आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर (low libido) कम होना एक आम समस्या है। बढ़ती आयु या तमाम तरह के कारणों के चलते ऐसा होना स्वाभाविक है। महिलाओं में होने वाले तनाव, रिश्तों को लेकर होने वाली तमाम समस्याएं, कुछ दवाएं, हार्मोनल असंतुलन और साथ ही पीरियड्स के दौरान होने वाली तमाम स्वास्थ्य समस्याएं महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर को कम (low sexual desire) करने का योगदान करती हैं।
महिलाओं में कम होती सेक्सुअल डिजायर के चलते, उनके संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर कम होने की इस समस्या को कम करने के लिए कुछ लोग आपको अपने पार्टनर के साथ भावनात्मक रूप से संबंधों को और मज़बूत करने की सलाह देते हैं, तो वहीं कुछ लोग सेक्स ड्राइव को बेहतर बनाने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स (Supplements to improve libido) लेने का सुझाव भी देते हैं।
दुनिया में मौजूद तमाम लोगों के लिए अलग-अलग चीज़ों की डेफिनेशन और उसके प्रति उनकी भावनाएं स्वाभाविक रूप से अलग होती हैं। ऐसा जरूरी नहीं, जो चीज़ आपको पसंद हो वो किसी और व्यक्ति को भी पसंद हो। फिर चाहे वो दूसरा व्यक्ति कोई पराया हो, आपका कोई परिजन या विशेषकर आपका पार्टनर ही क्यों न हो। पार्टनर के साथ आमतौर पर व्यक्ति काफी कंपैटिबल होता है। जब बात पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाने की आती हैं, तब ऐसा जरूरी नहीं कि इसको लेकर दोनों ही पार्टनर्स उतने उत्साहित हो।
महिलाओं में कामेच्छा की कमी और सेक्सुअल ड्राइव बढ़ाने के तरीकों पर बात करने के लिए हेल्थशॉट्स ने पुणे स्थित क्लाउडनाइन हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स और गायनोकॉलिजस्ट डॉ. मधु जुनेजा से संपर्क किया। डॉ. मधु ने बताया कि कामेच्छा की कमी किसी भी तरह का कोई गुनाह या समस्या नहीं हैं, बल्कि यह शारीरिक रूप से किन्हीं कारणों की वजह से होता है। महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर (Sexual Desire) कम होने के कई कारण हो सकते हैं, और इसमें शारीरिक और मानसिक अंश शामिल हो सकते हैं।
हार्मोन्स महिलाओं के सेक्सुअल इंटरेस्ट को नियंत्रित कर सकते हैं। आमतौर पर पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या किन्हीं अन्य कारणों के चलते हार्मोनल इम्बैलेंस होता है। जिसके कारण महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर कम होता है।
कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे डायबिटीज़ , हार्ट रोग, थायराइड और अनेक परेशानियां महिलाओं के सेक्सुअल इंटरेस्ट को प्रभावित करती है, जिससे उनके कामेच्छा में कमी आती है।
आजकल की व्यस्त दिनचर्या के कारण लोगों को तमाम तरह की मानसिक समस्याएं जैसे स्ट्रेस, डिप्रेशन तमाम परेशानियां महिलाओं के सेक्सुअल इंटरेस्ट को कम कर सकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य को व्यवस्थित करने वाली एंटीडीप्रीसेंट्स और यौन संबंधी समस्याओं को व्यसवस्थित करने वाली कुछ कॉन्ट्रासेप्टिव दवाओं के कारण भी महिलाओं में सेक्सुअल इंटरेस्ट कम हो सकता है।
महिलाओं में बढ़ती उम्र, खासकर मेनोपॉज़ के बाद की उम्र उनके सेक्सुअल डिजायर में आने वाली कमी का एक कारण हैं। साथ ही शराब, सिगरेट पीने जैसी खराब आदतें भी सेक्सुअल इंटरेस्ट को कम करने का काम करती हैं।
कई लोगों का मानना होता है कि कुछ मेडिकल सप्लीमेंट्स का प्रयोग करके महिलाओं में सेक्सुअल फ़ीलिंग्स को बढ़ाया जा सकता है। इस मुद्दे पर डॉ.मधु बताती है कि महिलाओं में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए कई ऐसे मेडिकल सप्लीमेंट्स हैं, जो सकारात्मक प्रभाव दिखाते है। लेकिन उनके अनुसार, किसी भी दवाई का सेवन या मेडिकल सप्लीमेंट्स का प्रयोग करने से पहले एक बार किसी डॉक्टर की सलाह लेना बेहद आवश्यक होता है। आमतौर पर सप्लीमेंट्स शरीर में अपर्याप्त मात्रा में मौजूद खनिजों की पूर्ति कर, सेक्सुअल फीलिंग्स बढ़ाने का काम करती है।
कुछ सप्लीमेंट्स में विटामिन डी,विटामिन सी, जिंक और फोलिक एसिड ऐसे तत्व होते हैं, जिनके सेवन के बाद महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ में सुधार होता है।
कुछ महिलाओं में हार्मोनल स्तर के असंतुलित होने के कारण सेक्सुअल डिजायर में कमी आती है। ऐसे में डॉक्टर के द्वारा बताई गई हॉर्मोनल इम्बैलेंस को व्यवस्थित करने वाली दवाइयों से सेक्सुअल फीलिंग्स को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
महिलाओं में कामेच्छा की कमी स्ट्रेस लेवल के बढ़ने के कारण भी होती है। ऐसे में अत्यधिक स्ट्रेस के कारण उसको प्रबंधित करने के लिए कुछ डॉक्टर्स स्ट्रेस कम करने की दवाएं देते हैं। ऐसी दवाएं महिलाओं की सेक्सुअल फीलिंग्स में बढ़ोतरी में सहायक होती है।
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