित करता है।

4. प्रेग्नेंट महिला और उनके गर्भस्थ शिश पर भी पड़ता है एयर पॉल्यूशन का असर

दिन प्रतिदिन एयर पॉल्यूशन बढ़ रहा है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं की सेहत पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। खासकर जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान एयर पोल्यूटेंट एरिया में रहती हैं, उनके लिए यह अधिक खतरनाक हो सकता है। इसकी वजह से इन्फेंट मोर्टालिटी, लोअर बर्थ वेट, इंपेयर्ड लंग्स डेवलपमेंट और अंडरडेवलप्ड इम्यूनिटी जैसे कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसी और सुविधाओं से बचने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान एयर पोल्यूटेड एरिया में जाने से बचें। कम से कम ट्रैवल करने की कोशिश करें और घर के अंदर भी पॉल्यूशन से जितना हो सके उतना बचें।

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क्या महिलाओं को इंटीमेट वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए?

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फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें कैसे कम कर सकती हैं एयर पॉल्यूशन से होने वाले दुष्प्रभाव (How to control air pollution health hazards)

एयर पॉल्यूशन से बचने के साथ-साथ हमें इसे रोकने पर विचार करना चाहिए। एयर पॉल्यूशन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है, नियमित रूप से एयर पॉल्यूशन फोरकास्ट की जानकारी लेना। छोटी दूरी के लिए मोटरसाइकिल और अन्य पेट्रोल, डीजल वाले व्हीकल का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा कोशिश करें कि सुबह के समय सारे काम पूरे कर लें। आवश्यकता न होने पर ट्रैफिक एरिया को अवॉइड करें।

कोशिश करें कि खाली और सीधे रास्ते से निकलें। लकड़ी या अन्य कचरे को जलाने जे बचें, खासकर प्लास्टिक मटेरियल को कभी न जलाएं, क्योंकि यह सभी हार्मफुल गैस रिलीज करते हैं, जो आसपास के वातावरण में वायु प्रदूषण का कारण बनता है। इसके अलावा घर के अंदर की एयर क्वालिटी को इंप्रूव करने के लिए एयर प्यूरीफायर ले सकती हैं।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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