किशमिश स्वाद में लाजवाब, आसानी से उपलब्ध, स्वास्थ्यवर्धक और विभिन्न तरीकों से सेवन की जा सकती है। लाल किशमिश की तरह काली किशमिश भी स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ देती है। यदि पानी में भिगोकर सही तरीके से इसका सेवन किया जाए, तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर (black raisin water benefits) हो सकती हैं।
काली किशमिश का पानी काली किशमिश को रात भर भिगोकर अगले दिन छानकर बनाया जाता है।भिगोने से किशमिश के सभी विटामिन और खनिज पानी में आ जाते हैं, जबकि चीनी की मात्रा सीमित हो जाती है। यह प्रक्रिया शरीर, बालों के विकास और त्वचा के लिए लाभों को कई गुना बढ़ा देती है। काली किशमिश का पानी काली किशमिश या मुनक्का से बनाया जाता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट बताती हैं, ‘यह आयरन, कॉपर और विटामिन से भरपूर होता है, जो रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है। यह ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करता है। यह पीसीओएस, अनियमित पीरियड और पीरियड के दौरान ब्लड के थक्के जमने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह एनीमिया को भी रोकने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया से बचा जा सकता है। यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
डॉ. नीतू भट्ट के अनुसार, काली किशमिश में अमीनो एसिड मोजूद होता है, जो सेक्सुअल हेल्थ में सुधार करता है। अमीनो एसिड गर्भधारण की संभावना को भी बढ़ा सकता है। इसमें मौजूद एल-आर्जिनिन गर्भाशय और अंडाशय में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। सेक्स से दो से तीन घंटे पहले इसका सेवन करने से यह कामोत्तेजक के रूप में भी काम कर सकता है।
काली किशमिश में मौजूद विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट स्किन को स्वस्थ करते हैं। इसके डिटॉक्सिंग और एंटी-एजिंग गुण स्किन को साफ़, चमकदार और टाइट बनाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी मुंहासों को रोकने में भी मदद कर सकता है। नियमित सेवन से मुंहासे भी कम हो सकते हैं। स्किन के लिए 8-10 भिगोये हुए किशमिश के एक कप पानी को खाली पेट पिया जा सकता है।
हार्मोनल असंतुलन के कारण कम अंडे बनना और इनफर्टाइल अंडे बन सकते हैं। फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए 150 ग्राम अच्छी गुणवत्ता वाली काली किशमिश लें। इनमें 2 कप पानी मिलाएं। इसे ढककर रात भर छोड़ दें। इसे अगले दिन छान लें। किशमिश को भी कुचलकर उसका रस पानी से निकाल लें। इसे पियें। गर्भावस्था के दौरान पानी में भिगोई हुई काली किशमिश कब्ज से प्रभावी रूप से राहत दिलाती है। यह महिलाओं को मल त्याग करते समय दबाव डालने से राहत देता है, जो बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
लगभग दस काली किशमिश को 10-15 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद इन किशमिश को एक गिलास दूध में उबाल लें। इसका असर देखने के लिए 2-3 दिन तक सोने से पहले इस ड्रिंक का सेवन करें। गर्भवती महिलाओं के लिए किशमिश पानी का दैनिक सेवन 1.5 कप है। यदि डायबिटीज़ है, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लेना सबसे अच्छा है।
काली किशमिश के पानी में बहुत कम शर्करा होती है। यह हॉर्मोन बैलेंस में सुधार कर पीसीओएस समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। इसके फाइबर वेट मैनेजमेंट ( Black Raisins Fibre for Weight Management) में मदद कर सकते हैं।
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