स्वस्थ शरीर के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल में हेल्दी सेक्सुअल लाइफ भी आते हैं। इससे हमारा शरीर और मन दोनों हेल्दी रहता है। इससे मैरिज लाइफ भी सफल होती है। हम कुछ बातों को जानते हुए भी उसका अनुसरण नहीं कर पाते हैं। आयुर्वेद उन्हीं सामान्य बातों की तरफ इशारा करता है, जिनकी जानकारी सभी को हो सकती है। यहां विशेषज्ञ उन्हीं बातों को रिकॉल (Ayurveda about sex) करने के लिए कहती हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. रेखा राधामोनी इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, आयुर्वेद के अनुसार जब महिला पार्टनर को पीरियड्स आ रहे हों, तो कपल को सेक्स करने से बचना चाहिए। पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है। इसमें एंडोमेट्रियल कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर बढ़ती हैं। यह अक्सर अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब तक बढ़ जाती हैं। सेक्स करना तभी सेफ है जब प्राइवेट पार्ट्स साफ और स्वस्थ हों। यह किसी भी प्रकार के संक्रमण और जटिलताओं को रोकने में मदद करता है। पार्टनर के प्रति चीटिंग, एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर की मनाही की जाती है। इससे कभी भी वैवाहिक जीवन सफल नहीं हो सकता है।
आयुर्वेद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी वजन जरूरी मानता है। बहुत अधिक वजन वाले या मोटे लोगों को सेक्स करने से बचना चाहिए। खाली पेट या भारी भोजन के बाद सेक्स करने से वात और पित्त दोष में असंतुलन पैदा हो सकता है। इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। असंतुलन पाचन समस्याओं, सिरदर्द, गैस्ट्राइटिस को जन्म दे सकता है। बीमार या शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं होने पर कभी भी सेक्स नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेद गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के तुरंत बाद यौन संबंध बनाने की सलाह नहीं देता है। व्यक्ति को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। सी-सेक्शन के मामले में कम से कम 5 महीने का समय और सामान्य प्रसव के मामले में 2-3 महीने का अंतराल रखना चाहिए। इससे स्वस्थ यौन जीवन सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है। इससे महिला के शरीर को अच्छी तरह से ठीक होने में मदद मिलेगी। .आयुर्वेद हिंसक सेक्स का सख्त विरोध करता है। प्यार करना आत्मा को डराने के बजाय शांत करना है। सेक्स के दौरान हिंसा अनहेल्दी है। आयुर्वेद के अनुसार ओरल सेक्स सही नहीं है।
नियमित व्यायाम और उचित पोषण के अलावा कई हर्ब्स यौन जीवन को बढ़ावा देने में काफी मदद कर सकते हैं। शिलाजीत, अश्वगंधा, स्वर्ण भस्म, जायफल और केसर जैसे आयुर्वेदिक तत्व काफी फायदेमंद है।
शिलाजीत : स्टैमिना बढ़ाने में यह बेहतरीन तरीके से काम करता है। यही कारण है कि इसे इंडियन वियाग्रा के नाम से जाना जाता है। यह यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाने और कमजोरियों से निपटने में मदद करता है।
अश्वगंधा : यह एक ऐसा हर्ब है, जो पुरुषों में यौन इच्छा को बेहतर बनाने और इनफर्टिलिटी से निपटने में मदद करती है।
स्वर्ण भस्म : पुरुषों में सेक्सुअल डिज़ायर में कमी और अन्य यौन समस्याओं के इलाज के लिए स्वर्ण भस्म सबसे अच्छी औषधि में से एक मानी जाती है। यह यौन कमजोरी के इलाज में भी मदद करता है।
जाययफल: प्रीमेच्योर इजेकुलेशन से निपटने में सबसे अच्छा काम करता है। यह यौन जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। इसे महिलाओं के लिए वियाग्रा के नाम से जाना जाता है। इसकी सुगंध का उपयोग अक्सर यौन इच्छाओं को जगाने के लिए किया जाता है।
केसर : इसे दूध के साथ मिलाकर पीने से पार्टनर को उत्तेजित करने में मदद मिल सकती है। इससे सेक्स जीवन में सुधार हो सकता है।
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