क्या आप सुबह सबसे पहले बोवेल मूवमेंट या पूप का अनुभव करती हैं या सुबह के ब्रेकफास्ट के बाद या एक कप चाय के बाद पूप की इच्छा होती है? दोनों ही सामान्य बात है। यदि पूप सही तरीके से एक निश्चित समय पर होता है, तो इसका मतलब है कि पाचन तंत्र सामान्य है। सबसे पहले जानते हैं कि रोज सुबह पूप क्यों करना पड़ता है? क्या यह हेल्दी डायजेस्टिव सिस्टम का साइन (morning poop) है।
नींद की गुणवत्ता पाचन क्रिया को प्रभावित करती है। आंत पर नींद का प्रभाव काफी हद तक सर्कैडियन रिदम से प्रभावित होता है। यह शरीर की आंतरिक घड़ी की तरह होता है। नींद और जागने के 24-घंटे के चक्र पाचन क्रिया सहित शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नींद के दौरान शरीर कुछ पाचन कार्यों को कम कर देता है, जिसमें लार निकलना, निगलने की दर और ऊपरी एसोफेजियल स्फिंक्टर दबाव शामिल है। अधिकांश नींद के दौरान गैस्ट्रिक खाली हो जाती है। इसका मतलब है कि पेट में छोटी आंत को खाली करना धीमा हो जाता है। ऊपरी एसोफेजियल दबाव में कमी हो जाती है। यही कारण है कि सोने से ठीक पहले खाने से एसिड रिफ्लक्स के साथ और अधिक समस्याएं हो सकती हैं। सोते समय आंत की गतिशीलता धीमी हो जाती है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. रेखा राधामोनी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘सुबह उठकर हम एक्टिव हो जाते हैं। मॉर्निंग स्ट्रेच कोलन को उत्तेजित कर देते हैं। साथ ही यदि हम गर्म पानी या चाय कॉफ़ी का सेवन करते हैं, तो आंत और अधिक एक्टिव हो जाती है। पचे हुए भोजन के अपशिष्ट को संग्रहीत करने वाला रेक्टम भी सक्रिय हो जाता (morning poop) है। इसलिए जागने के 30 मिनट से लेकर कुछ घंटे के अंदर हमें बोवेल मूवमेंट की दरकार होने लगती है।’
डॉ. रेखा राधामोनी बताती हैं, ‘यह एक ग़लतफ़हमी है कि हमें हर दिन सुबह सबसे पहले बोवेल मूवमेंट की ज़रूरत होती है। लोग इसके लिए परेशान भी हो जाते हैं, जो सही नहीं है। यदि जागने के तुरंत बाद पूप नहीं कर पाती हैं, तो परेशान न हों। सभी व्यक्ति के शरीर की सायकल अलग होती है। कुछ लोगों को तो ब्रेकफास्ट के बाद पूप की जरूरत महसूस होती है।
प्रति दिन कम से कम एक बार बोवेल मूवमेंट जरूरी है। आप दिन भर में कितनी बार पूप के लिए जाती हैं, यह आपके आहार और जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करता है। दैनिक मल त्याग कुछ हद तक गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स के कारण होता है। खाना खाने से पेट में खिंचाव होता है। इस खिंचाव के जवाब में लार्ज इंटेसटाइन सिकुड़ जाता है और बोवेल मूवमेंट को उत्तेजित कर देता है।
जान लें कि वास्तव में खाली आंत जैसी कोई चीज नहीं होती है। क्योंकि शरीर में अपशिष्ट पदार्थ लगातार उत्पन्न होता रहता है। यदि डायरिया होने की आशंका है, तो यह जानकारी जरूरी है कि एनस की मांसपेशियों के लिए पानी जैसे मल की तुलना में ठोस मल को रोकना आसान होता है, जो पास होने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकता है।
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