scorecardresearch

Pooping Habits : आपकी गट हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताती है आपकी पूपिंग हैबिट, जानिए कुछ अमेजिंग फैक्ट

सुबह पूप करना स्वास्थ्य और विज्ञान दोनों तरह से सामान्य है। सुबह पूप की इच्छा होने के पीछे पाचन तंत्र की ख़ास वजह है। यदि किसी व्यक्ति की रूटीन में यह आदत शामिल है, तो बढ़िया है। लेकिन कोई व्यक्ति सुबह पुती नहीं कर पाता है, तो वह भी सामान्य है।
Published On: 15 Oct 2023, 08:00 am IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
subah poop hona achchhi baat hai.
यदि हम गर्म पानी या चाय कॉफ़ी का सेवन करते हैं, तो आंत और अधिक एक्टिव हो जाती है। चित्र: शटरस्टॉक

क्या आप सुबह सबसे पहले बोवेल मूवमेंट या पूप का अनुभव करती हैं या सुबह के ब्रेकफास्ट के बाद या एक कप चाय के बाद पूप की इच्छा होती है? दोनों ही सामान्य बात है। यदि पूप सही तरीके से एक निश्चित समय पर होता है, तो इसका मतलब है कि पाचन तंत्र सामान्य है। सबसे पहले जानते हैं कि रोज सुबह पूप क्यों करना पड़ता है? क्या यह हेल्दी डायजेस्टिव सिस्टम का साइन (morning poop) है।

सोने के दौरान किस तरह काम करता है पाचन तंत्र (Digestive system works during sleeping)

नींद की गुणवत्ता पाचन क्रिया को प्रभावित करती है। आंत पर नींद का प्रभाव काफी हद तक सर्कैडियन रिदम से प्रभावित होता है। यह शरीर की आंतरिक घड़ी की तरह होता है। नींद और जागने के 24-घंटे के चक्र पाचन क्रिया सहित शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नींद के दौरान शरीर कुछ पाचन कार्यों को कम कर देता है, जिसमें लार निकलना, निगलने की दर और ऊपरी एसोफेजियल स्फिंक्टर दबाव शामिल है। अधिकांश नींद के दौरान गैस्ट्रिक खाली हो जाती है। इसका मतलब है कि पेट में छोटी आंत को खाली करना धीमा हो जाता है। ऊपरी एसोफेजियल दबाव में कमी हो जाती है। यही कारण है कि सोने से ठीक पहले खाने से एसिड रिफ्लक्स के साथ और अधिक समस्याएं हो सकती हैं। सोते समय आंत की गतिशीलता धीमी हो जाती है।

क्यों सुबह पूप की इच्छा होती है (What is the cause of morning poop)

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. रेखा राधामोनी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘सुबह उठकर हम एक्टिव हो जाते हैं। मॉर्निंग स्ट्रेच कोलन को उत्तेजित कर देते हैं। साथ ही यदि हम गर्म पानी या चाय कॉफ़ी का सेवन करते हैं, तो आंत और अधिक एक्टिव हो जाती है। पचे हुए भोजन के अपशिष्ट को संग्रहीत करने वाला रेक्टम भी सक्रिय हो जाता (morning poop) है। इसलिए जागने के 30 मिनट से लेकर कुछ घंटे के अंदर हमें बोवेल मूवमेंट की दरकार होने लगती है।’

morning poop jaroori
मॉर्निंग स्ट्रेच कोलन को उत्तेजित कर देते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्या सुबह पूप नहीं होना अनहेल्दी है? (Is it unhealthy not to poop in the morning)

डॉ. रेखा राधामोनी बताती हैं, ‘यह एक ग़लतफ़हमी है कि हमें हर दिन सुबह सबसे पहले बोवेल मूवमेंट की ज़रूरत होती है। लोग इसके लिए परेशान भी हो जाते हैं, जो सही नहीं है। यदि जागने के तुरंत बाद पूप नहीं कर पाती हैं, तो परेशान न हों। सभी व्यक्ति के शरीर की सायकल अलग होती है। कुछ लोगों को तो ब्रेकफास्ट के बाद पूप की जरूरत महसूस होती है

कितनी बार पूप करना सही (How many times poop is healthy)

प्रति दिन कम से कम एक बार बोवेल मूवमेंट जरूरी है। आप दिन भर में कितनी बार पूप के लिए जाती हैं, यह आपके आहार और जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करता है। दैनिक मल त्याग कुछ हद तक गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स के कारण होता है। खाना खाने से पेट में खिंचाव होता है। इस खिंचाव के जवाब में लार्ज इंटेसटाइन सिकुड़ जाता है और बोवेल मूवमेंट को उत्तेजित कर देता है

subah poop nhin hona chinta ki baat nhin.
प्रति दिन कम से कम एक बार बोवेल मूवमेंट जरूरी है। चित्र- अडोबी स्टॉक

क्या आंतें खाली हो सकती हैं?

जान लें कि वास्तव में खाली आंत जैसी कोई चीज नहीं होती है। क्योंकि शरीर में अपशिष्ट पदार्थ लगातार उत्पन्न होता रहता है। यदि डायरिया होने की आशंका है, तो यह जानकारी जरूरी है कि एनस की मांसपेशियों के लिए पानी जैसे मल की तुलना में ठोस मल को रोकना आसान होता है, जो पास होने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकता है।

यह भी पढ़ें :-अगर पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो अपनाएं आयुर्वेद के ये नियम

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख