सेक्स करने से पहले हमारे मन में कई तरह के सवाल उठ सकते हैं कि जैसे “क्या में अच्छी दिख रही हूं? क्या इसमें दर्द होगा? मैं अपने पार्टनर को ऑर्गेज्म कैसे करवा सकती हूं? क्या होगा अगर उन्हें पसंद नहीं आया जो मैं कर रही हूं?” तो यदि आपके मन में भी इसी तरह के सवाल उठ रहे हैं, तो आप हो सकती हैं सेक्सुअल एंग्जाइटी (Sexual Anxiety) की शिकार।
यदि आप पहली बार सेक्स कर रही हैं या किसी नए व्यक्ति से साथ संबंध बना रही हैं, तब इस तरह से सवाल मन में आना लाज़मी है। मगर यदि आपको सेक्स करने से हमेशा मन में डर और चिंता के भाव आने लगते हैं, तो आप सेक्सुअल एंग्जाइटी (Sexual Anxiety) का शिकार हैं। यह आपको सेक्स के दौरान आनंद का अनुभव करने से रोक सकता है।
इसके ट्रिगर्स के बारे में जानने के लिए, और यह जानने के लिए कि इसे कैसे दूर किया जाए, हेल्थ शॉट्स क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु, इलेक्ट्रॉनिक सिटी की वरिष्ठ सलाहकार, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ लावण्या किरण के पास पहुंची।
डॉ किरण बताती हैं – “सेक्सुअल एंग्जाइटी या सेक्सुअल परफॉर्मेंस की चिंता पुरुषों और महिलाओं दोनों में काफी कॉमन है, लेकिन बहुत कम महिलाएं इसकी रिपोर्ट करती हैं।” सेक्सुअल एंग्जाइटी कई पुरुषों में शीघ्रपतन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है, क्या आप जानते हैं कि यह महिलाओं में वैजिनिस्मस (vaginismus) नामक स्थिति के लिए भी जिम्मेदार है? पेनिट्रेटिव सेक्स के डर के कारण वैजिनिस्मस योनि की मांसपेशियों में ऐंठन और कसावट का कारण बनता है।
सेक्सुअल एंग्जाइटी के पीछे बॉडी डिस्मॉर्फिया एक बड़ा कारण हो सकता है। यदि आप लगातार अपने आप को समाज द्वारा स्थापित किए गए फेक ब्यूटी स्टैंडर्ड पर खरा उतारने की कोशिश कर रही हैं, तो यह एक समस्या है जो आपके दिमाग पर हावि हो सकती है। इसलिए इस बात को समझना ज़रूरी है कि इंटरनेट मौजूद सभी लोगों में से कोई भी परफेक्ट नहीं है।
डॉक्टर की सलाह है कि – “खुद से प्यार करना सीखें, अपने शरीर से प्यार करना सीखें। इससे आपको खुद को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।”
यदि आपको लगता है कि सेक्स पेनफुल होने वाला है, खासकर यदि यह आपका पहली बार है, तो आपको सेक्स से बचना चाहिए या अपने पार्टनर से बात करनी चाहिए। या डॉ. किरण के अनुसार आप पेनिट्रेटिव सेक्स करने की हड़बड़ी न करें। फोरप्ले बढ़ाएं। ”
फोरप्ले आपको और आपके साथी को बेहतर तरीके से जानने का अवसर प्रदान करता है। यह आप दोनों को एक-दूसरे के साथ सहज होने का समय देता है। यह आपको उत्तेजित होने का समय देता है। यदि कोई महिला उत्तेजित होती है, तो उसकी यौन ग्रंथियां प्राकृतिक लुब्रिकेशन का स्राव करती हैं, और संभोग के दौरान किसी भी दर्द से बचने के लिए योनि खुद को स्ट्रेच करती है। जब कोई महिला उत्तेजित नहीं होती है, तो उसकी योनि लगभग 2-4 इंच लंबी होती है। लेकिन उत्तेजना के कारण यह लगभग 4-8 इंच तक फैल सकती है।
ऑर्गेज्म तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल हो सकता है और इसका प्रेशर किसी कि भी परफॉर्मेंस पर असर डाल सकता है। खासकर गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं तो यह विशेष रूप से कठिन हो सकता है, क्योंकि आपके कंधों पर पहले से ही उम्मीदों का भार है। एक स्ट्रिक्ट शेड्यूल के अनुसार संभोग करना किसी का भी मूड खराब कर सकता है। इसलिए जब आपको लगे कि आपका मन भविष्य की चिंताओं में भटक रहा है, तो माइंडफुलनेस का अभ्यास करें। अपने आप को याद दिलाएं कि इंटीमेसी का पहला लाभ अपने साथी के करीब होना है। हर सेक्स ऑर्गेज्म तक पहुंचे ये ज़रूरी नहीं है!
बात करना हर समस्या का हल है। इसलिए यदि आपको कभी – कभी परफॉर्मेंस प्रैशर फील होता है, अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें। साथ ही, उन्हें अपनी झिझक और चिंताओं के बारे में बताएं। यकीनन वे आपको समझेंगे और आपको अपनी सेक्सुअल एंग्जाइटी को कम करने में मदद मिलेगी।
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