“मुझे बहुत ज्यादा वीकनेस रहती है, कोई काम करने से पहले शरीर में दर्द भी रहता है। इसके अलावा अचानक खड़े होने पर कभी कभी आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है। बीमारी हर वक्त लगी रहती है। इसका क्या उचार है ये क्यों होता है।” भारत में ज्यादातर महिलाएं इस तरह की समस्या की शिकार रहती हैं। वास्तव में यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि विटामिन बी-12 की कमी के लक्षण हैं। खासतौर से शाकाहारियों में इसकी कमी सबसे ज्यादा देखी गई है। जबकि यह जरूरी विटामिन आपकी मांसपेशियों, मेंटल हेल्थ और एनर्जी के लिए भी जरूरी है। अगर आप भी विटामिन बी12 की कमी से जूझ रहीं हैं, तो आइए जानें कि इसे कैसे दूर करना है।
वास्तव में विटामिन बी-12 की कमी एक नहीं, कई समस्याओं को जन्म दे सकती है। जिसमें एनीमिया, हेमोग्लोबिन की कमी, मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स सहित कई अन्य बीमारियां भी शामिल हैं। अगर आप भी इन समस्याओं से बचकर चुस्त और तुंदुरुस्त रहना चाहती हैं, तो इसे तुरंत करें दूर।
बॉडी में विटामिन बी-12 की मात्रा पूरी होने पर शरीर को भरपूर इनर्जी मिलती है। इसके साथ बी-12 रेड ब्लड सेल्स बनाता है साथ ही पूरे शरीर में पहुंचाता भी है। नर्वस सिस्टम को भी डैमेज होने से बचाता है। आंखों की समस्या को दूर करना, हड्डियों को मजबूत बनाना, दिल को स्वस्थ्य रखना, आदि फायदा है।
शरीर को हर रोज एक तय मात्रा में हर विटामिन की जरूरत पड़ती है। इसमें विटामिन बी-12 भी शामिल है। विटामिन बी-12 की शरीर में हर रोज़ 13 साल या उससे अधिक उम्र की महिला या पुरूष को 2.4 मिलीग्राम जरूरत पड़ती है। 9 से 13 साल तक के बच्चे के लिए 1.8 एमसीजी, 4 से 8 साल के बच्चे के लिए 1.2 एमसीजी, 1 से 3 साल के बच्चे के लिए 0.9 एमसीजी की आवश्यकता पड़ती है। इससे कम की मात्रा से शरीर को बीमारी की तरफ ले जाती है, जिसे ध्यान देने की जरूरत है।
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तेज़ बुखार, हांथ पैर सुन्न होना, थकान और कमज़ोरी होना, ज्यादा पसीना आना, गले में खराश, आंखों में धुंधला दिखाई देना, चलने में मुसीबत, पेट की समस्या, कान में सीटी बजना, मुंह में छाले, डिप्रेशन, स्किन का पीला होना, चक्कर आना, याददश्त कम होना, सांस फूलना, भूख कम लगना आदि समस्याएं हैं। इनमें से कोई समस्या यदि आपको है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और उपचार कराएं। जिससे कोई भी समस्या विकराल रुप न ले सके।
विटामिन बी-12 की कमी को दूर करने के लिए मांसाहार में ज्यादा विकल्प मौजूद हैं। इसके लिए जो नॉनवेज खाता है, वह मछली का सेवन कर इस समस्या से निजात पा सकता है। मछली में विटामिन बी-12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
वहीं जो नॉनवेजीटेरियन नहीं हैं और मछली नहीं खा सकते, वे दूध, दही का नियमित सेवन करके इसकी मात्रा को पूरा कर सकते हैं। वेजीटेरियन को बता दें कि एक कप दही में 29 प्रतिशत विटामिन बी-12 पाया जाता है। दूध में दो एमसीजी विटामिन बी 12 मिलता है। इसके अलावा कैल्शियम, प्रोटीन भी शरीर को मिलता है।
वहीं फोर्टिफाइड नॉन-डेयरी मिल्क में एक कप सोया दूध या बादाम के दूध में 2.1 एमसीजी विटामिन बी12 होता है। दलिया, ओट्स सहित अन्य साबुत अनाजों में भी विटामिन बी 12 के पाया जाता है। इसके साथ आयरन, विटामिन ए और फोलेट की मात्रा अधिक होती है।
अंडे में भी भरपूर मात्रा में विटामिन बी-12 पाया जाता है। जो भी लोग इन चीज़ों का नियमिनत सेवन करते हैं उन्हें विटामिन बी-12 की समस्या का शिकार नहीं होना पड़ता है। यदि आपको कोई समस्या विटामिन बी-12 की है तो इन चीज़ों का सेवन कर के परेशानी से निराकरण पा सकते हैं।
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